आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 7वीं विज्ञान का पाठ ‘गंदे जल का निपटान’ का नोट्स को देखने वाले है। Gande jal ka niptan
गंदे जल का निपटान |
प्रश्न 1. अपशिष्ट जल किसे कहते है?
उत्तर– वैसे जल जो प्रयोग करने के बाद जल जैसे झाग, तेल मिश्रित, अस्पतालों और उद्योगों से निकले काले, भरे रंग का जल जो नालियों में जाता है, उसे अपशिष्ट जल कहते हैं।
प्रश्न 2. वाहित मल उपचार किसे कहते है?
उत्तर– वाहित मल उपचार एक प्रकार का अपशिष्ट जल को शुद्ध करने का प्रक्रिया होता है, जिसका उद्देश्य अपशिष्ट जल को साफ करना होता है।
👉 विश्व जल दिवस 22 मार्च को मनाया जाता है।
प्रश्न 3. वाहित मल किसे कहते है?
उत्तर– वाहित मल घरों, स्कूलों, होटलो, अस्पतालो, कारखानों और उपयोगों के बाद बहनेवाला (वाहित) अपशिष्ट जल होता है। और वर्षा जल भी वाहित मल है। यह द्रवरूपी अवशिष्ट होता है जिसमें घुले हुए और निलंबित अपद्रव्य होते हैं।
प्रश्न 4. जलजनित बीमारी किसे कहते है?
उत्तर– दूषित जल के सेवन से उत्पन्न बीमारी को जलजनित बीमारी कहते हैं।
👉 वाहित मल एक जटिल मिश्रण होता है, जिसमें कार्बनिक और अकार्बनिक अशुद्धियाँ, जीवाणु और सूक्ष्मजीव मिले होते हैं।
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(i) कार्बनिक अशुद्धियाँ → तेल, फल, मानव मल, कचरा
(ii) अकार्बनिक अशुद्धियाँ → नाइट्रेट, फॉस्फेट
(iii) जीवाणु → हैजा, टाइफाइड आदि रोग उत्पन्न करने वाले जीव।
(iv) सूक्ष्मजीव → पेचिश रोग उत्पन्न करने वाले जीव।
प्रश्न 5. बायो गैस किसे कहते है?
उत्तर– वनस्पति एवं मृत जीव जन्तुओं के सड़ने से प्राप्त होने वाली गैसों के मिश्रण को बायो गैस कहते हैं। बायो गैस को गोबर गैस भी कहा जाता है।
प्रश्न 6. बायो गैस कैसे बनता है?
उत्तर– बहुत से क्षेत्रों में गोबर से गैसीय ईंधन तैयार किया जाता है। इसके लिए गोबर को पानी में घोलकर विशेष प्रकार से निर्मित बंद गड्ढे में डाला जाता है। गड्ढे में यह मिश्रण वायु की अनुपस्थिति में अपघटित होकर मीथेन, कार्बन डाइऑक्साइड तथा कुछ अन्य गैसें प्रदान करता है। प्राप्त गैस को गड्ढे के ऊपर लगे डोम से पाइप द्वारा बाहर निकालकर उपयोग में लाया जाता है।
प्रश्न 7. बायो गैस का उपयोग किस-किस कामों में किया जाता है?
उत्तर– बायो गैस का उपयोग ईंधन के कामों में किया जाता है, इससे खाना पका सकते हैं, घरों और सड़कों पर लाइट जला सकते हैं, और बचे अवशिष्ट पदार्थ को खाद के रूप में उपयोग किए जाते हैं।
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⪼ मानव मल निपटान के लिए आज-कल सैप्टिक टैंक, मोबाइल शौचालय (गाड़ी में शौचालय), कम्पोस्टिंग पीट का निर्माण किया जाता है। गंदे जल से निपटान के लिए भी शहरों में तीन प्रकार का नाला बनाया जा रहा है। पक्का नाला, कच्चा नाला और भूगर्भ नाला ।
➣ गंदा जल बड़ी-बड़ी भूगर्भ नालियों द्वारा घरों से एकत्रित कर सम्प हाउसों तक ले जाया जाता है। सम्प हाउसों से यह जल उपचार संयंत्रों में ले जाकर उसे उपचारित किया जाता है। उपचारित जल का उपयोग फसलों की सिंचाई एवं उद्योगों में किया जाता है। शेष जल को नदियों में गिरा दिया जाता है।
👉 जल का निकास सीधा नदी में नहीं करना चाहिए। क्योंकि कई तरह की बीमारियाँ तथा जलीय जीव-जन्तुओं का नुकसान होता है।
➣ मानव मल से उन्नत खाद बनाया जा सकता है। बायो संयंत्रों का उपयोग कर ऊर्जा की प्राप्ति की जाती है। नागरिकों को जागरूक होना चाहिए। और सार्वजनिक स्थानों को सफाई करनी चाहिए।
⪼ पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मौत का सबसे बड़ा कारण जलजनित बीमारियां है।
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दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 7वीं के विज्ञान के पाठ 09 गंदे जल का निपटान (Gande jal ka niptan) का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !