आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 7वीं इतिहास का पाठ ‘कहां, कब और कैसे’ का वस्तुनिष्ठ प्रश्न को देखने वाले है। Kaha kab aur kaise
कहां, कब और कैसे
प्रश्न 1. इतिहास किसे कहते है?
उत्तर— बीते हुए समय का अध्यन करना, इतिहास कहलाता है।
👉 इतिहास का पिता हेरोडोटस को कहते है।
⭐ इतिहास तीन प्रकार के होते हैं
(i) प्राचीन इतिहास
(ii) मध्य इतिहास (750 ईस्वी से 1750 ईस्वी तक)
(iii) आधुनिक इतिहास
★ हिन्दुस्तान शब्द का प्रयोग मुगल वंश के संस्थापक बाबर ने किया।
👉 बिहार शब्द का प्रयोग मिन्हाज–ए–सिराज ने किया। मध्य काल में बिहार को अर्ज–ए–बिहार का नाम दिया गया।
मध्यकाल में खेत को कोड़ाई के लिए कुदाल और फावड़ा का उपयोग किया जाता था, और सिंचाई के लिए तालाब, झील, नदी या कुआ के जलो का उपयोग किया जाता था। कुओं से पानी निकालने के लिए पहले अरघट्ठ यंत्र का उपयोग किया जाता था और इसके बाद रहट का प्रयोग होने लगा।
इसी काल में धागों की कटाई के लिए चरखे का उपयोग होता था। और इसके बाद धुनिया का प्रयोग होने लगा।
मध्यकाल में लिखने के लिए ताड़ के पत्तों, पत्थर और चट्टानों का उपयोग होता था, और बाद में कागज का प्रयोग होने लगा। कागज का अविष्कार सबसे पहले 100 ईस्वी के आस-पास चीन में हुआ।
इसी काल में समुद्री जहाजों पर कुतुबनुमा लगाया गया। और सुल्तान फिरोज शाह ने फिरोजाबाद (दिल्ली) में मीनार पर नक्षत्र घड़ी, धूप घड़ी और जल घड़ी लगाया। ये घड़ियां समय बताती थी।
प्रश्न 2. कुतुबनुमा किसे कहते है?
उत्तर— कुतुबनुमा एक दिशा सूचक यंत्र है, जो दिशा को बताता है।
मध्यकाल में घुड़सवार सैनिकों के लिए दो अविष्कार किए गए। पहला अविष्कार था– लोहे की रकाब और दूसरा अविष्कार था– लोहे की नाल। लोहे की रकाब की मदद से सैनिकों को घोड़े पर जम कर बैठने में सुविधा हुई। और लोहे की नाल की मदद से खुरखुरे कठोर जमीन पर घोड़े को चलने में दिक्कत नहीं होती थी।
इसी काल में अरब लोगों के साथ भारत में एक नया धर्म ‘इस्लाम’ आया। इस्लाम धर्म के लोगों का भगवान अल्लाह है। इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों को मुसलमान कहते है। मुसलमान का धर्म ग्रंथ ‘कुरानशरीफ’ है।
जब अरब लोग भारत में आए तो वहां के रीति रिवाज, पहनावा और खानपान लेकर आए। अरबों का मुख्य पकवान पुलाव, बिरयानी, कोरमा, फिरनी आदि था।
और भारत के स्थानीय लोगों हिंदू धर्म को मानते थे और अपने देवी देवता की पूजा करते थे। हिंदू धर्म के लोग अग्निकुंड में हवन करते है, जिसे यज्ञ कहते है।
इसी काल में तांत्रिक रूप से पूजा पाठ शुरू हुआ। तांत्रिक रूप से पूजा करने वाले लोग कपाल (खोपड़ी) धारण करते और कपाल में ही भोजन करते थे।
मध्य काल में ही समाज में ब्राह्मणों की सम्मान में वृद्धि हुई। और राजाओं ने इसी काल में बड़े-बड़े मंदिरों का निर्माण कराया।
और इसी काल में संत लोगों का उदय हुआ। जैसे कि कबीर, रैदास, नानक और रामानंद आदि प्रसिद्ध संत कवि थे। इन लोगों ने समाज के लोगों को बताया कि बिना किसी कर्मकांड के केवल प्रेम और भाईचारा के द्वारा भी भगवान के पास पहुंचा जा सकता है।
बिहार के प्रसिद्ध भक्त कवि दरिया साहब थे। जिनका जन्म शाहाबाद जिले के एक मुस्लिम परिवार में हुआ।
नये सामाजिक और राजनीतिक समूह का उदय— जब मध्यकाल में भारत में अरबों का आगमन हुआ। और इसी काल में राजपूतों ने अपने यहां विभिन्न प्रकार के महल का निर्माण करवाया। और इसके किनारे शहर का निर्माण हुआ।
आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन — जब मध्यकाल में भारत में अरबों का आगमन हुआ, तो भारत में रहने के लिए यहां के जंगलों को काटकर महल, नगर आदि का निर्माण करने लगे। जिसके कारण जंगल के वनवासियो को जंगल छोड़कर जाना पड़ा। और कुछ वनवासी जंगलों को काटकर खेती लायक बनाने गए, वे किसान बन गए। धीरे धीरे इसकी काल में लोगों के बीच भेद भाव होना शुरू हो गया।
प्रश्न 3. ऐतिहासिक स्त्रोत किसे कहते है?
उत्तर— इतिहास के जानने के स्त्रोत या साधन को ऐतिहासिक स्त्रोत कहते है। इस काल में लोगों को इतिहास जानने की उत्सुकता बढ़ी।
प्रश्न 4. अभिलेखागार किसे कहते है?
उत्तर— ऐसा स्थान जहां दस्तावेजों और पांडुलिपियों को संग्रहित किया जाता है, उसे अभिलेखागार कहते है।
प्रश्न 5. पांडुलिपि किसे कहते है?
उत्तर— पांडुलिपि उस दस्तावेज को कहते है, जो किसी एक व्यक्ति या अनेक व्यक्ति के हाथों से लिखी होती है।
प्रश्न 6. फरमान किसे कहते है?
उत्तर— राजा द्वारा दिए गए आदेश पत्र को फरमान कहते है। फरमान अधिकतर भूमि संबंधित होते थे।
प्रश्न 7. मिनियेचर किसे कहते है?
उत्तर— किताबों के पन्ने कभी-कभी और कहीं-कहीं पर छोटे-छोटे चित्र सजे रहते थे, इन्ही लघु चित्रों को मिनियेचर कहते है। इस चित्र में अधिकतर राज्य दरबार, शिकार और लड़ाई का चित्र होते थे।
👉 मध्य काल में अनेक ग्रंथ की रचना हुई। कल्हण की ‘राजतरंगिनी’ जिसमें कश्मीर का इतिहास था। अलबेरूनी की तहकीक–ए–हिंद ( तारीख–उल–हिंद) में उस समय के समाज और रीति रिवाज का वर्णन है।
मिन्हाज उस सिराज की तबकात–ए–नासिरी में मुहम्मद गोरी और गुलाम वंश के शासन का वर्णन है। जियाउद्दीन बरनी की तारीख–ए–फिरोजशाही में तुगलक वंश के राजनीतिक घटना और सामाजिक स्थिति का वर्णन है। अबुल फजल की अकबरनामा में अकबर के शासन काल का वर्णन है।
नामा — नामा शब्द का प्रयोग इतिहास की रचनाओं के शीर्षक के रूप में किया जाता था। और इसकी शुरुआत अबुल फजल के अकबरनामा से हुई।
प्रश्न 8. संस्मरण किसे कहते है?
उत्तर– उन यादों का संग्रह जो किसी व्यक्ति के जीवन में हुई होती है, उसे संस्मरण कहते है।
बाबर की आत्मकथा ‘तुजुक-ए-बाबरी’ तुर्की भाषा में लिखी हुई थी, जिसका फारसी अनुवाद ‘बाबरनामा’ कहलाता है। इसमें वे अपने बचपन, लड़ाई और अपने पिता उमर शेख मिर्जा का वर्णन किया है।
पुराने सिक्कों के माध्यम से उस समय के साम्राज्य विस्तार और पड़ोसी शासकों के बारे में पता चला। उस समय के सिक्के सोना, चांदी और तांबे के बने होते थे। सासाराम के शासक शेरशाह सूरी ने चांदी के सिक्के चलाए थे। और इन सभी शासकों ने बड़े–बड़े मंदिर का निर्माण भी कराया था। बिहार में वैकटपुर का शिव मंदिर का निर्माण राजा मानसिंह ने करवाया था।
👉 सिक्कों के अध्ययन को न्यूमेसमेटिक्स कहते है।
1328 ईस्वी में दिल्ली के सुल्तान मुहम्मद तुगलक ने दिल्ली के निवासियों को दौलताबाद जाने का आदेश दे दिया।
जियाउद्दीन बरनी ने तारीख–ए–फिरूजशाही में लिखा कि सुल्तान मुहम्मद तुगलक अपने राज्य की राजधानी बीचों बीच बनाना चाहता था, इसलिए उसने लोगों को दौलताबाद जाने का आदेश दिया।
एसामी ने फुतुह–उस–सालातिन में लिखा कि सुल्तान मुहम्मद तुगलक अपनी प्रजा को कष्ट देना चाहता था। इसलिए उसने दिल्ली को खाली करने का आदेश दिया।
अध्याय में अंतर्निहित प्रश्न और उनके उत्तर
प्रश्न 1. प्रौद्योगिकी किसे कहते हैं?
उत्तर—मानव जीवन को बेहतर और उन्नत बनाने के लिये विज्ञान के सिद्धांत पर आविष्कृत विभिन्न कल-पुर्जों और मशीनों का खेती और कल-कारखानों आदि में उपयोग ‘प्रौद्योगिकी’ कहलाता है।
प्रश्न 2. आज सिंचाई के लिये किन- किन साधनों का इस्तेमाल किया जाता है ?
उत्तर—आज सिंचाई के लिये नहर, नलकूप, कुओं, नदी आदि का इस्तेमाल किया जाता है। नलकूपों या तालाबों से पानी खींचने के लिये डीजल इंजन या बिजली का उपयोग कर पंप चलाते हैं।
प्रश्न 3. मध्काल के कौन-कौन से खाद्य पदार्थ हम आज भी खाते हैं? उस दौर में आम लोग क्या पहनते होंगे ?
उत्तर— शासक और ग्रामीण लोगों के खान-पान में सदा से अंतर रहा है। वह मध्यकाल में भी था और आज भी है। मध्य काल के राज्य परिवार के लोग पोलाव, बिरयानी, कोरमा, फिरनी, अंगूर आदि खाते थे, और ग्रामीण लोग चावल, रोटी, अमरूद, केला आदि खाते थे। और यह सब खाना हम आज भी खाते हैं।
उस दौर हिन्दू और मुसलमानों के पहनावे में अन्तर था। हिन्दू जहाँ धोती पहनते थे, वहीं मुसलमान लूँगी पहनते थे। गंजी, कुरता दोनों धर्म के लोग पहनते थे। और अब यह सभी पहनावे का अंतर मिट चुका है।
प्रश्न 4. वैसी वस्तुओं की सूची बनाएँ, जिसे हवन में डाला जाता है?
उत्तर— मुख्य रूप से हवन में धूप, जौ, तील, घी मिलाया जाता है। खास तौर पर हवन में अनेक अन्य वनस्पतियाँ भी डाली जाती हैं।
प्रश्न 5. हिन्दू धर्म में देवी-देवताओं के प्रति आस्था व्यक्त करने की अलग- अलग तरीके या पद्धति सम्प्रदाय कहलाती है। व्याख्या करें ।
उत्तर— हिन्दू धर्म कालान्तर में तीन सम्प्रदायों में बँट गया और तीनों के आराध्य देवी दवता में भिन्नता आ गई। इनके तीन संम्प्रदाय थे वैष्णव, शैव तथा शाक्त । वैष्णव विष्णु और लक्ष्मी को अपना आराध्य मानते हैं। राम और सीता तथा कृष्ण और राधा को ये क्रमशः विष्णु और लक्ष्मी के अवतार मानते हैं।
इस सम्प्रदाय वाले रामलीला और कृष्णलीला कर अपना मनोरंजन करते हैं। शैव सम्प्रदाय वाले शिव को पूजते हैं। शाक्त सम्प्रदाय वाले शक्ति के रूप में दुर्गा और काली की पूजा करते हैं। बलिदान देकर बलि के पशु का मांस खाना और मदिरा पीना ये गलत नहीं मानतें। ये मछली भी खाते हैं. जबकि वैष्णव और शैव मांस- मछली और मदिरा से दूर रहते हैं।
प्रश्न 6. भक्त संत के वैसे दोहों पर चर्चा करें, जिसे आपने हिन्दी की पुस्तक में पढ़ा है।
उत्तर— जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजियो ग्यान । मोल करो तरवार का, पड़ा रहने दो म्यान ।।
अभ्यास : प्रश्न तथा उनके उत्तर
प्रश्न 1. रिक्त स्थानों को भरें :
(क) सोलहवीं सदी के आरम्भ में ने हिन्दुस्तान शब्द का प्रयोग बाबर किया ।
(ख) तारीख–उल–हिंद एक विशेष प्रकार का फारसी इतिहास है।
(ग) अरब लोगों द्वारा भारत में एक नये धर्म का आगमन हुआ ।
(घ) भारत में कागज का प्रयोग तेरहवीं शताब्दी के आस-पास हुआ ।
प्रश्न 2. जोड़े बनाइए :
राजतरंगिनी दरिया साहब
भक्ति संत सासाराम
तबकात-ए-नासिरी वैकटपुर का शिव मंदिर शेरशाह का मकबरा कश्मीर का इतिहास मानसिंह मिनहाज-उस- सिराज
प्रश्न 3. मध्य काल के वैसे वस्त्रों की सूची बनाइए, जिसका व्यवहार हम आज भी करते हैं।
उत्तर— मध्यकाल में सिले हुए वस्त्र बहुत कम लोग ही पहनते थे। कमर के नीचे धोती, कंधे से लेकर कमर के नीचे तक चादर तथा सर पर मुरेठा बाँधने का रिवाज रहा होगा। आज भी उत्तर प्रदेश के अधिकांश ब्राह्मण सिला हुआ वस्त्र पहनकर भोजन नहीं करते।
इसी से अनुमान लगता है कि मध्य युग के लोग सिला हुआ वस्त्र नहीं पहनते होंगे। उनके वस्त्रों में से धोती, चादर और मुरेठा का व्यवहार आज भी लोग करते हैं। सिला हुआ वस्त्र पहनने का रिवाज बहुत बाद में आरम्भ हुआ होगा।
प्रश्न 4. वस्त्र उद्योग के क्षेत्र में हुए प्रमुख प्रौद्योगिकीय परिवर्तनों को बताएँ ।
उत्तर— प्राचीन भारत में वस्त्र उद्योग के लिए सूत तकली पर काते जाते थे, जिसमें काफी समय लगता था। कारण कि तकली को हाथ से नचाना पड़ता था । बाद में 13वीं सदी में परिवर्तन यह आया कि तकली का स्थान चरखे ने ले लिया । अब सूत तेजी से अधिक मात्रा में और कम समय में ही बन सकते थे ।
पहले सीधे कपास से सूत काता जाता था। बाद में इसमें बदलाव आया धुनिया लोगं धनुकी पर रूई धुनने लगे। अब धुनी हुई रूई से सूत कातना आसान हो गया।
प्रश्न 5. कागज का आविष्कार सर्वप्रथम कहाँ हुआ?
उत्तर— कागज का आविष्कार सर्वप्रथम चीन में हुआ।
प्रश्न 6. वनवासियों को जंगल क्यों छोड़ना पड़ा ?
उत्तर— प्रौद्योगिकी में परिवर्तन के फलस्वरूप खेती योग्य भूमि की तलाश हो रही थी। बाहर से आये लोगों के लिये अधिक अन्न की भी आवश्यकता बढ़ी होगी। खेती बढ़ाने के लिए जंगल काटे जाने लगे। फलस्वरूप वनवासियों को जंगल छोड़ने पर विवश होना पड़ा। हालाँकि अनेक वनवासी खेती के काम में लग गए और ग्रामवासी बन गये ।
प्रश्न 7. गंगा यमुनी संस्कृति से आप क्या समझते हैं?
उत्तर—दो संस्कृतियों के मेल से जो संस्कृति विकसित हुई, उस संस्कृति को गंगा यमुनी संस्कृति कहते हैं।
प्रश्न 8. आठवीं शताब्दी के आस-पास हुए परिवर्तनों को लिखिए ।
उत्तर—आठवीं शताब्दी के आस पास पहला परिवर्तन तो देश के नाम बदलने के रूप में हुआ । अब ‘भारत’ को हिन्दुस्थान भी कहा जाने लगा। यह बदलाव 13वीं शताब्दी में तुर्क सत्ता की स्थापना के बाद प्रचलित हुआ। उस समय हिन्दुस्थान की भौगोलिक सीमा उतनी ही थीं, जितनी पर तुर्कों का अधिकार था। मुगल काल में अकबर से लेकर 17वीं शताब्दी तक औरंगजेब ने हिन्दुस्थान की सीमा में काफी विस्तार किया। कृषि के साथ- साथ उद्योग-धंधों में भी बदलाव आए ।
प्रश्न 9. जब एक ही व्यक्ति या घटना के सम्बंध में अलग-अलग मत आते हैं, तो ऐसी परिस्थितियों में इतिहासकार क्या करते होंगे ?
उत्तर— प्रश्न में बताई गई परिस्थिति में इतिहासकार समान विशेषता वाले बड़े- बड़े हिस्सों, युगों या कालों में बाँट देते हैं। फिर अनुमान से स्थिति का अवलोकन कर स्वयं जो वे उचित समझते हैं, लिख देते हैं।
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दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 7वीं के अतीत से वर्तमान के पाठ 01 कहां, कब और कैसे ( Kaha kab aur kaise ) का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !