आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 7वीं इतिहास का पाठ ‘सामाजिक – सांस्कृतिक विकास’ का नोट्स को देखने वाले है। Samajik Sanskritik Vikas
सामाजिक – सांस्कृतिक विकास |
👉 इस्लाम धर्म का उदय अरब में सातवीं शताब्दी में हुआ था। भारत में अरबों और तुर्की के आगमन के बाद मुस्लिम धर्म का विकास शुरू हुआ।
☞ आठवीं शताब्दी में मुहम्मद बिन कासिम ने सिंध एवं दक्षिण पश्चिमी पंजाब में अरबों का शासन स्थापित किया।
➢ अलबेरूनी ने हिंदुओं के धर्म, विज्ञान और सामाजिक जीवन से संबंधित अपनी एक पुस्तक “किताब-उल-हिन्द” लिखा। अलबेरूनी, महमूद गजनी के साथ भारत आया था।
👉 1206 ईस्वी में दिल्ली सल्तनत की स्थापना हुई।
➢ भारत में मुस्लिम धर्म के विकास के बाद इस्लाम धर्म मानने वाले लोग इरानी, अफगानिस्तानी आदि जगहों से भारत में आने लगे।
☞ मनेर में आकर बसने वाले इमाम ताजफकीह बिहार के पहले सूफी संत थे। सूफी संतो के निवास स्थान और शिक्षा के लिए बनाई गई स्थान को खनकाह कहा जाता था।
इस्लाम धर्म के आने के बाद
(i) कुर्ता-पायजामा, सलवार-कमीज, बुरखा आदि वस्त्र को लेकर आया।
(ii) बिरियानी, फिरनी, कोरमा (मीट), हलवा, समोसा आदि खान-पान को लेकर आया।
(iii) मुस्लिम धर्म के आने के बार मस्जिद का निर्माण हुआ, और इस्लाम धर्म के लोग नमाज पढ़ते थे।
(iv) इस्लाम धर्म के आने के बाद फारसी, तुर्की, बज्र तथा खड़ी बोली जाने वाली भाषा को मिलाकर उर्दू भाषा का उदय हुआ।
(v) पहले पेड़ की छाल, पत्ते, रेशमी कपड़े तथा पत्थरों पर लिखा जाता था, लेकिन मुसलमान अपने साथ कागज लेकर आए। और यह चीनियों से सीखे थे।
(vi) पहले तकली से सुत काटा जाता था, लेकिन मुसलमान अपने साथ चरखा लेकर भारत आए।
☞ हिन्दु धर्म से इस्लाम धर्म अपनाने वाले उच्च जाति के लोगो को अशराफ और निम्न जाति के लोगों को अजलाफ कहा जाता था। बाद में इस्लाम धर्म में भी जात-पात शुरू हो गया।
प्रश्न 1. भक्ति किसे कहते है?
उत्तर– भक्ति का अर्थ ईश्वर पर पूर्णतः भरोसा एवं उनपर विश्वास करना है। उन्हें ही संसार का कर्ता-धर्ता मानकर खुद को उनकी शरण में समर्पित करना है।
👉 प्राचीन काल में समाज कबीलो में बटा था, और हर कबीले के लोग अपने-अपने देवी-देवताओं की पूजा करते थे।
भक्ति आंदोलन के कारण
(i) पंडितो द्वारा पूजा-पाठ में ज्यादा से ज्यादा दान को माँगा जाना।
(ii) सूफी संतो का उदय होना।
(iii) जातिय छुआ-छूत का होना।
(iv) दलितों का शोषण किया जाना।
☞ इस्लाम धर्म में एकेश्वरवाद (एक ही भगवान) है, जबकि हिन्दू धर्म में अनेक भगवान है।
सूफी संतों का उदय का करण
(i) पूजा-पाठ का दाम बढ़ना।
(ii) पंडितों द्वारा ज्याद दान का माँग करना ।
(ii) दलितो को पूजा-पाठ पर रोक लगा देना।
☞ अलवार और नयनार संत दक्षिण भारत के घुमक्कड़ संत थे। और इन लोगों ने दक्षिण भारत में भगवान की भक्ति को फैलाने का काम किए। इन लोगो ने देवी-देवताओं की प्रशंसा (तारिफ) की और भजन-कीर्तन किया। इन संतो का संबंध नीचली जाति के लोगो से था।
👉 नयनार संत शैव (शिव की भक्ति) तथा अलवार संत वैष्णव (विष्णु की भक्ति) करते थे। नयनार संतो की संख्या 63 और अलवार संतो की संख्या 12 थी। नयनार संतो के गीत के संकलन को तेवरम् और तिरुवाचकम् कहा जाता था। अलवार संतो के गीत के संकलन को दिव्य प्रबंधम् कहा जाता था। अलवार के प्रसिद्ध संत परियअलवार थे।
☞ शंकराचार्य का जन्म केरल में आठवीं शताब्दी में हुआ था। इनका कहना था कि हर एक जीव में ईश्वर का वास है। और ब्रह्मा ही सत्य है, बाकि संसार झूठा है।
शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार मठ
(i) उत्तर – बद्रीकाश्रम (उत्तराखण्ड)
(ii) दक्षिण – श्रृंगेरी (तमिलनाडु)
(iii) पूरब – पुरी (उड़ीसा)
(iv) पश्चिम – द्वारिका (गुजरात)
प्रश्न 2. मठ किसे कहते है?
उत्तर– मठ एक ऐसा स्थान है, जहाँ किसी धर्म के गुरू अपने शिष्य को शिक्षा देते हैं।
➢ रामानुज ने ईश्वर को दया एवं अनुकम्पा का स्रोत बताया। और इन्होंने कहा कि अगर आप विष्णु की भक्ति करते है, तो आप लोगों को मोक्ष मिल जाएगा। और इनका विचार उत्तर भारत में प्रसिद्ध हुआ।
👉 वासवन्ना नामक एक संत थे, जिन्होंने बारहवीं शताब्दी में दक्षिण भारत में वीरशैव आंदोलन किया। इस आंदोलन में मूर्ति पूजा और उसमें उन्होंने वाले कर्मकांड का विरोध किया। तथा उस समय नारियों को वेद पढ़ने का अधिकार नहीं था। इसका भी वासवन्ना ने विरोध किया।
महाराष्ट्र का भक्ति आंदोलन
रामानुज का विचार महाराष्ट्र में भी फैला। और महाराष्ट्र के संतों ने ईश्वर के प्रति श्रद्धा, भक्ति एवं प्रेम को फैलाया। तथा धार्मिक आडंबर, मूर्तिपूजा और कर्मकांड का विरोध किया। और महाराष्ट्र के संतों ने विट्ठल स्वामी (श्री कृष्ण) को ईश्वर के रूप में स्थापित किया। इन संतों की रचना को अभंग कहा जाता था। इस रचना में उस समय के समाज की कुरीतियों और कर्मकांड को लिखा गया।
☞ महाराष्ट्र के भक्ति संतों के नाम – गणेश्वर, नामदेव एकनाथ, तुकाराम, चोखमेला का परिवार।
रामानुज की भक्ति परम्परा को उत्तर भारत में लोकप्रिय बनाने का श्रेय रामानंद को जाता है, क्योंकि रामानुज ने जो भक्ति को दक्षिण भारत में आरंभ किया था, उसे रामानंद ने उत्तर भारत में लाया तथा कबीर ने इसे फैलाया।
प्रश्न 3. सगुण संप्रदाय किसे कहते है?
उत्तर– ऐसे संप्रदाय के लोग जो भगवान के मानवीय अवतार को मानते है, उसे सगुण संप्रदाय कहते है।
प्रश्न 4. निर्गुण संप्रदाय किसे कहते है?
उत्तर– ऐसे संप्रदाय के लोग जो भगवान के मानवीय अवतार को नहीं मानते है, उसे निर्गुण संप्रदाय कहते है। और यह ब्रह्मा को ही सत्य मानते है।
👉 रामानंद, राम की भक्ति करते थे। और आगे चलकर इनके शिष्य दो भागों में बट गए। (i) सगुण संप्रदाय (ii) निर्गुण संप्रदाय। सगुण संप्रदाय के प्रमुख संत तुलसीदास थे, जिन्होंने रामचरित मानस की रचना की।
☞ श्री कृष्ण की पूजा करने वाले प्रमुख संतों में मीराबाई, चैतन्य महाप्रभु, बल्लभाचार्य, सूरदास एवं रसखान आदि का नाम आता है।
मीराबाई
👉 मीराबाई का संबंध मारवाड़(राजस्थान) के राजघरानों से था। यह बचपन से ही भगवान श्री कृष्ण से श्रद्धा एवं प्रेम करती थी। इन्होंने अपना सुखमय जीवन को छोड़ साधु बन गई। और रैदास के शिष्या बन गई।
चैतन्य महाप्रभु
बंगाल के चैतन्य महाप्रभु ने शैशवावस्था (5 से 12 साल) में ही श्री कृष्ण की भक्ति को फैलाना शुरू कर दिए। इनके समूह में हिंदू, मुसलमान, ब्राह्मण आदि शामिल हुए।
सूरदास और रसखान
सूरदास और रसखान श्री कृष्ण के परम भक्त थे, इन्होंने अपनी रचना में श्री कृष्ण का ही वर्णन किया है। सूरदास ने अपनी रचना में श्री कृष्ण के बाल रूप का वर्णन किया है।
☞ निर्गुण संप्रदाय के संतों ने ईश्वर की कल्पना निराकार रूप में की। इन्होंने जाति-पाति, ऊँच-नीच, कर्मकाण्ड एवं मूर्ति पूजा आदि का विरोध किया। इन संतों में प्रमुख थे– कबीर।
कबीर
(i) कबीर के विचार साखी एवं सबद नामक दो किताबों में संकलित है।
(ii) कबीर के भजन गुरुग्रंथ साहब एवं पंचवाणी नामक दो किताबों में संकलित हैं। गुरुग्रंथ साहब का संकलन गुरु अर्जुनदेव ने किया।
(iii) कबीर रामानन्द के शिष्य थे तथा राम नाम के जप में विश्वास करते थे। परन्तु इनके राम अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र नहीं थे।
(iv) यह दशरथ पुत्र राम को विष्णु का अवतार भी नहीं मानते थे।
गुरुनानक
☞ गुरुनानक ने भी सामाजिक, धार्मिक कुरीतियों का विरोध किया। और इन्होंने इस्लाम और हिन्दू दोनों धर्मों में शिक्षा लिया। इनके उपदेश (ज्ञान) आदि ग्रंथ में संकलित हैं। इनके अनुयायी सिख धर्मावलंबी कहलाते है।
दरिया साहेब
(i) दरिया साहेब, बिहार के एक संत थे। और इन्हें कबीर का अवतार भी कहा जाता है। यह कबीर के तरह सोचने वाले थे।
(ii) दरिया साहेब में एकेश्वरवादी भावना थी। और इनके अनुसार भगवान सभी जगह है।
(iii) दरिया साहेब ने जाति प्रथा, छुआ-छूत का विरोध किया। इसके अनुयायियों ने दलित वर्ग की संख्या अधिक थी।
(iv) दरिया साहेब आज के आरा, बक्सर, रोहतास आदि जिलों में प्रसिद्ध थे। और इन्होंने शाहाबाद में मठ की स्थापना की।
प्रश्न 5. रहस्यवाद किसे कहते है?
उत्तर– रहस्यवाद वह भावना है जो मनुष्य को ईश्वर-संबंधी रहस्यों को जानने के लिए प्रेरित करती है।
प्रश्न 6. सूफीवाद किसे कहते है?
उत्तर– सूफीवाद एक ऐसा प्रयास है, जिसके तहत व्यक्ति (संत) अपने अन्दर अल्लाह की उपस्थिति को महसूस करता है और बिना किसी भेद-भाव के ईश्वर की समस्त रचना से प्रेम करता है।
प्रश्न 7. खानकाह किसे कहते है?
उत्तर– सूफी संतों द्वारा जहाँ इस्लाम की शिक्षा दी जाती थी, उस स्थान को खानकाह कहा जाता था। इसमें सभी वर्ग के लोग शिक्षा ग्रहण करते थे। गुरु को पीर एवं शिष्य को मुरीद कहा जाता था।
👉 भारत में सबसे पहले सूफी खानकाह की स्थापना बहाउद्दीन जकरिया ने करवाया था।
फुलवारी शरीफ खानकाह
☞ फुलवारी शरीफ खानकाह मध्यकाल में एक प्रसिद्ध लाइब्रेरी थी। यहां दूर-दूर से लोग अरबी और फारसी सीखने आते थे। राजाराम मोहन राय, अरबी और फारसी सीखने यहां आए थे। यहां पर पांडुलिपियों को सुरक्षित रखा गया। और आज भी यह इस्लाम धर्म का शिक्षा का प्रमुख केंद्र है।
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➢ मनेरी साहब ने बिहार में सूफी संतों के विचारों को फैलाने का काम किया। और जात-पात, धार्मिक आडंबर का विरोध किया। और इन्हें के नाम पर मनेर की स्थापना हुई है।
👉 बिहारशरीफ में मनेरी साहब का मजार (दरगाह) स्थित है। इनके बगल में उनकी माँ रजिया का मजार है। और बीबी रजिया सूफी संत पीर जगजोत की बेटी थी।
☞ मोईनुद्दीन चिश्ती एक सूफी संत थे, और मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह अजमेर में स्थित है। मोईनुद्दीन के शिष्य निजामुद्दीन (दिल्ली), हमीदुद्दीन नागौरी (राजस्थान) आदि प्रसिद्ध संत थे।
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दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 7वीं के इतिहास के पाठ 07 सामाजिक – सांस्कृतिक विकास (Samajik Sanskritik Vikas) का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !