आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 6वीं राजनीतिक शास्त्र का पाठ ‘ग्रामीण जीवन यापन के स्वरूप’ का नोट्स देखने वाले है। Bihar Board Class 6th
ग्रामीण जीवन यापन के स्वरूप |
प्रश्न 1. मध्यम किसान दूसरे के खेतों में काम क्यों नहीं करते हैं?
उत्तर– मध्यम किसान जैसे लोगों को थोड़ी-सी जमीन होती है और वह उसी में दो फसलों को उपजाता है। मजदूरों की कमी के कारण काम समय पर नहीं हो पाता है जिससे हुसे बैंक का कर्ज चुकाने के लिए फसल जल्दी बेचना पड़ता है। इसमें उनके परिवार का गुजारा तो हो जाता है, इसलिए मध्यम किसान दूसरों के खेतों में मजदूरी नहीं करनी पड़ती है।
प्रश्न 2. ललन की पारिवारिक आय में वृद्धि होने के अन्य तीन स्रोत बताएँ।
उत्तर– ललन की पारिवारिक आय में वृद्धि होने के अन्य तीन स्रोत निम्न है –
(i) ललन कृषि करने के लिए खाद-बीज-कीटनाशक आदि चीजों को खरीदने के लिए बैंक से ऋण भी लेता है।
(ii) खेती के साथ वह मुर्गी फार्म भी चलाता है। ललन को खेती के लिए खाद बीज के पैसे के०सी०सी० (किसान क्रेडिट कार्ड) के माध्यम से मिल जाता है।
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प्रश्न 3. सीमान्त किसान कृषि कार्य के अलावे कौन-कौन से कार्य करते हैं, सूची बनाएँ।
उत्तर– सीमान्त किसान कृषिकार्य के अलावे निम्नलिखित कार्य करते हैं।
(i) सीमान्त किसान जैसे कृपाशंकर को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वह बाकी समय में चावल मिल पर भी काम करता है।
(ii) उसके पास दो गाय और एक भैंस भी है जिसका दूध वह दुकानदारों एवं सहकारी समिति में बेचता है जिससे कुछ आय प्राप्त हो सके।
(iii) और उसे दूसरों के खेतों में भी खेती करना पड़ता है।
प्रश्न 4. कृपाशंकर जैसे किसानों को खाद-बीज के लिए कर्ज कहाँ-कहाँ से मिल जाता है? इस कर्ज को कब और कैसे वापस करना होता है?
उत्तर– कृपाशंकर जैसे किसानों को खाद-बीज के लिए महाजन या साहूकार से ऊँची ब्याज पर कर्ज लेना पड़ता है। क्योंकि इस कारण फसल कटते ही उसे बेचकर ब्याज समेत लिए कर्ज की रकम को लौटाने की जल्दी होती है। इस कर्ज को किसान अपने फसलों को समय से पहले ही उसे बेच देते हैं।
पैसे की कमी के कारण वह भाव बढ़ने का भी इन्तजार नहीं कर पाते हैं। अगर समय पर कर्ज की रकम वापस नहीं की गई तो अत्यधिक ब्याज के कारण कर्ज की रकम को वापस करना संभव नहीं होता है और वह अपनी फसल को कम समय और उधार को चुकाने के लिए उस फसल को बेच कर ही वापस किरना होता है।
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प्रश्न 5. कृपाशंकर को डेयरी में दूध बेचने से कितनी आय प्राप्त होती होगी, अनुमान लगायें।
उत्तर– कृपाशंकर को डेयरी में दूध बेचने से कुछ ही आय प्राप्त होता होगा, जिससे उसका घर परिवार के लिए कुछ ही बच पाता होगा। इसके लिए वह कहीं दूसरों के खेतों पर खेती करना पड़ता होगा। खेती और घर खर्च के लिए उन्हें समय-समय पर कर्ज लेना भी पड़ता होगा।
प्रश्न 6. मध्यम किसान और कृपाशंकर के काम में क्या अन्तर है?
उत्तर– मध्यम किसान-मध्यम किसान को फसल के लिए समय पुर खाद-बीज खरीदने के लिए पैसे किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से मिल जाता है और उसके पास थोड़ी-सी जमीन होती है। इसमें उसके परिवार का गुजारा हो जाता है। लेकिन उसके पास इतने पैसे ही नहीं होते की वह खेती के लिए खाद-बीज-कीटक आदि समय पर धरीद नहीं पाते हैं और वह अपनी दैनिक खर्चों को पूरा करने के लिए खेती के साथ वह मुर्गी फार्म भी चलाता है।
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प्रश्न 7. सीमान्त किसान, मध्यम किसान, बड़ा किसान जरूरत पड़ने पर कर्ज कहाँ से लेते हैं?
उत्तर– सीमान्त किसान सीमान्त किसानों को आसानी से कर्ज तुहीं मिल पाता है उन्हें महाजन या साहूकार से ऊँचा ब्याज पर कर्ज लेना पड़ता है। मध्यम किसान-मध्यम किसानों को खेती करने के लिए के सी०सी० (किसान क्रेडिट कार्ड) के माध्यम से मिल जाता है। बड़ा किसान- बड़ा किसान के पास 30-40 एकड़ तक की जमीन पलब्ध होती है। वह बैंक से लोन लेकर मोटर पंप, थ्रेसर और ट्रैक्टर-ट्राली जैसी कई चीजें खरीदते हैं और वह निश्चित समय पर लोन भी चुका देते हैं।
प्रश्न 8. आप अपने अनुभव से बताइए कि आप के यहाँ जोतदार किसान खेती के अलावे क्या-क्या करते हैं?
उत्तर– जोतदार किसान खेती के अलावे चावल के मिल से चावल को वह शहर के व्यापारियों को बेचने का भी काम करता है। वह मुर्गी फार्म में भी काम करता है। अवकाश मिलने पर वह घर परिवार के लिए अन्य भी काम कर सकता है।
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प्रश्न 9. एक बड़े किसान और सीमान्त किसान के खेती के कार्य के तरीकों में क्या अन्तर है?
उत्तर– एक बड़े किसान के पास 30-40 एकड तक की जमीन होती है। वह आधुनिक उपकरणों के द्वारा खेतों में सिंचाई करता है। नई मशीनों जैसेमोटरपंप, थ्रेसर और 14 ट्रैक्टर-ट्राली के द्वारा खेती करना काफी आसान हो गया है सीमान्त किसान के पास 1 एकड़ जमीन ही हो पाती है। उसके पास खेती करने के लिए आधुनिक उपकरण नहीं हैं। उसे खेती करने के लिए खाद-बीज-दवा सब उधार लेना पड़ता है। नहरों से सिंचाई तथा समय पर बारिश का इन्तजार करना पड़ता है। उन्हें कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।
प्रश्न 10. एक बड़े किसान उत्पादित अनाज को क्या करते हैं, शिक्षक के साथ चर्चा करें।
उत्तर– एक बड़े किसान उत्पादित अनाज को अपने पास रखता है। इसके लिए उसके पास घर होता है। फसल की कीमतों का भाव बढ़ने का इन्तजार करता है। फिर उसे बिजारों में बेच देता है। इससे उसे कई गुणा फायदा मिलता है।
प्रश्न 11. कृषक मजदूर एवं सीमान्त किसान में क्या समानता और अंतर है?
उत्तर– कृषक मजदूर-इन कृषक मजदूर के पास बिल्कल जमीन नहीं होती है। वह मजदूर परिवार अपने खेतों से नहीं बल्कि पूरी तरह दूसरे के खेतों पर जीवन-यापन करते हैं। कृषक मजदूर मजदूरी करके अपने घर-परिवार का जीवन यापन करते हैं।
सीमान्त किसान-सीमान्त किसान के पास केवल 1 एकड़ जमीन ही होती है। उसे खेती करने के लिए खाद-बीज सभी चीजों के लिए उधार लेना पड़ता है और कृषक मजदूर एवं सीमान्त किसान में यही समानता है कि मजदूर किसान दूसरों की जमीन पर मजदूरी करते हैं। उसकी अपनी जमीन नहीं होती है। लेकिन सीमान्त किसान को अपनी जमीन होने के बावजूद भी घर परिवार के खर्चे के लिए दूसरों के खेतों में खेती करना ब्रड़ता है।
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प्रश्न 12. आमतौर पर कृषक मजदर को कर्ज कहाँ और कैसे प्राप्त होता है?
उत्तर– आमतौर पर कृषक मजदूर को कर्ज महाजन से तथा जमींदारों से मिल जाता है और गैर कृषि-कार्य (टोकरी बनाना, मिट्टी के बर्तन, ईंट, झाड़, सूप, पंखा, चटाई) बनाकर अपना जीवन यापन करते हैं।
प्रश्न 13. पशु पालने का क्या कारण है?
उत्तर– कृषक मजदूर को फसलों की कटाई के समय ही काम आसानी से मिलता है। परंतु साल के बाकी दिनों में मजदूर को मजदूरी नहीं मिलने पर वे लोग गाय तथा भैंस को पालते हैं और पशुपालन करके अपने परिवार का खर्च निकाल पाते हैं। इसलिए मजदूर किसान पशु पालने का भी काम करते हैं।
प्रश्न 1. आपके गाँव में किन-किन फसलों की खेती की जाती है ? सूची बनाएं।
उत्तर– हमार गाँव में निम्नलिखित फसलों की खेती की जाती है
(i) गेहूँ (ii) चावल (iii) बाजरा (iv) जौ (v) मक्का (vi) दलहन की खेती
प्रश्न 2. मध्यम किसान खेती के काम के लिए किन-किन माध्यमों से धन उपलब्ध करते हैं?
उत्तर– मध्यम किसान खेती के लिए पैसा के सी सी० (किसान क्रेडिट कार्ड) के माध्यम से धन उपलब्ध हो जाता है। बैंक से कर्ज भी मिल जाता है। इस तरह इन माध्यमों के द्वारा मध्यम किसान खेती के काम को आसानी कर पाता है।
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प्रश्न 3. आमतौर पर आपके गाँव में एक किसान परिवार को खेती से गुजारा करने के लिए कितनी एकड़ जमीन की आवश्यकता होती है, जिससे उन्हें या उनके परिवार के सदस्यों को दूसरे के यहाँ मजदूरी नहीं करनी पड़े?
उत्तर– आमतौर पर हमारे गाँव में एक किसान परिवार को खेती करके गुजारा करने के लिए 30-40 एकड़ जमीन की आवश्यकता होती है, जिससे उन्हें या उनके परिवार के सदस्यों को दूसरे के यहाँ मजदूरी नहीं करनी पड़े।
प्रश्न 4. महाजन या साहूकार के यहाँ कर्ज की ब्याज दर ऊंची क्यों होती है?
उत्तर– महाजन या साहूकार के यहाँ कर्ज की ब्याज दर हमेशा ऊँची होती है जब छोटे सीमान्त किसानों को आसानी से कर्ज नहीं मिल पाता है और इसका फायदा महाजन लोग उसे ऊँची ब्याज की दर पर आसानी से कर्ज दे देते हैं। जिससे किसानों को खेती करने में सहायता मिल जाती है और इसलिए महाजन या साहुकार के यहाँ याज दर ऊँची होती है।
प्रश्न 5. एक व्यक्ति को अमूमन एक वर्ष में कितने समय कषक मजदूर के रूप में काम मिलता है एवं बाकी दिनों में वह आजीविका संबंधी कौन-कौन से कार्य करते हैं?
उत्तर– एक व्यक्ति को अमूमन एक वर्ष सिर्फ फसलों की कटाई के समय में ही कृषक मजदूर के रूप में काम मिल पाता है एवं बाकी दिनों में वह गाँव में मजदूरी नहीं मिलने पर वह शहर में मिट्टी ढोने, बालू ढोने तथा निर्माणाधीन मकानों में मजदूरी का काम करते हैं और वे लोग गाय तथा भैंस को भी पालते हैं। ग्रामीण मजदुर गैर कृषि कार्य (टोकरी बनाना, मिट्टी के बर्तन, ईंट, सूप, पंखा, चटाई आदि) बना कर वह अपना जीवन-यापन करते हैं।
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प्रश्न 6. संतोष और प्रमोद के परिवारों में क्या अंतर है?
उत्तर– संतोष का परिवार – संतोष का परिवार बहुत ही गरीब है। वह मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करता है। गाँव में मजदूरी नहीं मिलने पर संतोष, पली और बच्चों के साथ पास के शहर में मिट्टी ढोने, बालू ढोने तथा निर्माणाधीन मकानों में मजदूरी का काम करते हैं। संतोष की पत्नी घरों के घरेलू काम करती है। गाय, भैंस भी पालती है। कृषक मजदूर का गुजारा नहीं हो पाता है, तो वह गैर कृषि कार्य करके अपना जीवन यापन करते हैं।
प्रमोद का परिवार प्रमोद का परिवार खुशहाल है और उन्नति करके वह अपने परिवार का भरण-पोषण उचित तरीके से करता है। उसके पास 300-40 एकड़ तक जमीन है। वह अपनी फसल की कीमत बढ़ जाने पर ही बेचता है जिससे उसे बहुत अच्छी आमदनी हो जाती है। अपने खेतों की कमाई से उसके परिवार का गुजारा अच्छी तरह हो जाता है। उनको और उनके परिवार के अन्य सदस्यों को अपने खेतों पर काम करने की जरूरत नहीं होती। प्रमोद अपने पास एक या दो मजदूर साल भर के लिए रखते है। वह अपने खता। बागवानी भी करता है। वह सुखी सम्पन्न जीवन यापन करता है।
प्रश्न 7. गैर कृषि कार्य के अन्तर्गत आपके गाँव के लोग कौन- कौन-सा कार्य करते हैं?
उत्तर– गैर कृषि कार्य के अन्तर्गत हमारे गाँव के लोग निम्न कार्य करते हैं। जैसे हस्तशिल्प, सिलाई का काम, जरी- गोटा लगाने का काम, दीया, टोकरी, सूप, दौरी, पंखा, मिट्टी के बर्तन, ईंट, दर्जी, राजमिस्त्री, लोहारगिरी, खिलाना इत्यादि बनाकर अपनी आजीविका चलाते हैं। चैन हस्तनिर्मित सामानों को गाँवों में बेचकर अपने प्ररिवार का जीवन-यापन करते हैं।
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प्रश्न 8. गैरकृषि-कार्य किसे कहते हैं? उदाहरण सहित उत्तर दें।
उत्तर– ग्रामीण परिवारों जो मजदूर ऐसे भी हैं जो थोड़ा पैसा कमाते हैं, जिससे उनका भरण-पोषण नहीं हो पाता है। इस कारण वह मजदूर अपने जीविका उपार्जन के लिए गैर कृषि कार्य करते हैं। जैसे-टोकरी बनाना, मिट्टी के बिर्तन, झाडू, सूप, पंखा, चटाई, खिलौना, हस्तशिल्प, सिलाई का काम, जरी-गोटा लगाने का काम, बढ़ईगिरी, लोहारगिरी, राजमिस्त्री, दर्जी इसके अलाये कृषक मजदूर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग हाथ से कम्बल, लाई, चादर इत्यादि कार्यों को करते हैं।
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दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 6वीं के राजनीतिक शास्त्र के पाठ 02 ‘ग्रामीण जीवन यापन के स्वरूप’ का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !