आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 8वीं इतिहास का पाठ ‘महिलाओं की स्थिति एवं सुधार’ का नोट्स को देखने वाले है। Mahila ki Sasti Evam Sudhar
महिलाओं की स्थिति एवं सुधार |
वर्तमान समय की महिलाओ की स्थिति
(i) लड़कियाँ पढ़ सकती है।
(ii) वे नौकरी कर सकती है।
(iii) विवाह किसी भी जाति में कर सकती है।
(iv) विधवा दुबारा विवाह कर सकती है।
(v) महिलाएं वोट दे सकती है।
प्राचीन समय की महिलाओं की स्थिति
(i) लड़कियों को पढ़ने की आजादी नहीं थी।
(ii) कम उम्र में शादी कर दिया जाता था।
(iii) सामाजिक और राजनीतिक कामों में भाग नहीं ले सकती है।
(iv) विधवा को दुबारा विवाह करने की इजाजत नहीं थी।
(v) विधवा को पति के जिंदा जला दिया जाता था।
👉 महिलाओं की स्थिति सुधारने का अग्रणी (पहला) कदम राजा राम मोहन राय ने उठाया।
➣ समाज सुधारक ज्योतिराव फूले की पत्नी सावित्री बाई फूले ने महिलाओं की सामनता पर प्रश्न उठाई और बहुजन समाज की भी स्थापना की।
Read Also:- BSEB Class 8 Social Science Chapter 9 Mahila ki Sasti Evam Sudhar Notes & Solutions
⪼ सती प्रथा = इस प्रथा के द्वारा अगर किसी महिला की पति का मृत्यु हो जाता था, तो समाज के लोग उस महिला को उसके पति की चिता के साथ जिंदा जला दिया जाता था।
➣ सती प्रथा का उद्देश्य विधवा स्त्रियों को संपति एवं उत्तराधिकार के अधिकार से वंचित रखना था।
👉 उस समय महिलाओं का विवाह कम उम्र में वृद्ध (बूढ़ा) एवं अधेड़ पुरुष के साथ कर दिया जाता था। महिलाओं को उसके पति की चिता के लकड़ी के साथ बाँध दिया जाता था, ताकि महिला चिता से उठकर भाग न जाए।
राजा राम मोहन राय
➣ राजा राम मोहन राय के अनुरोध पर लार्ड विलियम बेंटिक ने 1829 ई. में एक कानून बनाकर सती प्रथा का अंत किए।
⪼ राजा राम मोहन राय ने 1828 ई. में ब्रह्मा समाज की स्थापना किए । ब्रह्मा समाज का उद्देश्य महिलाओं की स्थिति को सुधारना था।
👉 राजा राम मोहन राय ने सती प्रथा को रोका, महिलाओ की शिक्षा पर बल दिया, विधवा पुनर्विवाह को प्रोत्साहन दिया और बाल विवाह का विरोध किया।
➣ राजा राम मोहन राय ने कलकत्ता में ब्रह्मा सभा के नाम से एक संगठन बनाया, बाद में इसका नाम ब्रह्मा समाज रख दिया गया। इस संगठन का उद्देश्य महिलाओं की स्थिति को सुधारना था।
⪼ राजा राम मोहन राय के द्वारा महिलाओं की स्थिति को सुधारा गया और उसके बाद केशव चंद सेन ने इस काम को आगे बढ़ाया।
प्रार्थना समाज
👉 प्रार्थना समाज का गठन पश्चिम भारत में हुआ। और पश्चिम भारत की महिलाओं की स्थिती सुधारने का काम एम. जी. रानाडे ने किया।
⪼ जब 1882 में पंडिता रमाबाई सरस्वती पश्चिम भारत पहुंची, तो रानाडे की सहायता से आर्य महिला समाज का गठन की। इसका उद्देश्य महिलाओं को जागरूक करना था।
ईश्वर चंद्र विद्यासागर
