आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 8वीं विज्ञान का पाठ ‘सूक्ष्मजीवों का संसार : सूक्ष्मदर्शी दूारा आँखो देखा’ का नोट्स को देखने वाले है। BSEB Class 8th Science Solutions
सूक्ष्मजीवों का संसार |
प्रश्न 1. सूक्ष्मजीव किसे कहते है?
उत्तर– वैसे जीव जिन्हें हम अपनी नगी आँखो से नहीं देख सकते है, उसे सूक्ष्मजीव कहते है।
प्रश्न 2. सूक्ष्मदर्शी (Microscope) किसे कहते है?
उत्तर– सूक्ष्मदर्शी एक ऐसा यंत्र है, जिसकी सहायता से हम सूक्ष्मजीव को देखते हैं।
👉 हम अपनी नंगी आंखो से मिलीमीटर के 10 वें भाग को देख सकते हैं, लेकिन सूक्ष्मजीव मिलिमीटर के 1000 वे भाग से छोटा होता है।
💠 सूक्ष्मदर्शी का खोज डच के रहने वाले एन्टनी वॉन ल्यूवेनहुक ने 1668 ईस्वी में किया।
👉 1857 ईस्वी में फ्रांस के लुई पाश्चर ने बताया कि किण्वन सूक्ष्मजीव यीस्ट के कारण होता है।
सूक्ष्मजीवों का वर्गीकरण
(i) जीवाणु (Bacteria)
(ii) प्रोटोजोआ (Protozoa)
(iii) कवक (fungi)
(iv) शैवाल (Alage)
(v) विषाणु (Virus)
सूक्ष्मजीवों का निवास
सूक्ष्मजीव सभी जगह पाए जाते हैं। हमारे आस-पास, हवा, पानी, मिट्टी, हमारे शरीर के अंदर और बाहर, सभी जगह।
सूक्ष्मजीव : कुछ मित्र, कुछ शत्रु
कुछ सूक्ष्मजीव हमारे लिए आवश्यक होते है, अतः कुछ सूक्ष्मजीव हमारे मित्र होते है। और कुछ सूक्ष्मजीव हमारे लिए हानिकारक है, अतः यह हमारे शत्रु होते है। और यह सूक्ष्मजीव अनेक प्रकार के बीमारियां उत्पन्न करते है।
उपयोगी या मित्रवत सूक्ष्मजीव
दही, पनीर, पावरोटी, केक, यीस्ट, सिरका, एंटीबायोटिक दवाई इत्यादि में उपयोगी या मित्रवत सूक्ष्मजीव का उपयोग करते है।
घरेलू उपयोग
दूध से दही जमना, दूध से पनीर बनना, जलेबी, डोसा, इडली, भटूरा, पावरोटी, केक आदि को बनाने में सूक्ष्मजीव का उपयोग होता है।
👉 लैक्टोबेसिलस सूक्ष्मजीव की सहायता से दूध से दही जमता है।
औषधीय उपयोग
सूक्ष्मजीव का उपयोग बहुत सारे बीमारियों के दवाई को बनाने में किया जाता है। जैसे– चेचक, क्षय, हैजा, हेपेटाइटिस
👉 चेचक के टीके की खोज एडवर्ड जेनर ने 1798 ईस्वी में किया।
पर्यावरण की साफ–सफाई
सूक्ष्मजीव सब्जी या फल के छिलके, कागज, पेड़ की पत्ती, सुखी घास आदि को सड़ा-गला कर खा जाता है, जिसके कारण हमारा पर्यावरण साफ हो जाता है।
मनुष्य में सूक्ष्मजीव जनित रोग
(i) जीवाणु (bacteria)– हैजा, टाइफाइड, प्लेग, निमोनिया इत्यादि।
(ii) परजीवी (Protozoa)– मलेरिया, पायरिया कालाजार इत्यादि।
(iii) कवक (Fungi)– दमा, खाज खुजली, गन्जेपन इत्यादि।
(iv) विषाणु (Virus)– ऐड्स, कोरोना, चेचक, पोलियो इत्यादि।
प्रश्न 3. संचारी रोग किसे कहते है?
उत्तर– ऐसा रोग जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल जाते है, उसे संचारी रोग कहते हैं।
जैसे– एड्स, कोरोना, हैजा इत्यादि
प्रश्न 4. गैरसंचारी रोग किसे कहते है?
उत्तर– ऐसा रोग जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है, उसे गैर संचारी रोग कहते हैं।
जैसे– हृदय रोग, पेट संबंधी रोग इत्यादि
मलेरिया, मलेरिया परजीवी प्लैज्मोडियम के कारण होता है। प्लैज्मोडियम एक प्रोटोजोआ है। मादा एनोफिलिज मच्छर इसका वाहक है।
👉 मादा एडीस मच्छर के काटने से डेंगू होता है।
जब कोई रोग कीटों या जंतुओं के माध्यम से फैलता है, उसे रोगवाहक (vector) कहते है। जैसे– मलेरिया, डेंगू, टाइफाइड आदि।
इन बीमारियों का फैलाव को कैसे रोक।
(i) हम अपने आस-पास की साफ-सफाई पर ध्यान दें।
(ii) कहीं भी पानी का जमाव न होने दें।
(iii) कूड़े-कचड़े का सही तरीके से निपटान करें।
(iv) भोजन, पानी को ढककर रखें।
(v) घर के आस-पास की जगहें जहाँ पानी का जमाव हो जैसे नाला एवं गड्ढों में समय-समय पर किरासन तेल, ब्लिचिंग पाउडर आदि का छिडकाव करना चाहिए।
पौधे तथा जंतुओं में रोगकारक सूक्ष्मजीव
सूक्ष्मजीव के कारण पौधे और जंतुओं में अनेक प्रकार के रोग होते है। जैसे पौधे में – गेंहू का रस्ट, नींबू का कैंसर, भिंडी का पीत रोग। और जंतु में – एंथ्रेक्स।
प्रश्न 5. खाद्य विषाक्तता (Food poisoning) किसे कहते है?
उत्तर– खाद्य विषाक्तता एक प्रकार का बीमारी है, जो खराब खाना खाने से होता है। खराब खाना खाने से उल्टी, डायरिया आदि होता है।
प्रश्न 6. खाद्य परिरक्षण (Food Preservation) किसे कहते है?
उत्तर– खाद्य परिरक्षण एक ऐसी क्रिया है, जो विभिन्न तरीकों से खाद्य पदार्थों को खराब होने या सड़ने से बचाती है। और खाद्य पदार्थों को खराब होने से बचाने के लिए इसे धूप में अच्छी तरीके से सुखाया जाता है। जैसे– आचार, मुरब्बे।
प्रश्न 7. निर्जलीकरण किसे कहते है?
उत्तर– फूलगोभी, मेथी, आलू आदि के टुकड़े को धूप में सुखाकर सूखे डिब्बे में बंद कर दिया जाता है, और जब इन सब्जियों का मौसम नहीं होता है तब इसका उपयोग किया जाता है, जिसे निर्जलीकरण कहते है।
प्रश्न 8. परिरक्षक किसे कहते है?
उत्तर– ऐसे पदार्थ जिसका उपयोग सूक्ष्मजीव के वृद्धि के रोकने के लिए किया जाता है, उसे परिरक्षक कहते है। जैसे– नमक, तेल। और इन पदार्थों का उपयोग कर खाद्य पदार्थों को खराब होने से बचा सकते है।
नमक और चीनी द्वारा परिरक्षण
मांस, मछली, आम, आवंला, इमली के परिरक्षण के लिए नमक का उपयोग किया जाता है। और जैम, जेली आदि के परिरक्षण के लिए चीनी का उपयोग किया जाता है।
गर्म तथा ठंडा करके
खाद्य पदार्थों का परिरक्षण खाना या दूध को ठंडा या गर्म करके कर सकते हैं। खाद्य पदार्थों को परिरक्षण करने के लिए खाना को फ्रिज में रखा जाता है।
पॉश्चरीकरण
पॉश्चरीकरण दूध को सूक्ष्मजीवों से मुक्त करनेवाली प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में दूध को 70°C पर 15-30 सेकंड के लिए गर्म किया जाता है फिर गर्म दूध को शीघ्रता से ठंडा कर भंडारित कर लिया जाता है। ऐसा करने से दूध में उपस्थित सूक्ष्मजीव नष्ट हो जाते है तथा दूध सुरक्षित हो जाता है। इस प्रक्रिया की खोज लुई पॉश्चर ने किया, इसलिए इस प्रक्रिया को पॉश्चरीकरण कहते है।
भंडारण एवं पैकिंग
खाद्य पदार्थों को सूक्ष्मजीव से बचाने के लिए खाद्य पदार्थों को भंडारण एवं पैकिंग किया जाता है। पैकिंग के कारण समान लंबे समय तक खराब नहीं होता है।
खाद्य परिरक्षण के लाभ
(i) इससे खाद्य पदार्थों की बरबादी नहीं होती है।
(ii) खाद्य पदार्थों को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
(iii) इससे खाद्य पदार्थों की पोषण गुणवत्ता बनी रहती है।
(iv) बिना मौसम के या दूरदराज के स्थानों पर भी खाद्य पदार्थों को पहुंचाया जा सकता है।
नाइट्रोजन स्थिरीकरण
दलहनी पौधों जैसे मटर, सेम आदि की जड़ों में राइजोबियम जीवाणु रहता है, जिसकी सहायता से नाइट्रोजन स्थिरीकरण में सहायक होते हैं। राइजोबियम जीवाणु से वायुमंडलीय नाइट्रोजन पौधों को उपयोगी रूप से प्राप्त होता है।
प्रश्न 9. नाइट्रोजन चक्र किसे कहते है?
उत्तर– पर्यावरण और वायुमंडल के बीच नाइट्रोजन का चक्रीय प्रवाह को नाइट्रोजन चक्र कहते है।
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दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 8वीं के विज्ञान के पाठ 07 सूक्ष्मजीवों का संसार : सूक्ष्मदर्शी दूारा आँखो देखा (BSEB Class 8th Science Solutions Chapter 7 ) का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !