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Bihar Board Class 6th Civics Chapter 3 Solution शहरी जीवन यापन के स्वरूप

आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 6वीं राजनीतिक शास्त्र का पाठ ‘शहरी जीवन यापन के स्वरूप’ का नोट्स देखने वाले है। Bihar Board Class 6th

Bihar Board Class 6th Civics Chapter 3 Solution शहरी जीवन यापन के स्वरूप

शहरी जीवन यापन के स्वरूप

प्रश्न 1. किन आधारों पर कहेंगे कि फुटपाथ या पटरी पर काम करने वाले स्वरोजगार में लगे होते हैं?
उत्तर– चूँकि फुटपाथ या पटरी पर काम करने वाले अर्थात् दुकान चलाने वाले किसी के अधीन काम नहीं करते। वे अपनी पूँजी लगाते हैं और अपने स्वयं श्रम करते हैं। आवश्यकतानुसार ये श्रम खरीदते भी हैं। इन्हीं आधारों पर हम कह सकते हैं कि फुटपाथ या पटरी पर काम करने वाले ‘स्वरोजगार में लगे होते हैं। वे किसी की गुलामी नहीं करते ।

प्रश्न 2. अपने आस-पास के फुटपाथ पर फल की दुकान लगाने वाले किसी व्यक्ति से पूछकर बताइए कि उसकी दिनचर्या जैसे वह फल कहाँ से एवं कब खरीदता है ?
उत्तर– एक फुटपाथी फल वाले से फल वाली सारी बातें पूछीं। उसने बताया कि सुबह 6 से 7 बजे तक वह फलं की थोक मंडी में चला जाता है। वहाँ वह फलों का चुनाव करता है और दिन भर बेचने योग्य फल थोक में खरीदकर दुकान लगाने की जगह पहुँच जाता है। इसके पहले उसका पुत्र बचे हुए फल रखकर बिक्री प्रारंभ कर चुका रहता है। मेरे पहुँचने पर वह स्कूल चला जाता है। अब आज लाये फलों को सजा कर मैं बैठ जाता हूँ।

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मेरा छोटा बेटा और बेटी दोपहर में चले आते हैं। उनपर दुकान छोड़कर मैं घर जाता हूँ और भोजन कर थोड़ा आराम करता हूँ और फिर दुकान पहुँच जाता हूँ। बेटा-बेटी घर चले जाते हैं सात-आठ बजे रात तक दुकान पर रहता हूँ। बचे हुए फल को टोकरी में रखकर घर चला जाता हूँ । दूसरे दिन मेरी पत्नी सड़े-गले फलों और अच्छे फलों की छँटाई कर देती है। फिर दूसरे दिन का काम पहले दिन जैसे शुरू हो जाता है।

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प्रश्न 3. श्यामनारायण कुछ समय शहर में रहता है एवं कुछ समय गाँव में रहता है। क्यों ?
उत्तर– श्यामनारायण गाँव का एक कृषक मजदूर है। इसे अपनी कृषि भूमि नहीं है। जिस कारण इसे दूसरों के खेत में काम करना पड़ता है। लेकिन खेतों में अधिक दिनों तक लगातार काम नहीं रहता। इसी खाली समय में आय अर्जित करने के लिए उसे शहर आ जाना पड़ता है। यही कारण है कि श्यामनारायण कुछ समय शहर में रहता है और कुछ समय गाँव में रहता है।

प्रश्न 4. श्यामनारायण रैन बसेरा में क्यों रहता है ?
उत्तर– श्यामनारायण रैन बसेरा में इसलिए रहता है क्योंकि शहर में रहने या रात बिताने का कोई स्थान नहीं है। सरकार ने ऐसे ही बेघरवालों के लिए रैन- बसेरा बना रखा है। इसी कारण श्यामनारायण रैन बसेरा में रहता है। इससे उसे जाड़ा और बरसात से रक्षा हो जाती है।

प्रश्न 5. जो बाजार में सामान बेचते हैं और जो सड़कों पर सामान बेचते हैं उनमें क्या अन्तर है?
उत्तर– जो बाजार में सामान बेचते हैं और जो सड़कों किनारे सामान बेचते हैं उनमें यह अन्तर है कि बाजार वालों के पास स्थायी मकान होता है। वह मकान नीज का या किराया का हो सकता है। लेकिन सड़क किनारे वालों को अपना स्थायी स्थान नहीं होता है। इसका परिणाम होता है कि नगर निगम वाले या पुलिस के सिपाही उसे हमेशा तंग करते रहते हैं। रोज उन्हें कुछ-न-कुछ नगद रुपया देना होता है। वर्षा धूप से भी इन्हें कोई खास सुरक्षा नहीं मिलती।

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प्रश्न 6. प्रमोद और अंशु ने एक बड़ी दुकान क्यों शुरू की ? उनको यह दुकान चलाने के लिए कौन-कौन से कार्य करने पड़ते हैं?
उत्तर– प्रमोद के पिता एक छोटे दुकानदार थे । प्रमोद के चाचा भी दुकान काम करते थे। छुट्टी के दिनों में प्रमोद भी दुकान पर बैठता था। उसकी माँ भी उसके साथ रहती थी। ये लोग दुकानदारी में मदद किया करते थे। उस समय प्रमोद कॉलेज का छात्र था। स्तामक की पढ़ाई पूरी कर लेने के बाद उसकी इच्छा बड़ी दुकान खोलने की हुई। उसने एक बड़ा शोरूम चालू कर दिया। दुकान चल निकली। अब वह अपनी पत्नी अंशु को भी दुकान पर बैठाने लगा और दोनों मिलकर एक नामी शोरूम के मालिक बन गये ।

अंशु चूँकि एक ट्रेंड ड्रेस डिजाइनर है, अतः वह नये-नये डिजाइन के वस्त्र तैयार करने लगी। युवा वर्ग उसके वस्त्रों को पसन्द करने लगा। इस रेडीमेड दुकान के लिए वे दिल्ली, मुम्बई, अहमदाबाद और कभी विदेशों से भी कपड़े मँगवाने लगे। शोरूम के प्रचार के लिए विज्ञापन भी निकाला जाने लगा। अब वह शोरूम शहर का एक नामी शोरूम बन चुका है।

आज उनके पास अपना रिहायशी मकान है। अपनी कार है। कुल मिलाकर दोनों पति-पत्नी सुखी जीवन व्यतीत करते हैं।

प्रश्न 7. आकांक्षा जैसे लोगों की नौकरी की कोई सुरक्षा नहीं है। ऐसा आप किस आधार पर कह सकते हैं ?
उत्तर– चूँकि आकांक्षा फैक्ट्री में अस्थायी रूप से नियुक्त है। जबतक काम रहता है तबतक काम लिया जाता है और बाद में छुट्टी दे दी जाती है। इस खाली समय के लिए आकांक्षा को कोई अन्य काम ढूँढ़ना पड़ता है। चूँकि आकांक्षा को सालों भर लगातार नहीं रखा जाता। इसी आधार पर हम कह सकते हैं कि आकांक्षा और हम कह सकते हैं कि आकांक्षा और उसके तरह और लोगों की नौकरी की कोई सुरक्षा नहीं है।

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प्रश्न 8. आकांक्षा जैसे लोग अनियमित रूप से काम पर रखे जाते हैं। ऐसा क्यों है ?
उत्तर– आकांक्षा जैसे लोग अनियमित रूप से काम पर रखे जाते हैं। ऐसा इसलिए है कि काम की कमी है। काम की कमी के कारण ही फैक्ट्री वालों को ऐसा करना पड़ता है। काम की कमी और कामगारों की अधिकता के कारण ही ऐसा होता है।

प्रश्न 9. दूसरों के घरों में काम करने वाली एक कामगर महिला के दिन भर के काम का विवरण दीजिए ।
उत्तर– दूसरों के घरों में काम करने वाली एक कामगार महिला सूर्योदय के पहले या तुरत बाद घर में पहुँच जाती है। रात के जूठे बर्त्तनों को एकत्र करती है। बाद में पूरे घर की सफाई करती है और पोंछा लगाती है। तब बर्तन माँजने बैठती है। बर्तन माँजने के बाद वह यही काम करने दूसरे घर में चली जाती है। फिर शाम में 3 बजे आती है और वही काम दोहराती है। किसी-किसी घर में उसे बच्चों को स्कूल या स्कूल बसों तक छोड़ना और शाम में लाना भी पड़ता है।

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प्रश्न 10. दफ्तर में काम करने वाली महिला और कारखाने में काम करने वाली महिला में क्या क्या अन्तर है ?
उत्तर– दफ्तर में काम करने वाली महिला और कारखानों में काम करने वाली महिला में काफी अंतर है। दफ्तर में काम करने वाली महिला स्थायी रूप में नियुक्त रहती हैं। इन्हें नौकरी से निकाले जाने की कोई आशंका नहीं होती। इन्हें समय पर वेतन मिल जाता है। भविष्य निधि में सदैव जमा होता रहता है, जो रिटायर होने पर एक मुस्त मिल जाता है। मासिक पेंशन मिलता है सो अलग।

कारखाने में काम करने वाली महिला अनियमित रूप में नियुक्त होती हैं। जबतक काम रहता है तबतक तो इन्हें रखा जाता है, काम नहीं रहने की स्थिति में इन्हें हटा दिया जाता है। हालाँकि साप्ताहिक छुट्टी मिलती है और अधिक देर तक काम के एवज में अतिरिक्त भुगतान भी मिलता है। लेकिन काम के स्थायित्व का कोई ठिकाना नहीं रहता ।

प्रश्न 11. क्या भविष्यनिधि, अवकाश या चिकित्सा सुविधा शहर में स्थायी नौकरी के अलावा दूसरे काम करने वालों को मिल सकती है। चर्चा करें।
उत्तर– स्थायी नौकरी के अलावा अस्थायी रूप से काम करने वालों को प्रश्न में बतायी कोई सुविधा नहीं मिलती।

अभ्यास : प्रश्न और उनके उत्तर

प्रश्न 1. अपने अनुभव तथा बड़ों से चर्चा कर शहरों में जीवन-यापन के विभिन्न स्वरूपों की सूची बनाएँ:
उत्तर– शहर में जीवन-यापन करने वाले के स्वरूप में काफी भिन्नता है। कोई तो काफी सुखी – सम्पन्न जीवन व्यतीत करते हैं तो किसी को रैन बसेरों में गुजारा करना पड़ता है। कुछ पूँजीपति जहाँ बड़ी-बड़ी दुकानें और शोरूम चलाते हैं वहीं कुछ लोग फुटपाथों, ठेलों और टोकरी में सामन लेकन घूम- घूमकर अपने सामान बेचते हैं।

बड़े दुकानदार जहाँ अपने मकानों में रहते हैं और यात्रा के लिए मोटर कार रखते हैं तो फुटपाथी और ठेले वाले मुश्किल से अपना गुजारा कर पाते हैं। ये किराये के एक या दो कमरे में रहते हैं तथा सायकिल से या पैदल यात्रा करते हैं। कुछ ऐसे लोग हैं जो कुछ दिनों के लिए गाँवों से आते हैं और कमाई कर घर लौट जाते हैं।

प्रश्न 2. पटरी पर के दुकानदार एव अन्य दुकानदारों की स्थिति में क्या अंतर है ?
उत्तर– पटरी पर के दुकानदारों की स्थिति रोज कमाने-खाने की रहती है, मुश्किल से ये वर्ष में 20-25 हजार रुपया कमा पाते हैं। दूसरी अन्य दुकानदारों की स्थिति यह है कि ये अधिक पूँजी वाले होते हैं और दिनों-दिन इनकी पूँजी बढ़ती ही जाती है । ये आयकर भी देते हैं।

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प्रश्न 3. एक स्थायी और नियमित नौकरी, अनियमित काम से किस तरह अलग है ?
उत्तर– एक स्थायी और नियमित नौकरी अनियमित नौकरी से काफी भिन्न है स्थायी और नियमित नौकरी वाले को एक निश्चित समय तक ही काम करना पड़ता है। बीच में लंच के लिए छुट्टी मिलती है। काम के घन्टे जब बढ़ते हैं तो ओवर टाइम का भुगतान मिलता है।
सभी नियमित छुट्टियाँ मिलती हैं। वर्ष में एक बार वार्षिक छुट्टी भी मिलती है। बोनस मिलता है।

हर महीने वेतन से प्रोविडेन्ट फण्ड के लिए कुछ रुपया कटता है जो काम छोड़ते समय ब्याज सहित मिल जाता है। एक निश्चित अवधि के बाद रिटायर हो जाना पड़ता है। अनियमित नौकरी में काम के घंटे निश्चित नहीं होते । मालिक की मर्जी के अनुसार काम करना पड़ता है। छुट्टी केवल रविवार और राष्ट्रीय छुट्टियों के दिन ही मिलती है। अधिक काम करने के एवज में कुछ नहीं मिलता। यदि माँग की जाती है तो नौकरी से निकाल दिया जाता है।

प्रश्न 4. एक स्थायी और नियमित नौकरी करने वालों को वेतन के अलावा और कौन-कौन से लाभ मिलते हैं ?
उत्तर– एक स्थायी एवं नियमित नौकरी करने वालों को वेतन के अलावा साप्ताहिक छुट्टी मिलती है। हर पर्व- त्योहार पर सवेतन छुट्टी मिलती है। उनके वेतन से काटकर रुपया भविष्य निधि में जमा होता है। रियाटर होने पर वह एक मुस्त मिल जाता है। अब सरकार उन्हें मासिक पेंशन भी देने लगी है।

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दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 6वीं के राजनीतिक शास्त्र के पाठ 03 ‘शहरी जीवन यापन के स्वरूप’ का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !

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