➣ ईश्वर चंद्र विद्यासागर को विधवा पुनर्विवाह का मान्यता प्रदान का श्रेय दिया जाता है। ईश्वर चंद्र विद्यासागर के कहने पर लॉर्ड डलहौजी ने 1856 ई. में विधवा विवाह के पक्ष में एक कानून बनाया।
👉 नेटिव मैरेज एक्ट के द्वारा बहु विवाह का विरोध किया गया, और विवाह के लिए उम्र तय किया गया। इस कानून के द्वारा लड़कियो को उम्र 14 वर्ष और लड़को का उम्र 18 वर्ष तय किया गया।
रमाबाई
⪼ पंडिता रमाबाई एक विद्वान थी, जिनका मानना था कि हिन्दु धर्म महिलाओं का दमन करता है। इन्होंने पूणा में विधवा गृह की स्थापना की, जिसका नाम शारदा सदन रखा गया। रमाबाई ने बाद में ईसाई धर्म अपना लिया। विधवा होने के बाद भी इन्होंने दूबारा विवाह किया।
स्वामी दयानंद सरस्वती
👉 स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना की। आर्य समाज ने सामाजिक असमानता को दूर करने का कार्य किया। जैसे– बाल विवाह का विरोध, विधवा पुनर्विवाह का समर्थन
स्वामी विवेकानंद
➣ स्वामी विवेकानंद ने भारत के पिछडेपन का कारण गुलामी और अशिक्षा को बताया। और स्वामी विवेकानंद ने महिलाओं की स्थिती को सुधारने के लिए शिक्षा का माध्यम को अपनाया।
सैयद अहमद खाँ
⪼ सैयद अहमद खाँ ने इस्लामी महिलाओं की स्थिती को सुधारने के लिए बहु विवाह, पर्दा प्रथा तथा तलाक के नियमो का सुधार किया। मुमताज अली ने कुरान शरीफ की आयतो का हवाला देकर बताया कि महिलाओ को भी शिक्षा का अधिकार है।
नौरोजी फरदूनजी
👉 पारसी समाज के दादा भाई नौरोजी और नौरोजी फरदूनजी दोनों ने मिलकर रास्त गोफ्तार नामक पत्रिका निकाला। इन दोनों ने कन्याओं की स्थिती को सुधारने का कार्य किया।
➣ नौरोजी परिवार के सहयोग से पारसी समुदाय ने स्त्री जरतोश्ती मंडल का गठन हुआ। 1903 ई. तक इस संगठन में 50 महिलाएँ जुड़ी। इस संगठन को सेरेनमाई एम. कुरसेत जी ने 36 वर्षों तक चलाया।
⪼ बी. सी. राय (बंगाल के प्रथम मुख्यमंत्री) की माता अघोर कामिनी देवी ने लड़कियों के लिए बाँकीपुर गर्ल्स हाई स्कूल की स्थापना की।
👉 रविंद्र बालिका विधालय की स्थापना 1931 ई. में रविन्द्रनाथ ठाकुर की बेटी ने की। माधुरीलता देवी ने 1903 में मुजफ्फरपुर में चैपमैन गर्ल्स स्कूल की स्थापना की।
बाल विवाह
➣ 1929 ई. में बाल विवाह निषेध अधिनियम बनाया गया। और इसी कानून के अनुसार विवाह का उम्र बढ़ाकर लड़को का उम्र 21 साल और लड़की का उम्र 18 साल कर दिया गया।
⪼ केशव चंद्र सेन के द्वारा स्पेशल मैरिज बिल, 1871 ई. में पटना में तैयार किया गया।
👉 दहेज अवैध कानून 1861 ई. में बना, लेकिन आज भी समाज में दहेज लिया जाता है।
JOIN NOW
दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 8वीं के इतिहास के पाठ 09 महिलाओं की स्थिति एवं सुधार (Mahila ki Sasti Evam Sudhar) का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !