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Bihar Board Class 8th Civics Chapter 5 Solution न्यायपालिका

आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 8वीं राजनीतिक शास्त्र का पाठ ‘न्यायपालिका’ का वस्तुनिष्ठ प्रश्न को देखने वाले है। 

Bihar Board Class 8th Civics Chapter 5 Solution न्यायपालिका

न्यायपालिका

👉 सरकार तीन अंगों द्वारा काम करती है।
(i) विधायिका— सरकार की वह शाखा जो कानून बनाने का काम करती है, उसे विधायिका कहते है।

(ii) कार्यपालिका— सरकार की वह शाखा जो कानून लागू करने का काम करती है, उसे कार्यपालिका कहते है।

(iii) न्यायपालिका— सरकार की वह शाखा जो बिना किसी पक्षपात या दबाव के किसी भी तरह के विवाद को सुलझाने का कार्य करती है, उसे न्यायपालिका कहते है।

★ उच्च न्यायालय की स्थापना सबसे पहले 1862 में कलकत्ता, मुंबई और चेन्नई में की गयी, ये तीनों प्रेसिडेन्सी शहर थे। दिल्ली उच्च न्यायालय की स्थापना 1966 में हुई। आज देशभर में 25 उच्च न्यायालय हैं। पंजाब और हरियाणा का एक साझा न्यायालय है, जो चण्डीगढ़ में स्थित है।

👉 अगर विधायिका द्वारा बनाया गया कोई भी कानून जो संविधान का उल्लंघन करता है, तो न्यायपालिका उस कानून को रद्द कर सकती है। और हमारे देश की न्यायपालिका को पूरी तरह से स्वतंत्र इसीलिए रखा गया है ताकि वह निष्पक्ष रूप से व बिना किसी दबाव में आए अपना काम कर सके।

★ न्यायपालिका तीन स्तर पर कार्य करती है। सबसे नीचे जिला और अधीनस्थ न्यायालय, फिर उच्च न्यायालय तथा सबसे ऊपर सर्वोच्च न्यायालय होता है।

प्रश्न

Q.1 न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बनाये रखने के लिए क्या-क्या किया गया?
उत्तर— न्यायपालिका को विधायिका और कार्यपालिका से बिल्कुल ही स्वतंत्र रखा गया। सर्वोच्च और उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया में सरकार का सीधा हस्तक्षेप नहीं होता।

Q.2 न्यायपालिका की स्वतंत्रता में किस-किस तरह की बाधाएँ आती है?
उत्तर— कई बार यह देखने में आता है कि कुछ ताकतवर लोग अपने पैसे और पहुँच का इस्तेमाल करके न्यायपालिका की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने की कोशिश करते हैं।

कई बार कुछ न्यायाधीश भी पैसे व तरक्की की लालच में फंसकर गलत फैसले देते हैं। इससे लोगों को उचित न्याय नहीं मिल पाता। इस तरह के गलत कामों से न्यायपालिका की स्वतंत्रता को गहरा धक्का लगता है। न्यायपालिका की स्वतंत्रता में इस प्रकार की घटनाएँ बड़ी बाधाएँ हैं।

अभ्यास के प्रश्न

Q.1 क्या आपको ऐसा लगता है कि इस तरह की नई न्यायिक व्यवस्था में एक आम नागरिक किसी भी ताकतवर या अमीर व्यक्ति के विरुद्ध मुकदमा जीत सकता है ? कारण सहित समझाइये।
उत्तर— इस तरह की नई न्यायिक व्यवस्था में एक आम नागरिक किसी भी ताकतवर या अमीर व्यक्ति के विरुद्ध मुकदमा तभी जीत सकता है जबकि न्यायाधीश ईमानदार हो । न्यायाधीश यदि ईमानदारीपूर्वक फैसला देगा तभी एक गरीब व्यक्ति अमीर व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा जीत पायेगा। साथ ही, उस गरीब आदमी के पास लंबी न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के लिए पर्याप्त पैसे होने चाहिए ताकि वह लंबे समय तक अपना केस लड़ सके।

Q.2 हमें न्यायपालिका की जरूरत क्यों है?
उत्तर— कई बार लोगों का आपस में कुछ मुद्दों पर विवाद हो जाता है जो आपस में सुलझाना संभव नहीं होता। यहाँ तक कि स्थानीय पंचायत में भी वे विवाद नहीं सुलझ पाते। तब, फिर उस विवाद के निपटारे के लिए हमें न्यायपालिका की जरूरत पड़ती है। न्यायपालिका में संबंधित विवाद पर पक्ष-विपक्ष के वकील बहस करते हैं। उन्हीं बहस को सुनकर हमारे संविधान में लिखित कानूनों के आलोक में न्यायाधीश न्याय करते हैं।

Q.3 भारत में न्यायपालिका को स्वतंत्र बनाने के लिए क्या- क्या कदम उठाये गये हैं?

उत्तर— भारत में न्यायपालिका को स्वतंत्र बनाने के लिए इसे विधायिका और कार्यपालिका से सर्वथा स्वतंत्र रखा गया है। यहाँ तक कि सर्वोच्च और उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया में सरकार सीधे-सीधे हस्तक्षेप नहीं कर सकती। कोई भी ताकवर व्यक्ति न्यायाधीशों पर अपने पद या रुतबा का धौंस नहीं दिखा सकता। ऐसा करने पर वह व्यक्ति न्यायिक प्रक्रिया में बाधा पहुँचाने के जुर्म में दंड का भागी बन जा सकता है।

Q.4 अगर भारत में न्यायपालिका स्वतंत्र न हो तो नागरिकों को न्याय प्राप्त करने के लिए किन-किन मश्किलों का सामना करना पड सकता है?
उत्तर— अगर भारत में न्यायपालिका स्वतंत्र न हो तो आम नागरिकों को न्याय प्राप्त करना मुश्किल ही नहीं, असंभव हो जाएगा। एक तो पैसे वालों का बोलबाला हो जाएगा। दूसरे दबंगों की चलती हो जाएगी। फिर तो, समाज में जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली कहावत लागू हो जाएगी।

गरीब आदमी यदि अस्वतंत्र न्यायपालिका में जायेगा तो वहाँ न्यायाधीश बिका हुआ तैयार मिलेगा जो पैसों वाले के पक्ष में ही फैसला करेगा। फिर तो समाज में अँधेरगर्दी- मच जाएगी, पूँजीतंत्र और गुंडावाद हावी हो जाएगा।

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दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 8वीं के राजनीतिक शास्त्र के पाठ 05 न्यायपालिका का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !

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