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BSEB Class 8 Social Science Chapter 10. अंग्रेजी शासन एवं शहरी बादलाव | Angreji Shasan Evam Sarahi Badlaw Class 8th Solutions & Notes

आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 8वीं इतिहास का पाठ ‘अंग्रेजी शासन एवं शहरी बदलाव’ का नोट्स को देखने वाले है। Angreji Shasan Evam Sarahi Badlaw

BSEB Class 8 Social Science Chapter 10. अंग्रेजी शासन एवं शहरी बादलाव | Angreji Shasan Evam Sarahi Badlaw Class 8th Solutions & Notes

अंग्रेजी शासन एवं शहरी बदलाव

👉 गांव के लोगों का मुख्य काम खेती है, जबकि शहरों में खेती न के बराबर होती है। शहर के लोग अन्य तरह के व्यवसाय करते है। यहां पर शासक, व्यापारी, शिल्पकार, सैनिक तथा अधिकारी रहते थे। शहरों की किलेबंदी की जाती है, जबकि गांवों की किलेबंदी नहीं की जाती थी।

⪼ गांवों से शहर के लोगों के लिए अनाज लाया जाता था। राजा शहर के महल में ही रहते थे, और शहर दीवारों से घिरा होता था। और आने-जाने के लिए अनेक रास्ते थे। किलेबंद शहर के अंदर बाग-बगीचा, मंदिर, मस्जिद, विद्यालय, बाजार आदि थे।

➢ दक्षिण भारत में मदुरई, तंजावूर, कांचीपुरम आदि प्रसिद्ध शहर थे। और यह मंदिरों के लिए प्रसिद्ध थे।

शहरी केद्रों में परिवर्तन

👉 अठारहवीं शताब्दी में पुराने शहरों का पतन (खत्म) होने लगा, और नए शहरों का विकास होना शुरू हुआ। मुगल सत्ता के कमजोर होने के कारण शहरों का पतन होने लगा। और काम की तलाश में शहर लोग आने लगे।

⪼ पुर्तगालियों ने गोवा, डच ने मछलीपट्टनम, अंग्रेज ने चेन्नई और फ्रांसीसी ने पांडिचेरी (पुदुचेरी) में अपना व्यापारिक केंद्र लगाया था। जब ईस्ट इंडिया कंपनी का व्यापार फैलने लगा तब मद्रास (चेन्नई), कलकत्ता (कोलकाता), बंबई (मुंबई) का महत्व बढ़ने लगा।

प्रश्न 1. प्रेसीडेंसी शहर किसे कहा जाता था?
उत्तर– प्रेसीडेंसी शहर उन शहरों को कहा जाता था, जिन पर कंपनी का शासन था। जैसे– मद्रास, कलकत्ता, बंबई

➣ मध्यकाल में जो शहर किसी खास वस्तुओं के लिए जाना जाता था, ईस्ट इंडिया कंपनी आने के कारण इन शहरों का पतन होने लगा। इन शहरों का पतन होने का मुख्य कारण इंग्लैंड से आने वाली वस्तुओं का सस्ता होना था।

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⪼ 1853 ईस्वी में रेलवे की शुरुआत होने के बाद रेलवे वर्कशॉप और रेलवे कॉलोनी की स्थापना शुरू होने लगी। रेलवे के कारण जमालपुर और बरेली नामक शहर का उदय हुआ।

👉 ब्रिटेन में मैनचेस्टर, लिवरपूल, लीड्स नामक शहरों का उदय हुआ। और यह शहर सूती वस्त्र के प्रमुख केंद्र थे।

➢ 1900 ईस्वी में इंग्लैंड में केवल 20% लोग ही गांव में रह रहे थे। इस समय तक कानपुर में सूती एवं ऊनी कपड़े तथा चमड़ा की वस्तुएं बनती थी, जबकि जमशेदपुर, स्टील के लिए प्रसिद्ध थे।

प्रेसीडेंसी शहर की बनावट

👉 अठारहवीं शताब्दी के मध्य तक कलकत्ता, बंबई और मद्रास शहर एक प्रेसीडेंसी शहर के रूप में उभरे। इन शहरों में व्यापारिक वस्तुओं को जमा किया जाता था। इन शहरों की किलेबंदी की जाती थी, और इसमें अंग्रेजी कर्मचारी रहते थे और इन इलाकों को white town (गोरा शहर) कहा जाता था। जबकि भारतीय व्यापारी, कारीगर के लिए इस किले के बाहर अलग इलाके बनाए जाते थे, जिसे Black town (काला शहर) कहा जाता था।

शहरी जीवन और सामाजिक परिवेश

⪼ शहरों में टाऊन हॉल, पार्क, सिनेमाघर आदि बनने लगे और यह लोगों के मिलने का जगह बन गया। शहरों में स्कूल, कॉलेज, पुस्तकालय आदि खुलने के बाद लोग शिक्षित होने लगे।

➣ शहरों में महिलाएं शिक्षिका, फिल्म कलाकार, फैक्ट्री मजदूर, नौकरानी आदि के रूप में काम करने लगी।

भागलपुर शहर

⪼ बिहार के भागलपुर शहर गंगा नदी के किनारे स्थित है। प्राचीन काल में भागलपुर एक उपनगर था, जो अंगदेश की राजधानी चंपा से सटा था। अभी चंपा उपनगर बनकर चंपानगर हो गई है, जबकि भागलपुर एक प्रमुख शहर बन गया है।

👉 मध्यकाल में भागलपुर पर मुसलमानों का शासन था। इसलिए यहां अधिक संख्या में मस्जिद, दरगाह, मजार, ईदगाह थे।

(i) मस्जिद ⇒ मुसलमानों का उपासना (पूजा) स्थल।
(ii) मजार ⇒ किसी महान व्यक्ति का कब्र
(iii) मकबरा ⇒ कब्र पर बनाई गई भव्य इमारत
(iv) खानकाह ⇒ सूफी संतों का धार्मिक जगह।
(v) ईदगाह ⇒ मुसलमानों के ईद की नमाज पढ़ने की जगह जो खुले मैदान के रूप में होता है।
(vi) इमामबाड़ा ⇒ शिया मुस्लिम समुदाय का धार्मिक स्थान, जहां मुहर्रम में शोक सभा का आयोजन होता है।

औपनिवेशिक काल

👉 भागलपुर शहर में बांग्ला भाषाओं और मारवाड़ी समुदाय (राजस्थान) के लोगों के आने के कारण भागलपुर की जनसंख्या बढ़ गई और भागलपुर की संस्कृति भी अलग हो गई। भागलपुर में डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक, लेखक आदि बंगाली ही थे।

महाशय ड्यौढ़ी

➣ महाशय ड्यौढ़ी भवन का निर्माण परेशनाथ घोष ने नियामतपुर (चम्पानगर) में अपने रहने के लिए करवाया था।

व्यवसाय, व्यापार और उद्योग

⪼ भागलपुर में राजस्थान से आए मारवाड़ी समुदाय के लोग रहते थे। और यह अपने घरों के बाहर दुकान खोलकर व्यवसाय करते थे। और दूसरी जाति के लोग भी अपना दुकान लगाते थे।

➢ भागलपुर शहर के बड़े व्यापारियों में सर्वप्रथम मेसर्स भूदरमल चंडीप्रसाद का नाम आता है। यह राजस्थान से भागलपुर आए थे। इनका भागलपुर में बहुत अधिक कारखाना है। और यह सिल्क, सूती, ऊनी कपड़े, किराना, अनाज आदि का व्यापार करते थे।

➣ भागलपुर शहर का सबसे प्रसिद्ध उद्योग तसर सिल्क का कपड़ा तैयार करना था। यह उद्योग बहुत पुराने समय से चलते आ रहा है। इसलिए भागलपुर को सिल्क सीटी (रेशमी शहर) कहा जाता है।

👉 बाफ्टा = बाफ्टा एक ही रंग का रेशमी कपड़े का टुकड़ा होता है, जिसे बुनने के बाद रंगा जाता है। इसका टुकड़ा 20 से 22 हाथ लंबा एवं 1 से 1.5 हाथ चौड़ा होता था।

शासन प्रबंध

⪼ 1774 ई० में भागलपुर को जिला बनाया गया। जिले का सबसे बड़ा अधिकारी कलक्टर होता है। भागलपुर जिले का पहला कलक्टर ऑगस्थ्स विलवलैंड थे। कलक्टर की सहायता के लिए डिप्टी कलक्टर, सब डिप्टी कलक्टर और असिस्टेंट कलक्टर होते है।

➣ 1936 तक यह जिला चार सब डिविजनों (भागलपुर सदर, बाँका, मधेपुरा, सुपौल) में बँटा था। सब डिविजन का सबसे बड़ा अफसर सब डिविजनल अफसर (SDO) कहलाता है। जिले में न्याय विभाग का सबसे बड़ा अफसर सत्र न्यायाधीश होता है। जिले में पुलिस विभाग का सबसे बड़ा अफसर सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (SP) होता है।

नगरपालिका

👉 भागलपुर में नगरपालिका की स्थापना 1864 ईस्वी में हुआ था। नगरपालिका में 22 सदस्य थे।

शैक्षणिक विरासत

➣ भागलपुर में जमींदार, बंगाली, मारवाड़ी, ईसाई समुदाय इत्यादि ने विद्यालयों की स्थापना की। सरकारी स्तर पर 1837 ई. में जिला स्कूल शुरू किया गया।

⪼ बंगाली सुमदाय ने दुर्गाचरण प्राइमरी स्कूल (1860) और हाई स्कूल (1937) की स्थापना किया। दुर्गाचरण प्राइमरी स्कूल में प्रसिद्ध उपन्यासकार शरतचंद्र चट्‌टोपाध्याय ने शिक्षा हासिल की।

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👉 तेजनारायण सिंह ने 1883 ई. में तेजनारायण जुबली कॉलेजियट हाई स्कूल तथा 1887 ई. में तेजनारायण जुबली कॉलेज की स्थापना की थी।

⪼ मारवाड़ी समुदाय ने 1941 ई. में मारवाड़ी कॉलेज की स्थापना की। श्री कृष्णाधन घोष ने मोक्षदा बालिका विद्यालय की स्थापना 1868 ई. में की।

सांस्कृतिक गतिविधियां

➣ भागलपुर में बलाई चंद्र मुखर्जी ने लम्बे समय तक रहकर अपना लेख लिखा। इन्हें लोग बनफूल के नाम से जानते है। राधाकृष्ण सहाय ने कई रचना का बांग्ला से हिंदी में अनुवाद किया।

⪼ भागलपुर में ही शरतचंद्र चट्‌टोपाध्याय ने ‘देवदास’ और भूषण बांधोपाध्याय ने ‘पथेर पंचाली’ तथा रवीन्द्रनाथ टैगोर ने ‘गीताजंली’ के कुछ अंश लिखा। गीताजंली को साहित्य का नोबल पुरस्कार मिला था। डॉक्टर राधाकृष्ण ने भागलपुर में ‘साहित्य गोष्ठी’ नामक संस्था बनाई।

👉 भागलपुर में रंगमंच(नाटक) का भी आयोजन होता था। यहां सिर्फ बंगाली समाज के लोग थियेटर या जात्रा (नाटक) में प्रमुख भूमिका निभाते थे। भागलपुर का पहला नाटक बाबरी मीरा था, जिसके निर्देशक हरिकुंज थे।

धार्मिक स्थल

➣ भागलपुर के बूढ़ानाथ मोहल्ला में बाबा बूढ़ानाथ महादेव की मंदिर हिन्दुओं का प्रसिद्ध उपासना स्थल है। जिसे लक्ष्मी नारायण सिंह ने बनवाया था। इस मंदिर में बाबू मोहन साह एवं बाबू रामकृष्ण भगत ने दो धर्मशाला बनवाया, जहां पर श्रद्धालु आकर ठहरते थे।

⪼ भागलपुर के नाथनगर मोहल्ला में दिगम्बर जैन मंदिर एवं चंपानगर में श्वेतांबर जैन मंदिर स्थित है।

सार्वजनिक स्थल

👉 भागलपुर शहर को इमारतों के दृष्टिकोण से दो भागों में बांटा गया है। उन्नीसवीं शताब्दी के पहले के यहां किला, महल, मकबरा था, जबकि उन्नीसवीं शताब्दी के बाद यहां स्कूल, अस्पताल, पार्क, स्टेशन सरकारी दफ्तर आदि थे।

➣ भागलपुर शहर में क्लिवलैंड हाउस स्थित है, जिसका निर्माण भागलपुर के पहला कलेक्टर क्लिवलैंड ने करवाया था। यह एक सुंदर इमारत है। इसमें पहले परेशनाथ घोष रहते थे, लेकिन बाद में क्लिवलैंड ने इसे खरीद लिया। क्लिवलैंड के बाद इसे रवीन्द्रनाथ टैगोर ने अपना अध्ययन स्थल बनाया और गीताजंली के कुछ अंश यही लिखे। इसे अब रविन्द्र भवन के नाम से जाना जाता है।

👉 19वीं शताब्दी में अंग्रेजों ने समय देखने के लिए घंटाघर का निर्माण करवाया था। लोग कोई बहाना नहीं बना सके, इसके लिए घंटाघर को सार्वजनिक स्थानों पर बनवाया गया था। टाउन हॉल में सार्वजनिक समारोह का आयोजन किया जाता था।

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दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 8वीं के इतिहास के पाठ 10 अंग्रेजी शासन एवं शहरी बदलाव (Angreji Shasan Evam Sarahi Badlaw) का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !

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