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Bihar Board Class 8th Science Chapter 3 Solution फसल : उत्पादन एवं प्रबंधन

आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 8वीं विज्ञान का पाठ ‘फसल : उत्पादन एवं प्रबंधन’ का नोट्स को देखने वाले है। Bihar Board Class 8th

Bihar Board Class 8th Science Chapter 3 Solution फसल : उत्पादन एवं प्रबंधन

फसल : उत्पादन एवं प्रबंधन

👉भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां की अधिकांश आबादी कृषि कार्य करती है, और अपनी जरूरतों को पूरा करती है। मनुष्य की मूलभूत आवश्यकता रोटी, कपड़ा और मकान है।

प्रश्न 1. फसल किसे कहते है?
उत्तर– बड़े भू-भाग में उगाई जाने वाले उपयोगी पौधें को फसल कहते है।

👉 फसल तीन प्रकार का होता है-
(i) खरीफ फसल– वर्षा ऋतु (जून-जुलाई) में उपजाई जाने वाली फसल को खरीफ फसल कहते है। जैसे– चावल, ज्वार आदि।

(ii) रबी फसल– शीत ऋतु (अक्तूबर-नवम्बर) में उपजाई जाने वाली फसल को रबी फसल कहते है। जैसे– गेहूँ, जौ, आलू, चना, मसूर, मटर व सरसों आदि।

(iii) जायद फसल– ग्रीष्म ऋतु (मार्च-अप्रैल) में उपजाई जाने वाली फसल को जायद फसल कहते है। जैसे– तरबूज, खीरा, खरबूजा, ककड़ी, मूंग, सूरजमुखी इत्यादि।

फसल उत्पादन करने की प्रक्रिया

(i) मिट्टी तैयार करना– मिट्टी को उलटने पलटने की प्रक्रिया को जुताई कहते है। मिट्टी को हल, टैक्टर, कुदाल आदि की सहायता से अच्छी तरीके से तैयार किया जाता है।

(ii) बीजों का चयन करना– अच्छी बीजों का चयन चुनकर, फटक कर या पानी में डालकर करते है।

(iii) बुआई– मिट्टी में बीजों को डालने की प्रक्रिया को बुआई कहते है। बुआई दो तरीकों से किया जाता है। पहला– कुछ बीजों को तैयार मिट्टी में छिड़कर बुआई की जाती है। जैसे– गेंहू, जौ। दूसरा– कुछ बीजों को कहीं और बोया जाता है और कुछ दिन के बाद उस पौधे को उखाड़कर कहीं और बोया जाता है। जैसे– धान।

प्रश्न 2. खाद किसे कहते है?
उत्तर– पौधे तथा जानवरों के अपशिष्ट पदार्थ (जैसे– गोबर, साग-सब्जी) से बने कार्बनिक को खाद कहते है।

प्रश्न 3. कम्पोस्ट किसे कहते है?
उत्तर– जब अपशिष्ट पदार्थ को जमीन में डालकर मिट्टी से ढक दिया जाता है, तो बहुत समय के बाद इस प्रकार से निर्मित खाद को कम्पोस्ट कहते है।

प्रश्न 4. उर्वरक किसे कहते है?
उत्तर– रसायनों का प्रयोग करके बने अकार्बनिक पदार्थ को उर्वरक कहते है। जैसे– यूरिया, पोटाश, पोटेशियम सल्फेट आदि।

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(iv) सिंचाई– फसल को समय-समय पर पानी और खाद देने की प्रक्रिया को सिंचाई कहते है। सिंचाई के प्रमुख स्रोत कुआं, तालाब, नदी, नहर और झील आदि है। छिड़काव तंत्र का उपयोग मिट्टी को छिड़काव विधि द्वारा पानी देना होता है। ड्रिपतंत्र के द्वारा फसल को पानी बूंद-बूंद करके पौधें की जड़ों में मिलता रहता है।

(v) निकौनी– खेतों में फसली पौधों के साथ-साथ कुछ अवांछनीय पौधे उग जाते हैं, जो कि मुख्य फसल के साथ भोजन, स्थान एवं जल का बँटवारा करके फसल को प्रभावित करते हैं। इन अवांछनीय पौधों को खरपतवार कहते हैं। और खेतों से खरपतवार को हटाने की प्रक्रिया को निराई कहते हैं।

(vi) कटाई– फसल तैयारी हो जाने के बाद फसलों को काटने की विधि को कटाई कहते है। कटाई के बाद फसल को थ्रेशिंग विधि द्वारा दाना एवं भूसा को अलग कर दिया जाता है। कटाई के समय मनाए जाने वाले पर्व को कटाई पर्व कहते है। जैसे– पोंगल, वैशाखी, होली, दिवाली, बिहू आदि।

(vii) उसाई और सफाई– दाना एवं भूसा अलग करने के बाद अनाजों की सफाई की जाती है।

(viii) भंडारण– फसलों की कटाई के बाद प्राप्त अनाज का भंडारण किया जाता है। उससे पहले इन अनाजों को अच्छी तरीके से धूप में सुखा लिया जाता है, और उसके बाद इस अनाज को जूट के बोरे या धातु के बड़े पात्र में सुरक्षित रख दिया जाता है।

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अभ्यास

प्रश्न 1. सही विकल्प चुनिएः

(i) धान की फसल है:
(क) रबी
(ख) खरीफ
(ग) जायद
(घ) क एवं ख दोनों

(ii) चना की फसल है:
(क) खरीफ
(ख) रबी
(ग) जायद
(घ) इनमें से कोई नहीं

(iii) उर्वरक है :
(क) कार्बनिक पदार्थ
(ख) अकार्बनिक लवण
(ग) क एवं ख दोनों
(घ) इनमें से कोई नहीं

(iv) खरपतवार हटाने को कहते हैं:
(क) जुताई
(ख) सिंचाई
(ग) निराई
(घ) कटाई

(v) अनाज का भण्डारण किया जाता है:
(क) जूट के बोरों में
(ख) धातु के पात्रों में
(ग) कोठियों में
(घ) FCI गोदामों में
(ङ) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:

(i) मिट्टी को उलटने-पलटने की प्रक्रिया जुताई कहलाती है।
(ii) खाद कार्बनिक पदार्थों का मिश्रण है।
(iii) धान एवं गन्ना में अधिक सिंचाई की जरूरत होती है।
(iv) केंचुए को किसानों का मित्र कहा जाता है।
(v) फलदार पौधों को पानी देने का सबसे अच्छा तरीका ड्रिप तंत्र है।

प्रश्न 3. कॉलम A में दिए गए शब्दों का मिलान कॉलम B से कीजिए:

कॉलम A                    कॉलम B

(i) खरीफ फसल    (a) यूरिया एवं सुपर फॉस्फेट
(ii) रबी फसल (b) गोबर, मूत्र एवं पादप अवशेष
(iii) रासायनिक उर्वरक (c) धान एवं मक्का
(iv) कार्बनिक खाद     (d) कटाई का यंत्र
(v) हार्वेस्टर               (e) गेहूँ, चना, मटर

प्रश्न 4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

प्रश्न (i) सिंचाई किसे कहते हैं ? इसकी आवश्यकता क्यों होती है ?
उत्तर– सभी बीजों, पौधों और फल की वृद्धि एवं उनके संवर्द्धन के लिए जल आवश्यक है। पौधों की जड़ों द्वारा जल का अवगोषण होता है। पौधों में लगभग 90% जल होता है। जल के अभाव में बीजो मे अंकुरण संभव नहीं हो सकता। जल में घुलने पर ही पोषको का स्थानान्तरण पौधे के प्रत्येक भाग में होता है।

यह फसल को पाले एव गर्मी से बचाता है। स्वस्थ फसल वृद्धि के लिए खेतों में नियमित रूप से जल देना आवश्यक होता है। विभिन्न अंतराल पर खेतों में जल देना सिंचाई कहलाता है। सिंचाई की आवश्यक इसलिये होती है, ताकि पौधे सूखने नहीं पायें और उत्पादन अधिक हो।

प्रश्न (ii) जैविक खाद से क्या लाभ है ?
उत्तर– जैविक खाद से मिट्टी की जल सोखने की क्षमता बढ़ती है। इससे मिट्टी भुरभुरी तथा सरंध्र हो जाती है। इससे हवा का मिलना आसान होता है अर्थात् गैस विनिमय आसानी से होता है। मित्र जीवाणुओं की वृद्धि होती है। मिट्टी के गठन में सुधार होता है।

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प्रश्न (iii) खरपतवार क्या हैं? हम उनका नियंत्रण कैसे कर सकते हैं?
उत्तर– खेतों में कई अन्य अवांछित पौधे प्राकृतिक रूप से फसल के साथ ही उग आते हैं। इन्हीं अवांछित पौधों को खरपतवार कहते हैं। खरपतवार को निराई या निकोनी के द्वारा हम फसल से अलग कर सकते हैं और फसलों को खरपतवार से बचा सकते हैं। खरपतवारनाशी दवा का उपयोग कर भी खरपतवार पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

प्रश्न (iv) फसलों की उपज में सुधार हेतु महत्वपूर्ण सुझाव दीजिए।
उत्तर– फसलों की उपज में सुधार के लिए हमें चाहिए कि हम मिट्टी की तैयारी अच्छी प्रकार करें। जोताई या कोड़ाई कर मिट्टी को उलट- पलट देना चाहिए। बुआई या रोपाई के समय ध्यान रहे कि बीजों की दूरी कितनी रखी जाय। मौसम के अनुसार सिंचाई का भी प्रबंध करना चाहिए।

धान को अधिक पानी की आवश्यकता होती है। खेतों में कुछ अवांछित पौधे आपोआप उग आते हैं। उन्हें निकाल देना चाहिए। इस प्रक्रम को निकौनी कहते हैं। जब फसल पूरी तरह से तैयार हो जाय और पक जाय तो इसकी कटाई कर लेनी चाहिए। तब उपज की गहाई अर्थात् दौनी कर ओसौनी कर के साफ बोरों में अन्न को भरकर भंडार गृह में सुरक्षित रख देना चाहिए।

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प्रश्न (v) केंचुए को “किसानों का मित्र” कहा जाता है। क्यों ?
उत्तर– केंचुए खेतों में पाये जाते है। ये फसलों को हानि पहुँनाए बिना अपना जीवन निर्वाह करते है। ये मिट्टी खाते है और मिट्टी ही विष्टा रूप में उत्सर्जित करते है। उनके ये विष्टा खेतों की उपज शक्ति बढ़ाते है। इसी कारण केनुओ को किसानों का मित्र कहा जाता है।

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दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 8वीं के विज्ञान के पाठ 03 ‘फसल : उत्पादन एवं प्रबंधन’ का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !

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