आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 8वीं राजनीतिक शास्त्र का पाठ ‘पंथ निरपेक्षता और मौलिक अधिकार’ का वस्तुनिष्ठ प्रश्न को देखने वाले है।
पंथ निरपेक्षता और मौलिक अधिकार
पंथनिरपेक्षता का अर्थ है कि भारत के संविधान के अनुसार सभी लोगों को अपनी-अपनी पंथीय एवं धार्मिक मान्यताओं को अपनाने की पूरी आजादी है।
Q.1 मौलिक अधिकार किसे कहते है?
उत्तर— वैसे अधिकार जो किसी भी व्यक्ति को आत्मसम्मान तथा मानसिक एवं शारीरिक रूप से एक स्वस्थ, आत्मनिर्भर, आजाद जीवन जीने के लिए जरूरी होती है, उसे मौलिक अधिकार कहते है।
★ मौलिक अधिकार को छह भागों में बांटा गया है।
(i) समता का अधिकार— इस अधिकार के अंतर्गत कानून के नजर में सभी लोगों को समान अधिकार दिया गया है। इस अधिकार के द्वारा धर्म, लिंग, जाति और नस्ल के आधार पर किसी भी नागरिक के साथ भेद-भाव नहीं करना है।
(ii) स्वतंत्रता का अधिकार— इस अधिकार के अंतर्गत सभी व्यक्तियों को बोलने, मन पसंद काम करने, और देश के किसी भी भाग में आने-जाने की स्वतंत्रता दी गई है।
(iii) शोषण के विरुद्ध अधिकार— इस अधिकार के द्वारा किसी व्यक्ति पर अत्याचार करना अपराध माना जाता है। जैसे— 14 वर्ष से बच्चे को काम करना अपराध है।
(iv) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार — इस अधिकार के अंतर्गत सभी व्यक्ति को अपना मन पसंदीदा धर्म को चुनने का आजादी दिया गया है।
(v) सांस्कृतिक और शैक्षणिक अधिकार— इस अधिकार के अंतर्गत सभी व्यक्ति को अपनी-अपनी रीति रिवाज, खाना पान और पहनावे की आजादी दी गई है।
(v) संवैधानिक उपचार का अधिकार— इस अधिकार के अंतर्गत यदि किसी नागरिक को लगता है, कि उसका मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ है, तो वह इस अधिकार का सहारा लेकर अदालत जा सकता है।
प्रश्न
Q.1 भारत में मुख्य तौर पर किन-किन धर्मों के लोग रहते हैं ?
उत्तर— भारत में मुख्य तौर पर इन धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं:- हिन्दू, इस्लाम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और यहूदी।
Q.2 भारत के संविधान निर्माताओं के सामने कानून बनाते समय धर्म, सम्बन्धित क्या चुनौतियाँ थीं?
उत्तर— भारत के संविधान निर्माताओं के सामने इस बात की चुनौती थी कि कैसे यह सुनिश्चित करें कि धर्म के नाम पुर किसी धार्मिक सम्प्रदाय को दबाया नहीं जाएगा। साथ ही किसी भी धर्म को मानने की आजादी किसी भी व्यक्ति से छीनी नहीं जाएगी।
Q.3 भारत में लोगों के बीच किस तरह की भिन्नताएँ पाई जाती हैं ?
उत्तर— भारत में लोगों के बीच धर्म, भाषा, रहन-सहन, खान- पान, विचारों आदि की भिन्नताएँ पाई जाती हैं।
Q.4 एक उदाहरण देकर धर्मनिरपेक्षता का मतलब समझाइए।
उत्तर— राज्य सरकार न तो किसी धर्म को बढ़ावा दे सकती है और नही किसी धर्म को दबा सकती है।
Q.5 भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। फिर भी यहाँ कुछ धर्मों के लोगों को विशेष रियायतें क्यों दी गई हैं?
उत्तर— भारत संविधान अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध है ताकि उनकी भाषाई और सांस्कृतिक अस्मिता की रक्षा हो पाए। इसलिए हमारे देश में कुछ धर्मों के लोगों को विशेष रियायतें प्रदान की गई हैं।
Q.6 समता के मौलिक अधिकारों में समता के किन-किन बिन्दुओं को शामिल किया गया है?
उत्तर—
(i) कानून की नजर में सभी लोग समान हैं।
(ii) धर्म, जाति या लिंग के आधार पर किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा।
(iii) खेल के मैदान, होटल, दूकान इत्यादि सार्वजनिक स्थानों पर सभी को बराबर पहुँच का अधिकार होगा।
(iv) रोजगार के मामले में, राज्य किसी के साथ भेदभाव नहीं कर सकता।
(v) छुआछूत किसी के भी साथ संज्ञेय अपराध माना गया है।
Q.7 मजदूरों के संगठन क्यों बनाए जाते हैं ?
उत्तर— मजदूरों के हितों की रक्षा करके, उन्हें शोषण से बचाने व उनके अधिकारों की रक्षा करने के उद्देश्य से मजदूरों के संगठन बनाए जाते हैं।
Q.8 लोग देश के विभिन्न भागों में जाकर क्यों रहना चाहते हैं?
उत्तर— रोजगार, व्यापार-कारोबार के द्वारा अपने लिए बेहतर जीवन पाने के उद्देश्य से लोग देश के विभिन्न भागों में जाकर रहना चाहते हैं।
Q.9 लोग बंधुआ मजदूर क्यों बनते हैं?
उत्तर— जिन लोगों की सारी संपत्ति नष्ट हो गई होती है या जिनके पास कुछ भी जमीन-जायदाद शुरू से ही या बाद में किसी कारण से नहीं रह पाता, वे मजबूरी में बंधुआ मजदूर बन जाते हैं।
Q.10 किन परिस्थितियों में किसी धार्मिक समुदाय की स्वतंत्रता पर सरकार कानून बनाकर रोक लगा सकती
उत्तर— यदि किसी धार्मिक समुदाय के कोई रीति-रिवाज या प्रथा अमानवीय हो, उनसे किसी व्यक्ति, वर्ग या समाज को खतरा हो, शांति भंग होने का अंदेशा हो, तो सरकार उस धार्मिक समुदाय की स्वतंत्रता पर कानून बनाकर रोक लगा सकती है।
Q.11 गरीबी के कारण कम मजदूरी पर काम करने के लिए मजबूर होने और बेगार में क्या अंतर है?
उत्तर— गरीबी के कारण कम मजदूरी पर काम करने से कुछ पैसे तो मिलते हैं पर बेगार करने में कुछ भी पैसे नहीं मिलते। दया के रूप में कुछ भोजन या पुराने कपड़े मिल जाते हैं।
Q.12 संविधान में आरक्षण क्यों और किसके लिए रखा गया है ? क्या यह समानता के सिद्धान्त के विरुद्ध नहीं है ? कारण सहित समझाइए।
उत्तर— संविधान में आरक्षण अनुसूचित जाति, जनजाति व दबे-पिछड़े वर्गों के लिए रखा गया है। यह समानता के सिद्धान्त के विरुद्ध नहीं है। चूंकि इन वर्गों को सदियों से बा-कुचलकर रखा गया था। इन्हें आरक्षण देकर अन्य आम वर्गों के समकक्ष लाकर उन्हें समता प्रदान करने के लिए आरक्षण देना उचित है।
Q.13 समता के ऐसे दो प्रावधानों के बारे में बताइये जिसमें धर्मनिरपेक्षता के महत्व की झलक दिखती है।
उत्तर—
(i) धर्म, जाति, लिंग, नस्ल आदि के आधार पर किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा।
(ii) देश में ऐसे कानून बनाए जाएँगे जो देश के सभी नागरिकों पर लागू हों व किसी एक धर्म के विश्वासों और मान्यताओं पर आधारित न हों।
Q.14 अल्पसंख्यकों को अपनी संस्कृति व शिक्षा के प्रचार- प्रसार के लिए कौन-कौन से अधिकार दिये गये हैं?
उत्तर—
(i) सभी अल्पसंख्यकों को, चाहे वे धर्म के आधार पर हों या भाषा के आधार पर, अपनी विचारधारा की शिक्षा संस्थाओं की स्थापना करने और चलाने का अधिकार है।
(ii) अल्पसंख्यक समूहों को अपनी संस्कृति और भाषा की रक्षा के लिए शैक्षणिक संस्थाएँ स्थापित करने और उन्हें चलाने की स्वतंत्रता है।
(iii) अगर ऐसी संस्थाएँ अनुदान एवं मान्यता के लिए जरूरी शतें पूरी करती हैं तो सरकार उन्हें अनुदान व मान्यता देती हैं।
Q.15 अल्पसंख्यकों को दिये गये संस्कृति व शिक्षा के अधिकार से धर्मनिरपेक्षता कैसे मजबूत होगी? उदाहरण देकर समझाइये।
उत्तर— अल्पसंख्यकों को जब संस्कृति व शिक्षा के अधिकार दिये जाते हैं तब उनमें सुरक्षा की भावना जागृत होती है और वे इस देश को अपना देश मान पूरी तरह से भावनात्मक रूप से जुड़ जाते हैं। इससे देश में शांति बनी रहती है और धर्मनिरपेक्षता मजबूत होती है कि इस देश में सभी धर्म के लोगों को अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, यानी वे सुरक्षित हैं, अपने-अपने धर्म व धार्मिक मान्यताओं के साथ ।
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दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 8वीं के राजनीतिक शास्त्र के पाठ 02 पंथ निरपेक्षता और मौलिक अधिकार का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !
Good notes