आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 8वीं राजनीतिक शास्त्र का पाठ ‘कानून की समझ’ का वस्तुनिष्ठ प्रश्न को देखने वाले है।
कानून की समझ
Q.1 कानून किसे कहते है?
उत्तर— किसी भी सामूहिक व्यवस्था के संचालन के लिए जो नियम बनाए जाते है, उसे कानून कहते है।
★ कानून दो प्रकार का होता है।
(i) संवैधानिक कानून
(ii) सामान्य कानून
(i) संवैधानिक कानून — संविधान में उल्लेखित नियमों को संवैधानिक कानून कहते है।
(ii) सामान्य कानून— इस कानून के अंतर्गत वैवाहिक कानून और दंड से संबंधित कानून आते है।
★ सामान्य कानून दो प्रकार के होते है।
(i) सार्वजनिक कानून
(ii) व्यक्तिगत कानून
(i) सार्वजनिक कानून—
(ii) व्यक्तिगत कानून—
★ सार्वजनिक कानून दो प्रकार के होते है।
(i) दीवानी कानून
(ii) फौजदारी कानून
(i) दीवानी कानून— इस कानून के अन्तर्गत जमीन-जायदाद, विवाह इत्यादि के झगड़ों की स्थिति में लगने वाले कानून आते है।
(ii) फौजदारी कानून — इस कानून के अन्तर्गत लड़ाई, झगड़ा, हत्या, चोरी, डैकैती आदि अपराध के लिए लगने वाले कानून आते हैं।
अभ्यास के प्रश्न
Q.1 कानून के शासन से आप क्या समझते हैं ? एक उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर— कानून के शासन का अर्थ है कि देश के सभी नागरिक चाहे वह किसी भी धर्म, जाति या वर्ग के हों, छोटे या बड़े, ऊँचे या नीच जाति के हों, सभी पर वह कानून समान रूप से लागू होता है। जैसे, बाबरी मस्जिद के विध्वंस पर उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को मस्जिद की’ सुरक्षा न कर पाने के जुर्म में एक दिन के जेल की सजा भुगतनी पड़ी थी।
अभी भी तिहाड़ जेल में कुछ केन्द्रीय मंत्री और बड़े अधिकारी सजा भुगत रहे हैं। कानून समर्थ और लाचार, किसी नागरिक के बीच भेदभाव नहीं करता । सब पर कानून के नियम समान रूप से लागू होते हैं।
Q.2 भारत में कानून बनाने की प्रक्रिया की मुख्य बातों को अपने शब्दों में लिखिये।
उत्तर— भारत में कानून बनाने का कार्य देश की संसद करती है। पहले जनता के बीच किसी कानून को बनाने के लिए चर्चा एवं बहस होती है। फिर सरकार द्वारा सदन में कानून के सम्बन्ध में f विधेयक पेश किया जाता है। इस पर सदन में चर्चा बहस होती है। फिर या तो विधेयक पारित किया जाता है या रद्द कर दिया जाता है। एक सदन से पारित विधेयक को दूसरे सदन में भेजा जाता है।
दूसरे सदन में चर्चा/बहस के बाद आवश्यक संशोधन के बाद उसे पारित कर दिया जाता है। फिर विधेयक को राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाता है। फिर सहमति के बाद विधेयक कानून बन जाता है।
Q.3 आपके विचार में शिक्षा के अधिकार के कानून में किन-किन बातों को शामिल करना चाहिए और क्यों ?
उत्तर— मेरे विचार में शिक्षा के अधिकार के कानून में हर वर्ग के बच्चों को उच्च शिक्षा तक मुफ्त शिक्षा का अधिकार मिलना चाहिए। ऐसा इसलिए कि शिक्षा ही राष्ट्र के सम्मान को बढ़ाती है। शिक्षित समाज ही विकसित समाज होता है। अतः सभी बच्चों को शिक्षा पाने का अधिकार होना चाहिए और शिक्षा जगत में छोटे-बड़े का भेद नहीं होना चाहिए।
ऐसा कानून बनने पर आज जो स्कूल-कॉलेज शिक्षा के नाम पर दूकान बनते जा रहे हैं, ऐसा होना बंद हो जायेगा। पूर्व में भी तो राजे-महाराजे गुरुकुलों को आर्थिक मदद देकर शिक्षा का संचालन धार्मिक कार्य की तरह करवाया करते थे तो अब जनता की सरकार तमाम जनता को उच्च शिक्षा तक शिक्षित होने का अधिकार और सुविधा क्यों नहीं दे सकती।
Q.4 अगर किसी राज्य या केन्द्र की सरकार ऐसा कोई कानून बनाती है जो लोगों की जरूरतों के अनुसार न हो, तो आम लोगों को क्या करना चाहिए?
उत्तर— यदि राज्य या केन्द्र की सरकार ऐसा कोई कानून बनाती है जो लोगों की जरूरतों के अनुसार न हो, तो आम लोगों को ऐसे कानून के विरोध में धरना- प्रदर्शन आदि कर अपना विरोध जताना चाहिए। साथ ही, जनता को ऐसे कानून के विरोध में न्यायालय की शरण भी लेनी चाहिए।
Q.5 अगर पटवारी के पास जमीन दर्ज करवाने का कानून न हो, तो आम लोगों को किन-किन असुविधाओं का सामना करना पड़ सकता है ?
उत्तर— अगर पटवारी के पास जमीन दर्ज करवाने का कानन न हो, तो आम लोगों को इसके लिए शहर जाकर अदालत के चक्कर लगाने का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। ऐसा करना उनके लिए शारीरिक और आर्थिक दोनों रूप से कष्टप्रद होगा। पैसों का अनुचित खर्च अलग और शारीरिक परेशानी अलग। जबकि पटवारी के पास जमीन दर्ज करवाने के कानून से ग्रामीणों को हर प्रकार की सुविधा हो जाती है। वह भी उनके गाँव में ही।
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दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 8वीं के राजनीतिक शास्त्र के पाठ 04 कानून की समझ का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !
Good notes 👍👍👍
Thank you so much