आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 8वीं राजनीतिक शास्त्र का पाठ ‘धर्मनिरपेक्षता की समझ’ का नोट्स को देखने वाले है। Dharmnirpekshta ki samajh
धर्मनिरपेक्षता की समझ |
प्रश्न 1. धर्मनिरपेक्षता किसे कहते है?
उत्तर— जब कोई देश किसी विशेष धर्म या समुदाय को बढ़ावा न देकर, सभी धर्म को बराबर दृष्टिकोण से देखता है, तो उसे धर्मनिरपेक्षता कहते है। भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है।
👉 भारत में हिन्दू, इस्लाम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और यहूदी धर्म के लोग रहते है। भारतीय संविधान, पंजाबियों को पगड़ी के ऊपर हेलमेट पहनने को मजबूर नहीं करता है।
प्रश्न 2. मौलिक अधिकार किसे कहते है?
उत्तर— वैसे अधिकार जो किसी भी व्यक्ति को आत्मसम्मान तथा मानसिक रूप से आजाद से जीवन जीने के लिए जरूरी होती है, उसे मौलिक अधिकार कहते है।
मौलिक अधिकार को छह भागों में बांटा गया है।
(i) समता का अधिकार— इस अधिकार के द्वारा कानून के नजर में सभी लोग समान है। इसके द्वारा धर्म, लिंग, जाति और नस्ल के आधार पर किसी भी नागरिक के साथ भेद-भाव नहीं करना है।
(ii) स्वतंत्रता का अधिकार— इस अधिकार के द्वारा सभी व्यक्तियों को बोलने, मन पसंद काम करने, और देश के किसी भी भाग में आने-जाने की आजादी दी गई है।
(iii) शोषण के विरुद्ध अधिकार— इस अधिकार के द्वारा किसी व्यक्ति पर अत्याचार करना अपराध माना जाता है। जैसे— 14 वर्ष से बच्चे को काम करना अपराध है।
(iv) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार — इस अधिकार के अंतर्गत सभी व्यक्ति को अपना मन पसंदीदा धर्म को चुनने, तथा प्रसार – प्रचार करने का आजादी दिया गया है।
(v) सांस्कृतिक और शैक्षणिक अधिकार— इस अधिकार के अंतर्गत सभी व्यक्ति को अपनी-अपनी रीति रिवाज, खाना पान और पहनावे की आजादी दी गई है।
(v) संवैधानिक उपचार का अधिकार— इस अधिकार के अंतर्गत यदि किसी नागरिक को लगता है, कि उसका मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ है, तो वह इस अधिकार का सहारा लेकर अदालत जा सकता है।
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दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 8वीं के राजनीतिक शास्त्र के पाठ 02 धर्मनिरपेक्षता की समझ (Dharmnirpekshta ki samajh) का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !
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