आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 8वीं हमारी दुनिया का पाठ ‘संसाधन’ का वस्तुनिष्ठ प्रश्न को देखने वाले है।
संसाधन
Q.1 संसाधन किसे कहते है?
उत्तर— ऐसे वस्तु या पदार्थ जिसका उपयोग मानव अपनी आवश्यकता को पूरा करने के लिए करता है, उसे संसाधन कहते है।
👉 संसाधन तीन प्रकार के होते है।
(i) प्राकृतिक संसाधन — वैसे संसाधन जो प्रकृति द्वारा प्रदान किया गया है, उसे प्राकृतिक संसाधन कहते है।
जैसे– भूमि, हवा, पानी
(ii) मानव संसाधन — मानव एक ऐसा संसाधन है, जो संसाधनों का निर्माण एवं उपयोग दोनों करता है।
(iii) मानव निर्मित संसाधन— वैसे संसाधन जो मानव के द्वारा बनाए जाते है, उसे मानव निर्मित संसाधन कहते है।
जैसे– मकान, सड़क, विद्यालय
प्राकृतिक संसाधनों का वर्गीकरण — प्राकृतिक संसाधन को विभिन्न आधार पर कई भागों में बांटा गया है।
(i) विकास एवं उपयोग
(ii) उत्पत्ति
(iii) उपलब्धता
(iv) वितरण
(v) स्वामित्व
1. विकास एवं उपयोग के आधार पर संसाधन दो प्रकार के होते है।
(i) वास्तविक संसाधन— वैसे संसाधन जिनकी कुल मात्रा ज्ञात होती है और जिसका उपयोग वर्तमान में किया जा रहा होता है, उसे वास्तविक संसाधन कहते है।
जैसे– पश्चिम एशिया का पेट्रोलियम, आस्ट्रेलिया का सोना, झारखंड का अभ्रक, मध्य प्रदेश का मैंगनीज एवं राजस्थान का ताँबा इत्यादि।
(ii) संभाव्य संसाधन— वैसे संसाधन जिनकी कुल मात्रा ज्ञात नहीं होती है और जिसका उपयोग करने संभावना भविष्य में होती है, उसे संभाव्य संसाधन कहते है।
जैसे– केरल का थोरियम, लद्दाख का यूरेनियम।
2. उत्पत्ति के आधार पर संसाधन दो प्रकार के होते है।
(i) जैव संसाधन— वैसे संसाधन जिसमें जीवन पाए जाते है अर्थात् सजीव होते है, उसे जैव संसाधन कहते है।
जैसे– पेड़-पौधे, वन
(ii) अजैव संसाधन— वैसे संसाधन जिसमें जीवन पाए नहीं जाते है अर्थात् निर्जीव होते है, उसे अजैव संसाधन कहते है।
जैसे– खनिज, चट्टान
3. उपलब्धता के आधार पर संसाधन दो प्रकार के होते है।
(i) नवीकरणीय संसाधन— वैसे संसाधन जिसकी पुनः पूर्ति प्राकृतिक रूप से होती है और समाप्त नहीं होते है, उसे नवीकरणीय संसाधन कहते है।
जैसे– हवा, पानी
(ii) अनवीकरणीय संसाधन— वैसे संसाधन जिसका भंडार सीमित होता है और जो समाप्त हो जाते है, उसे अनवीकरणीय संसाधन कहते है।
जैसे– लोहा, कोयला
4. वितरण के आधार पर संसाधन दो प्रकार के होते है।
(i) सर्वत्र उपलब्ध संसाधन— वैसे संसाधन जो सभी जगह पाए जाते है, उसे सर्वत्र उपलब्ध संसाधन कहते है। जैसे– मिट्टी, हवा
(ii) स्थानिक संसाधन— वैसे संसाधन जो किसी निश्चित स्थान पर पाए जाते है, उसे स्थानिक संसाधन कहते है।
जैसे– कोडरमा का अभ्रक, जादूगोड़ा का यूरेनियम
5. स्वामित्व के आधार पर संसाधन तीन प्रकार के होते है।
(i) निजी संसाधन— जब कोई प्राकृतिक संसाधनों किसी व्यक्ति के स्वामित्व में होता है, उसे निजी संसाधन कहते है। जैसे– भूमि, तालाब
(ii) राष्ट्रीय संसाधन— किसी राष्ट्र के अंदर पाए जाने वाली संसाधन को राष्ट्रीय संसाधन कहते है।
(iii) अंतर्राष्ट्रीय संसाधन— किसी राष्ट्र के बाहर पाए जाने वाली संसाधन को अंतर्राष्ट्रीय संसाधन कहते है।
अभ्यास-प्रश्न
I. बहुवैकल्पिक प्रश्न–
1. इनमें से कौन एक प्राकृतिक संसाधन है ?
(क) पंचायत भवन
(ख) विद्यालय
(ग) भूमि
(घ) हवाई अड्डा
2. इनमें कौन प्राकृतिक संसाधन नहीं है ?
(क) सूर्य
(ख) मिट्टी
(ग) जल
(घ) हवाई जहाज़
3. केरल में पाया जाने वाला थोरियम किस प्रकार के संसाधन का उदाहरण है?
(क) निजी
(ख) नवीकरणीय
(ग) संभाव्य
(घ) अनवीकरणीय
4. संसाधन निर्माण के लिए क्या आवश्यक है ?
(क) तकनीक
(ख) आवश्यकता
(ग) ज्ञान
(घ) उपर्युक्त सभी
II. खाली स्थान को उपयुक्त शब्दों से पूरा करें।
1. मानव संसाधन के लिए मूल्य की अभिव्यक्ति प्रकार से की जाती हैं।
2. राजस्थान में पाया जाने वाला ताँबा वास्तविक संसाधन का उदाहरण है।
3. दिमागी एवं शारीरिक क्षमता मानव को संसाधन बनाने के लिए आवश्यक है।
III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें (अधिकतम 50 शब्दों में)
1. प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण क्यों जरूरी है?
उत्तर— प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना अत्यंत जरूरी है ताकि उनका उपयोग अधिक समय तक किया जा सके। अर्थात भावी पीढ़ीयों के लिए भी प्राकृतिक संसाधनों को सुरक्षित रख सकें।
2. प्राकृतिक संसाधनों के वितरण में असमानता के प्रमुख कारणों को लिखें।
उत्तर— प्राकृतिक संसाधनों के वितरण पर भू-आकृतियों, जलवायु, ऊँचाई, वनस्पति इत्यादि जैसे अनेक भौतिक कारकों का प्रभाव पड़ता है। पृथ्वी पर इन सभी कारकों में विभिन्नता होने के कारण संसाधनों का वितरण में असमानता होती है।
IV. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें। (अधिकतम 200 शब्दों में)
1. “संसाधन बनाए जाते हैं।” उपयुक्त उदाहरणों के साथ स्पष्ट करें।
उत्तर— संसाधन होते नहीं बनाये जाते हैं यह कथन ई. जिम्मरमैन का है। संसाधन ऐसा स्त्रोत है, जिसका उपयोग मानव अपने फायदे के लिए करता है। जिम्मरमैन का मानना था कि कोई वस्तु प्रकृति में भले ही उपस्थित है, परन्तु जब तक हम उसका उपयोग अपने फायदे के लिए नहीं करते हैं, तब तक हम उसे संसाधन नहीं कह सकते हैं।
इस प्रकार “संसाधन बनाये जाते हैं।” जैसे- नदी या मरुस्थल में पड़े बालू का वहाँ कोई उपयोग नहीं होता, परन्तु जब वहाँ से उठाकर बालू को निर्माण कार्य हेतु गाँव या शहर में लाया जाता है तब इसका उपयोग और मूल्य दोनों बदल जाते हैं। अतः हम यह कह सकते हैं कि संसाधन बनाये जाते हैं।
2. संसाधन संरक्षण की आवश्यकता पर प्रकाश डालें।
उत्तर— बिना संसाधन के मानव जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। परन्तु इन संसाधनों के उपयोग की तकनीकी ज्ञान एवं उन संसाधनों की आवश्यकता का होना आवश्यक है। मनुष्य ने अपनी आवश्यकता पूर्ति के लिए संसाधनों का अत्यधिक दोहन किया है। हमने इसका इस्तेमाल तो किया ही है इसे इस प्रकार प्रदूषित भी कर दिया है कि वे आज सीधे उपयोग के लायक नहीं रह गए हैं।
यही नहीं, हमने कई संसाधनों (जैसे कोयला, पेट्रोलियम इत्यादि) का इतना अधिक खनन एवं उपयोग किया है कि इनके भंडार धीरे-धीरे समाप्ति की ओर है। भविष्य में इनके भंडार खत्म होने की पूरी संभावना है। मानव के लिए इनका होना भविष्य में भी उतना ही जरूरी है जितना की आज। मानव जीवन सतत् चलता रहे, इसके लिए यह जरूरी है कि हम इन अमूल्य प्राकृतिक संसाधनों का समुचित उपयोग सुनिश्चित कर इसे भावी पीढ़ीयों के लिए संरक्षित करें।
3. संसाधन के अत्यधिक दोहन से मानव ने संकट पैदा कर दिया है। इस कथन से आप कहाँ तक सहमत है।
उत्तर— संसाधनों के बिना मानव जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। लेकिन इन संसाधनों के उपयोग की तकनीक एवं उन संसाधनों की आवश्यकता का होना अति आवश्यक है। मनुष्य ने अपनी आवश्यकता पूर्ति के लिए प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन किया है। हमने इसका इस्तेमाल तो किया ही है इसे इस प्रकार प्रदूषित भी कर दिया है कि वे अप सीधे उपयोग के लायक नहीं रह गए है।
यही नहीं, हमने कई संसाधनों का इतना अधिक खनन एवं उपयोग किया है कि इनके भंडार धीरे-धीरे समाप्ति की कगार पर है। भविष्य में इनके भंडार समाप्त होने की पूरी सम्भावना है। मानव के विभिन्न आवश्कताओं की पूर्ति लिए इनका होना भविष्य में भी उतना ही जरूरी है जितना की आज। मानव जीवन सतत् चलता रहे, इसके लिए यह जरूरी है कि हम इन अमूल्य प्राकृतिक संसाधनों का समुचित उपयोग सुनिश्चित कर इसे भविष्य के लिए संरक्षित करें। अर्थात संसाधनों के अत्यधिक दोहन से मानव ने संकट पैदा कर दिया है। इस कथन से हम पूर्णतः सहमत है।
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दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 8वीं के हमारी दुनिया के पाठ 01 संसाधन का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !
Aap ne jo Kiya hai bahut achaa hai sir, Bahut acha notes banay ho sir