आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 8वीं राजनितिक शास्त्र का पाठ ‘न्यायिक प्रक्रिया’ का वस्तुनिष्ठ प्रश्न को देखने वाले है।
न्यायिक प्रक्रिया
Q.1 एफ.आई.आर (FIR) किसे कहते है?
उत्तर— किसी भी घटना के संबंध में पुलिस के पास कारवाई के लिए दर्ज कि गई रिपोर्ट को FIR कहते है।
FIR— FIRST INFORMATION REPORT
★ पुलिस का प्रथम कार्य दर्ज कि गई रिपोर्ट के अनुसार मामले की छानबिन करना होता है। लोगों को यह अधिकार मिला है कि वह गिरफ्तार होने से पूर्व उसको गिरफ्तार होने का कारण पाता हो। गिरफ्तार करने के बाद दोषी को 24 घंटे के अन्दर मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना होता है।
Q.2 जमानत किसे कहते है
उत्तर— जमानत एक ऐसी राशि होती है, जो लोगों को अपराध के आरोप में जेल से रिहा होने के लिए भुगतान करना पड़ता है, जबकि कि वे अपना मामला लड़ते रहता है।
प्रश्न
Q 1. आपके अनुसार पुलिस के क्या-क्या काम होते हैं? लिखकर या चित्र बनाकर बताइये।
उत्तर— पुलिस का काम एफ आई आर दर्ज करना, मामले की छानबीन करना, गिरफ्तारी करना और गिरफ्तार किये गये व्यक्ति को 24 घंटे के अंदर मजिस्ट्रेट के सामने प्रस्तुत करना है। फिर अदालत में संबंधित मामले के लिए दोषी व्यक्ति के खिलाफ सबूत जुटाकर पेश करना होता है।
Q 2. ग्राम कचहरी ने अपना फैसला अवधेश के पक्ष में क्यों सुनाया? चर्चा कीजिए।
उत्तर— ग्राम कचहरी ने अवधेश के जमीन के कागजात देखकर अवधेश की बात को सही माना। इसलिए ग्राम कचहरी ने अपना फैसला अवधेश के पक्ष में सुनाया।
Q 3. क्या विनोद को अवधेश की पिटाई करनी चाहिए थी ?
उत्तर— नहीं। ऐसा कर विनोद ने अपराध किया और स्वयं को दंड का भागी बना लिया।
Q 4. अगर विनोद ग्राम कचहरी के फैसले से संतुष्ट नहीं था तो उसे क्या करना चाहिए था ?
उत्तर— तब विनोद को सत्र न्यायालय में अपना मामला लेकर जाना चाहिए था।
Q 5. थाने में रिपोर्ट लिखवाना क्यों जरूरी है?
उत्तर— बिना थाने में रिपोर्ट लिखवाये पुलिस किसी प्रकार की मदद नहीं कर सकती। यह वैसा ही है जैसे ट्रेन में बैठने के लिए टिकट लेना होता है।
Q 6. अगर आपके घर में चोरी हो जाये तो आप कैसे रिपोर्ट लिखवाएँगे? विवरण लिखिए।
उत्तर— अगर हमारे घर में चोरी हो जाए तो हम थाने जाएँगे और थानेदार से एफ. आई. आर. लिखने को कहेंगे। फिर हम एफ. आई. आर. की नकल प्रति मांगेंगे। यदि थानेदार एफ. आई. आर. दर्ज न करे तो डाक या इंटरनेट के माध्यम से बड़े पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को एफ. आई. आर. दर्ज करवायेंगे।
Q 7. एफ आई. आर. की कॉपी क्यों जरूरी है?
उत्तर— अपने पास भी तो प्रमाण चाहिए कि हमने एफ. आई. आर. दर्ज करवाई है। क्या भरोसा, कॉपी (नकल) न लेने पर पुलिस एफ. आई. आर. को फाड़ दे या किसी के दबाव में उसमें फेर-बदल कर दें। इसलिए हमारे पास एफ. आई. आर. की कॉपी (नकल) होनी जरूरी है।
Q.8 अगर कोई थानेदार आपकी एफ. आई. आर. दर्ज न करे तो आप क्या कर सकते हैं?
उत्तर— अगर कोई थानेदार हमारी एफ. आई. आर. दर्ज न करे, तो हम डाक या इंटरनेट के माध्यम से पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को एफ. आई. आर. दर्ज करा सकते हैं।
Q 9. एफ. आई. आर. की शिकायत के मामले में पुलिस छानबीन से क्या पता लगाने की कोशिश करती है ?
उत्तर— पुलिस यह पता लगाती है कि एफ. आई. आर. में लिखाई गई बातें सत्य हैं या नहीं यानी जिस व्यक्ति को दोषी बताया गया है, वह वाकई में दोषी है भी या नहीं। कहीं एफ, आई. आर. में झूठी बात तो नहीं लिखाई गई। पुलिस यही सब छानबीन करती है।
Q 10. मामले की छानबीन के लिए पुलिस को मार-पिटाई का प्रयोग क्यों नहीं करना चाहिए?
उत्तर— ऐसा करना कानून के खिलाफ होता है। इसलिए मामले की छानबीन पुलिस को सभ्य तरीके से करना चाहिए न कि मार- पीट करके।
Q 11. किसी भी अपराधी द्वारा थाने में अपना जुर्म कबूल करने पर उसे वहीं पर ही सजा क्यों नहीं सनाई जा सकती?
उत्तर— मजिस्ट्रेट के सामने अपना जुर्म कबूल करने पर ही व्यक्ति को यानी दोषी को सजा हो सकती है। क्योंकि मजिस्ट्रेट के यहाँ मार- पीट नहीं होती और वह प्रथम न्यायाधीश होता है। जबकि पलिस तो मारपीट कर जबर्दस्ती भी किसी व्यक्ति से अपना जुर्म कबूल करवा सकती है। इसीलिए थाने में अपना जुर्म कबूल करने पर भी किसी अपराधी को वहीं सजा नहीं सुनाई जा सकती चूँकि सजा सुनाने का काम अदालत का है।
Q 12. क्या छानबीन की प्रक्रिया को कोई व्यक्ति प्रभावित कर सकता है? कैसे ? आपस में चर्चा कीजिए।
उत्तर— पैसे के बल पर या उच्च राजनीतिक पहुँच के बल पर कोई समर्थ व्यक्ति पुलिसिया छानबीन की प्रक्रिया को आसानी से प्रभावित कर सकता है। पर, यदि पुलिस अधिकारी ईमानदार हो तो उसे प्रभावित करना इतना आसान नहीं होता।
Q 13. जमानत का प्रावधान क्यों रखा गया है ?
उत्तर— व्यक्ति अपने मामले का मुकदमा अदालत में खुद लड़ सके इसके लिए जमानत का प्रावधान रखा गया है।
Q 14. इस कहानी में विनोद का जुर्म जमानती है या गैर-जमानती ?
उत्तर— इस कहानी में विनोद का जुर्म जमानती है। क्योंकि उसका मुकदमा ‘फौजदारी मुकदमा’ था जो भारतीय दण्ड संहिता की धारा 326 के अंतर्गत आता है। यह मजिस्ट्रेट के ऊपर निर्भर है कि वह जमानत मंजूर करें या इनकार कर दें।
Q 15. चोरी, डकैती, कत्ल जैसे जुर्मों को गैर जमानती क्यों माना गया है ?
उत्तर— ऐसे जर्मों से समाज की शांति और व्यवस्था भंग होती है इसलिए ऐसे जर्मों को गैर जमानती माना गया है।
Q 16. आरोपी को आरोप पत्र की कॉपी मिलना क्यों जरूरी है ?
उत्तर— आरोपी के पास भी इस बात की जानकारी होनी जरूरी है कि उसके खिलाफ पुलिस ने क्या अभियोग या इल्जाम लगाया है। साथ ही यह कि उसके विरुद्ध क्या जानकारी इकट्ठी की गई है जिससे कि वह अदालत में अपने पक्ष में बचाव कर सके । आरोपी को भी न्यायालय में अपना बचाव करने का कानूनी अधिकार है।
Q 17. किसी भी मामले में दोनों पक्षों के वकील का होना क्यों आवश्यक होता है?
उत्तर— ताकि दोनों पक्षों की दलील न्यायाधीश के सामने पेश हो पाये और उन्हें सुनकर न्यायाधीश को पूरे मामले की जानकारी हो पाए ।
Q 18. किसी भी मुकदमे में गवाहों को पेश करना व उनसे पूछताछ करना क्यों जरूरी है ?
उत्तर— मामले को पूरी तरह से अदालत में सच- सच सामने लाने के लिए किसी भी मुकदमे में गवाहों को पेश करना व उनसे पूछताछ करना जरूरी है।
Q 19. पुलिस और मजिस्ट्रेट के काम में क्या अंतर है?
उत्तर— पुलिस का काम मामले की छानबीन करना और गिरफ्तारी करना है जबकि मजिस्ट्रेट का काम फैसला सुनाना है।
Q 20. अपील के प्रावधान का क्या उद्देश्य है ?
उत्तर— यदि किसी आरोपी को निचली अदालत के फैसले से असंतोष हो तो वह उच्च न्यायालय में फैसले के पुनर्निरीक्षण के लिए जा सके यही अपील के प्रावधान का उद्देश्य है।
Q 21. ऊपर की अदालतों द्वारा अपील के मामले में दिये गये फैसले नीचे की अदालत को क्यों मानने पड़ते हैं ?
उत्तर— यह संविधान का नियम है कि ऊपर की अदालतों द्वारा अपील के मामले में दिये गये फैसले नीचे की अदालत को मानने पड़ते हैं।
Q 22. कई मुकदमे कई साल तक चलते हैं। ऐसा क्यों होता है ?
उत्तर— अदालतों में न्यायाधीश की कमी का होना और वकीलों द्वारा अपनी कमाई बढ़ाने के उद्देश्य से जान-बूझकर कागजी प्रक्रिया को लंबित किये रहना, कुछ कारण हैं जिससे कई मुकदमे कई साल तक चलते हैं।
JOIN NOW
दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 8वीं के राजनीतिक शास्त्र के पाठ 06 न्यायिक प्रक्रिया का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !