आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 7वीं हमारी दुनिया का पाठ ‘जीवन का आधार पर्यावरण’ का वस्तुनिष्ठ प्रश्न को देखने वाले है। Jivan ka adhar paryavaran
जीवन का आधार पर्यावरण
ध्वनि को डेसीवल में मापा जाता हैं। मानव सामान्यतः 80 डेसीबल तक सुन सकता है। इससे ऊपर की ध्वनि व्यक्ति को विचलित करती है जिससे ध्वनि प्रदूषण्य होता है।
ग्लोबल वार्मिंग—वायुमंडल में मीथेन, कार्बन डाइऑक्साइड, और क्लोरो फ्लूरो कार्बन की मात्रा बढ़ने के कारण पृथ्वी के औसत तापमान में होने वाली बढ़ोतरी को ग्लोबल वार्मिंग कहा जाता है।
I. सही विकल्प को चुनें।
1. जल प्रदूषण हो रहा है-
(क) पौधों के कटाव से
(ख) वाहन चलाने से
(ग) पानी पीने से
(घ) पानी में दूषित पदार्थ मिलने से
2. नदी/तालाब के पानी की शुद्धता हो सकती है-
(क) मच्छर पालने से
(ख) तोता पालने से
(ग) बत्तख पालने से
(घ) मछली पालने से
3. बढ़ती जनसंख्या के कारण हो रहा है-
(क) वृक्षों का तेजी से कटाव
(ख) भवनों का निर्माण
(ग) आधारभूत संरचना का निर्माण
(घ) उपर्युक्त सभी
4. पर्यावरण संरक्षण के लिए किया जाना चाहिए-
(क) खूब पौधे लगाना
(ख) गंदे जल की उचित निकासी का प्रबंध
(ग) गाड़ियों का कम उपयोग
(घ) उपर्युक्त सभी
ii. खाली जगहों को भरिए।
(1) ….कार्बन डाइऑक्साइड…. गैस वायु प्रदूषण पैदा करता है।
(2) ध्वनि की तीव्रता को….डेसिबल…. में मापा जाता है।
(3) ….डॉल्फिन…. को संरक्षित राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया गया है।
iii. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
1. वृक्षों की संख्या बढ़ाने के लिए आप क्या क्या कर सकते हैं?
उत्तर— वृक्षों की संख्या बढ़ाने के लिए सबसे पहले हमें संकल्पबद्ध होना पड़ेगा। हमें संकल्प लेना होगा कि प्रत्येक वर्ष हम कुछ-न-कुछ वृक्ष अवश्य रोपेंगे और उसकी देखभाल करेंगे। बहुत नहीं तो कम-से- कम वर्ष में 5 वृक्ष । हम न तो वृक्ष काटेंगे और न किसी को काटने देंगे। और पशुओं से रक्षा के लिए हम वृक्षों की घेराबन्दी कर देंगे।
2. नदियों के जल को स्वच्छ बनाने के लिए आप क्या-क्या कर सकते हैं?
उत्तर— नदियों के जल को स्वच्छ रखने के लिए हम गाँव-नगर के नालियों के जल को नदियों तक पहुँचने के पहले ही रोक कर, उस गन्दे जल की सफाई करके नदियों में छोड़ेंगे। नदी तट पर अवस्थित कारखानों पर दबाव डालेंगे कि कारखानों के कचरा की सफाई कर के ही उसके जल को नदी में छोड़ें। मृत पशुओं के शव को नदी में नहीं बहाने देंगे।
3. उन क्रियाकलापों की सूची बनाइए जिनसे पर्यावरण को नुकसान पहुँचता है।
उत्तर— उन क्रियाकलाप की सूची निम्नलिखित है, जिनसे पर्यावरण को नुकसान पहुँचता है :
(i) ईंधनों वाले वाहन से निकलने वाले धुएँ ।
(ii) कल-कारखानों से निकले धुएँ।
(iii) कारखानों और गाडियों की हॉर्न की आवाज।
(iv) पेड़-पौधों की अंधाधुंध कटाई।
(v) नदी, तालाब, कुआँ आदि के जल को गंदा करने से।
(vi) पॉलीथीन के उपयोग से ।
4. पॉलीथीन के विकल्प क्या-क्या हो सकते हैं?
उत्तर— रद्दी कागज के ठोंगा के साथ जूट के थैला, कपड़े का थैला या इसी प्रकार किसी प्रकार के थैला पॉलीथीन के विकल्प हो सकते हैं।
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5. शहरी एवं ग्रामीण पर्यावरण में क्या-क्या अंतर दिखाई पड़ते हैं?
उत्तर— शहरी पर्यावरण बहुत ही रहता है, जबकि गाँव का पर्यावरण खुला खुला होता है। शहरों में पेड़-पौधों की कमी होती है, जबकि गाँवों में अधिक मात्रा में पेड़-पौधों है। शहरों में छोटे-बड़े वाहनों से यातायात होता है, वहीं गाँवों में सायकिल, बैलगाड़ी, टमटम से यातायात किया जाता है।
6. प्रदूषण के क्या कारण हैं? इनका हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर— पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहन से निकलने वाले धुएँ से वायु प्रदूषण होता है। मशीनों, वाहनों, हॉर्न, लाउडस्पीकरों द्वारा निकलने वाले तेज आवाज से ध्वनि प्रदूषण होता है। नदियों में गन्दगी मिलाने, तालाबों में कपड़ा साफ करने और पशुओं को नहलाने से जल प्रदूषण होता है।
यह हमारे जीवन को बहुत प्रभावित करते है। वायु प्रदूषण से श्वास रोग उत्पन्न होता है, और ध्वनि प्रदूषण से कान की बीमारी होती है, तथा गंदा जल पीने से बहुत सारी बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
7. ग्लोबल वार्मिंग को कैसे कम कर सकते हैं?
उत्तर— ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के लिए हमें अपनी सुविधाओं में कटौती करनी होगी। फ्रीज, एसी, ईंधन वाहनों का उपयोग कम करना पड़ेगा। हमें वे सब उपाय अपनाने पड़ेंगे, जिनसे ओजोन परत की क्षति नहीं होने पाये और सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणें पृथ्वी तक नहीं पहुँच पाएँ ।
8. प्रदूषण के विभिन्न प्रकारों को लिखें। उनका संक्षिप्त विवरण भी दें।
उत्तर— प्रदूषण मुख्यत तीन प्रकार का होता है
(i) वायु प्रदूषण
(ii) ध्वनि प्रदूषण
(iii) जल प्रदूषण
(i) वायु प्रदूषण— जब वायु में कार्बनडाइऑक्साइड एवं अन्य हानिकारक गैसों की मात्रा बढ़ जाती है तो यह वायु प्रदूषण कहलाता है।
(ii) ध्वनि प्रदूषण— वायुमंडल में अवांछित तीव्र ध्वनि की मौजूदगी जो हमारे कानों एवं मस्तिष्क को पीड़ा दे, ध्वनि प्रदूषण कहलाता है। यह प्रायः लाउडस्पीकर, डी०जे०, वाहनों के शोर से उत्पन्न होता है।
(iii) जल प्रदूषण— जल में किसी बाहरी पदार्थ की उपस्थिति जो जल के स्वाभाविक गुणों को इस प्रकार परिवर्तित कर दें कि जल स्वास्थ्य के लिए नुकसान दायक या उपयोग करने लायक न रहे जल प्रदूषण कहलाता है।
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दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 7वीं के हमारी दुनिया के पाठ 07 जीवन का आधार पर्यावरण (Jivan ka adhar paryavaran) का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !
Badhiya