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BSEB Class 8 Social Science Chapter 6. अंग्रेजी शासन के खिलाफ संघर्ष | Angreji Shasan Ke Khilaf Sangharsh Class 8th History Solutions

आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 8वीं इतिहास का पाठ ‘अंग्रेजी शासन के खिलाफ संघर्ष (1857 की क्रांति)’ का नोट्स को देखने वाले है। Angreji Shasan Ke Khilaf Sangharsh

BSEB Class 8 Social Science Chapter 6. अंग्रेजी शासन के खिलाफ संघर्ष | Angreji Shasan Ke Khilaf Sangharsh Class 8th History Solutions

1857 की क्रांति

👉 जमींदार नबाव, किसान, राजा, आदिवासी, व्यापारी आदि अंग्रेजो से परेशान थे।

➣ भारत के लोग अंग्रेजी शासन के खिलाफ आंदोलन करते थे, लेकिन यहां के लोगो में एकजुटता नहीं था। इसलिए इनके आंदोलन को दबा दिया जाता था।

भारतीय सैनिकों का शिकायत

(i) अंग्रेजी सेना में काम करने वाले भारतीय सिपाही खुश नहीं थे। उन्हें अंग्रेज सिपाही की अपेक्षा कम रूपया मिलता था।

(ii) भारतीय सिपाही चाहे कितना भी काम करते थे, उन्हें हवलदार या सूबेदार ही बनाया जाता था। और अंग्रेजी सेना को ऊंचा पद मिलता था।

झांसी की रानी

(i) झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का जन्म 19 नवंबर 1828 ईस्वी में वाराणसी में हुआ था।
(ii) इनके बचपन का नाम मणिकर्णिका था।
(iii) लक्ष्मीबाई अपने पति गांधार राव की मृत्यु के बाद झांसी की रानी बनी।
(iv) रानी लक्ष्मीबाई का कोई पुत्र नहीं था, उन्होंने एक पुत्र को गोद लिया था।
(v) वे चाहती थी कि अंग्रेजी सरकार उनके पति की मृत्यु के बाद उनके गोद लिए हुए बेटे को राजा मान ले, परंतु अंग्रेज ने इस बात को नहीं माना और झांसी को अंग्रेज ने हड़प लिया।

कानपुर का विद्रोह

(i) कानपुर के विद्रोह का नेतृत्व नाना साहब कर रहे थे।
(ii) नाना साहब, पेशवा बाजीराव द्वितीय के गोद लिय हुए पुत्र थे।
(iii) नाना साहब ने अग्रेजो से आग्रह किया कि उनके पिता को पेंशन मिलता रहे। परन्तु अंग्रेजो ने माना कर दिया था।

➣ कानपुर के विद्रोह का नेतृत्व नाना साहब ने किया, और इनका साथ तात्या टोपे और अहमदुल्लाह ने दिया।

दिल्ली का विद्रोह

(i) दिल्ली का विद्रोह का नेतृत्व बहादुर शाह जफर कर रहे थे।
(ii) 1849 ईस्वी में लॉर्ड डलहौजी ने ऐलान किया कि बाहदुर शाह जफर की मृत्यु के बाद बाद‌शाह के परिवार को लाल किला से निकाल कर, उसे दिल्ली में कहीं और बसाया जाए।
(iii) 1856 ईस्वी में कैनिंग ने फैसला किया कि बहादुर शाह जफर की मृत्यु के बाद उनके किसी भी वंशज को बादशाह नही बनाया जाएगा।

1857 के विद्रोह का आरंभ

(i) इस समय अग्रेजी सेना में काम करने वाले अधिकतर सिपाही भारतीय थे।
(ii) सैनिको को नए किस्म का इनफील्ड राइफल दिया गया था, जिसके कारतूस (गोली) पर मोटा खोल लगा होता था। जिसे पहले दाँत से काट कर हटाने के बाद बंदूक में रखकर चलाना होता था।
(iii) इस कारतूस को बनाने में गाय, सुअर एवं अन्य जानवरों के चर्बी का इस्तेमाल किया जाता था।
(iv) इस बात को हिन्दू और मुस्लमान दोनों सैनिकों को उत्तेजित कर दिया।

👉 सर्वप्रथम मार्च 1857 में पश्चिम बंगाल मे स्थित बैरकपुर छावनी के एक युवा सिपाही मंगल पांडे ने नए कारतूस और राइफल लेने से इंकार कर दिया, दबाव डालने पर उसने अपने अफसर पर हमला कर दिया, बाद में उन्हें गिरफ्तार कर के 8 अप्रैल 1857 को फाँसी पर लटका दिया गया।

➣ कुछ दिनों के बाद मेरठ छावनी के 90 सैनिको ने इसका विरोध किया, जिसके बाद उन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया। और 10 सालो की सजा सुनाई गई।

➤ मेरठ छावनी के सैनिको ने 10 मई 1857 को पूरी छावनी में विद्रोह कर दिया। मेरठ के सैनिको ने अग्रेजी अफसरों की हत्या की, शास्त्रागार को लुटा, शहर में रह रहे अंग्रेजी अफसरों को भी लुटा।

👉 मेरठ की सैनिक दिल्ली पहुंचकर बहादुर शाह जफर को अपना राजा बनाया। और दिल्ली को अग्रेजी सैनिकों से आजाद किया।

लखनऊ का विद्रोह का नेतृत्व बेगम हजरत महल ने किया। इसके राज्य को अंग्रेजो ने हड़प लिया था।

फैजाबाद का विद्रोह का नेतृत्व मौलवी अहमदुल्लाह शाह ने किया था। बरेली में बख्त खान ने सेना को तैयार किया था।

वीर कुंवर सिंह

(i) वीर कुंवर सिंह का जन्म 13 नवंबर 1777 को बिहार के भोजपुर जिला के जगदीशपुर गाँव में हुआ था।
(ii) इनके पिता का नाम बाबू साहबजादा सिंह था, जो एक जमींदार थे। इनकी जमीदारी को अंग्रेजो ने छीन लिया था।
(iii) इसके बाद वीर कुंवर सिंह ने दानापुर छावनी के सैनिको के साथ मिलकर आंदोलन किया। 1857 के विद्रोह में वे बिहार का प्रमुख नेता थे।
(iv) 26 अप्रैल 1858 को उनकी मृत्यु हो गई।
(v) मरते समय इनकी उम्र 80 साल थी।

वहाबी आंदोलन

मुसलमानो के सामाजिक और धार्मिक स्थिती के बदलाव के लिए सऊदी अरब में अब्दुल वहाब के द्वारा यह आंदोलन चलाया गया था। और उन्ही के नाम पर इस आंदोलन का नाम वहाबी आंदोलन रखा गया।

➣ बिहार में वहाबी आंदोलन का नेतृत्व मौलवी विलायत अली और इनायत अली दोनों ने किया था।

👉 माझा प्रवास एक पुस्तक है, जिसके लेखक विष्णु भट्ट गोडसे है, जिसमे झांसी की रानी के बारे में बताया गया है।

1857 के क्रांति के खत्म होने का कारण

(i) इग्लैंड से अग्रेजी सेना को बुलाया गया था।
(ii) यह अंग्रेजी सेना छापामार युद्ध कर भारतीय क्रांतिकारियों को खत्म करने लगे।
(iii) अग्रेजी सेना के डर से नाना साहब और बेगम हजरत महल नेपाल भाग गए।
(iv) झाँसी की रानी और वीर कुंवर सिंह का मृत्यु हो गया।

1857 की क्रांति का परिणाम

(i) अग्रेजो ने 1859 में देश पर दुवारा नियंत्रण कर लिया। लेकिन पुरानी नितीयों को बदल दिया।
(ii) 1858 में एक नया कानून बना, जिसके सहारे ईस्ट इंडिया कंपनी के सारे अधिकार ब्रिटिश साम्राज्य के हाथ में सौप दिया गया।
(iii) अग्रेजी सेना में से भारतीय सेना को निकाल दिया गया।
(iv) देश के सभी शासको को भरोसा दिया गया कि भविष्य में उनके क्षेत्र पर दुबारा कब्जा नहीं किया जाएगा।
(v) किसी राजा के वंशज भी राजा बन सकते है।

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दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 8वीं के इतिहास के पाठ 06 अंग्रेजी शासन के खिलाफ संघर्ष (1857 की क्रांति) (Angreji Shasan Ke Khilaf Sangharsh) का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !

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