आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 8वीं राजनीतिक शास्त्र का पाठ ‘सहकारिता’ का वस्तुनिष्ठ प्रश्न को देखने वाले है।
सहकारिता
सहकारिता दो शब्द से मिलकर बना है सह + कारिता । सह का अर्थ होता है मिल-जुलकर और कारिता का अर्थ होता है कार्य करना है।
Q.1 सहकारिता किसे कहते है?
उत्तर— लोगों के साथ मिल-जुलकर आपसी सहयोग के साथ कार्य करने की व्यवस्था को सहकारिता कहते है।
सहकारिता का उद्देश होता है– जिस कार्य को कोई व्यक्ति अकेले नहीं कर सकता है, उस कार्य को लोगों सहकारिता की मदद से मिल-जुलकर करते है।
प्राथमिक कृषि साख समिति क्या है?
उत्तर— प्राथमिक कृषि साख समिति को पैक्स भी कहते है। यह सरकार द्वारा बनाया गया एक समिति है। इसका गठन का मुख्य उद्देश्य कृषकों के कल्याण तथा उनकी कृषि सम्बन्धी जरूरतों को पूरा करना है। कोई भी किसान निर्धारित शुल्क देकर इसका सदस्य बन सकता है। यह किसान के लिए बैंक के तरह कार्य करता है। जब किसानों को ऋण की जरूर पड़ती है, तो यह समिति उनको ऋण प्रदान करती है। पैक्स के द्वारा उचित दर पर ऋण मिलने से किसान ऋण के लिए महाजनों के चंगुल में फँसने से बच जाते हैं।
उपभोक्ता सहकारी समिति — उपभोक्ता सहकारी समिति की स्थापना का मुख्य उद्देश्य थोक व्यापारी अथवा उत्पादकों से सीधे अधिक मात्रा में माल खरीदकर अपने सदस्यों को सस्ते दर पर उपलब्ध कराना है।
सहकारी समिति के सदस्यता प्राप्त करने के लिए धर्म, जाति आदि का कोई बन्धन नहीं है। अर्थात् इसकी सदस्यता खुली होती है। सहकारी समिति के सभी सदस्यों को समान अधिकार प्राप्त होते हैं।
प्रश्न
Q 1. मधुरापुर में मधुरापुर महिला दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति बनने से पहले दूध बेचने व खरीदने की क्या व्यवस्था थी?
उत्तर— दुग्ध उत्पादक अपने दूध को पास के बाजार में या शहर में बेचने ले जाते थे जहां मख्य तौर पर शहर के निवासी या मिठाई दुकानदार दूध खरीदते थे।
Q 2. सहकारी समिति को चलाने के लिए कार्यकारिणी क्यों बनाई जाती है?
उत्तर— ऐसा, समिति के कार्यों का उचित रूप से संचालन करने और समिति के अंदर लोकतांत्रिक व्यवस्था को सुचारू रखने के उद्देश्य से किया जाता है।
Q 3. दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति बनने के बाद दूध उत्पादक परिवारों की जिंदगियों में क्या परिवर्तन आया?
उत्तर— दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति बनने के बाद वहाँ के दुग्ध उत्पादक परिवारों और किसानों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में निरंतर सुधार होने लगा। उन्हें अपने दूध का निश्चित ग्राहक भी मिल गया और दूध की पूरी और सही कीमत भी मिलने लगी।
Q 4. पैक्स के सदस्य कौन होते हैं ?
उत्तर— कृिषक।
Q 5. ऋण देने के लिए पैक्स के पास पैसा कहाँ से आता है ?
उत्तर— सरकार द्वारा ।
Q 6. ऋण देने के अलावा पैक्स और कौन से कार्य करती है ?
उत्तर—
(i) किसानों की बचत का संचय कर बैंक का काम करना ।
(ii) उचित दर पर खाद उपलब्ध कराना।
(iii) बीज भी उचित दर पर देना।
(iv) यह सुनिश्चित करना कि किसानों की फसलों को सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाय ।
Q 7. पैक्स के कारण किसानों को महाजनों के चंगुल से मुक्ति कैसे मिलती है?
उत्तर— आवश्यकता होने पर पैक्स के सदस्य किसानों को सस्ते दर पर ऋण मिल जाता है। इससे किसानों को महाजनों के चंगुल में फंस जाने से मुक्ति मिलती है।
Q 8. पैक्स द्वारा फसल खरीदने से किसानों को क्या फायदा हीता है?
उत्तर— पैक्स द्वारा फसल खरीदने से किसानों को उचित दर पर वे फसल मिल जाती हैं।
Q 9. पैक्स के सदस्य किस साझा उद्देश्य के लिए एकजुट होते हैं?
उत्तर—
(i) किसानों की कृषि सम्बन्धी जरूरतें पूरी होती हैं।
(ii) सस्ते दर पर ऋण मिल जाता है।
(iii) उचित दर पर खाद और बीज मिल जाते हैं।
(iv) उचित मूल्य पर फसल बिक जाती है।
Q 10. सरकार कमजोर वर्गों को पैक्स में हिस्सेदारी दिलाने के लिए क्या करती है?
उत्तर— कोई भी किसान निर्धारित सदस्यता शुल्क और एक शेयर की राशि देकर पैक्स का सदस्य बन सकता है।
Q 11. उपभोक्ता सहकारी समिति जैसी समितियाँ क्यों बनाई जाती हैं ?
उत्तर— उपभोक्ता सहकारी समिति की स्थापना का उद्देश्य थोक व्यापारी अथवा उत्पादकों से सीधे अधिक मात्रा में माल खरीदकर अपने सदस्यों को सस्ते दर पर उपलब्ध कराना है। ये समितियाँ वित्तीय आधार पर कमजोर लोगों को व्यापारियों व दलालों द्वारा किये जाने वाले शोषण से बचाती हैं।
लोगों की पारस्परिक समस्याओं का समाधान निकालने और उस क्षेत्र के लोगों की जीविका या रोजमर्रा के जीवन से सम्बन्धित समस्याओं या मुश्किलों को कम करने के उद्देश्य से ही उपभोक्ता सहकारी समिति जैसी समितियाँ बनाई जाती है।
Q 12. इसके सदस्य बनने के लिए क्या अनिवार्य है?
उत्तर— इसकी सदस्यता स्वैच्छिक होती है यानी कोई भी व्यक्ति स्वेच्छा से किसी सहकारी समिति का सदस्य बन सकता है।
Q 13. थोक व्यापारी या उत्पादक से अधिक मात्रा में सामग्री ख़रीदने के लिए पूँजी कहाँ से आती है?
उत्तर— समिति के सदस्यों द्वारा जमा राशि से जो पूँजी इकटठा होती है. उससे अधिक मात्रा में थोक व्यापारी या उत्पादकों से सीधे सामग्री खरीदी जाती है। इस प्रकार खुदरा बाजार से काफी कम मूल्य पर सामग्री मिल जाती
Q 14. चर्चा कर पता करें थोक व्यापारी या उत्पादक से खरीदी गई वस्तु बाजार से सस्ते मूल्य पर क्यों उपलब्ध होती है ?
उत्तर— थोक व्यापारी से या सीधे उत्पादकों से बड़ी मात्रा में वस्तुएँ खरीदने के कारण ही वस्तुएँ बाजार से सस्ते मूल्य पर उपलब्ध होती हैं।
Q 15 संचित कोष की जरूरत क्यों है ?
उत्तर— संचित कोष के माध्यम से समिति की बेहतरी के लिए नई मशीनें या सामग्री खरीदने तथा आकस्मिक खर्चों को पूरा करने की सुविधा मिल जाती है।
Q 16. आपके अनुसार दुग्ध उत्पादक समितियाँ किस प्रकार की योजनाओं पर खर्च करती हैं ?
उत्तर—
(i) नई मशीनें या नई सामग्री खरीदने के लिए।
(ii) अन्य कल्याणकारी योजनाओं, जैसे अपने सदस्यों को सस्ते में जरूरत पड़ने पर ऋण दिलाना, व थोक में सामान खरीद सदस्यों को सस्ते दर पर उपलब्ध कराना, जैसे चारा, खल्ली आदि ।
(iii) किसानों को लाभ में से बोनस देना।
Q 17. दूधिया का काम और समिति के काम में क्या अंतर है?
उत्तर— दुधिया सिर्फ अपने अकेले के निचली व्यापार की बात सोचता है। उसका काम उसी से शुरू होकर उसी पर खत्म हो जाता है। अपने काम के पूरे लाभ व पूरी हानि का भागीदार वह स्वयं होता है। जबकि समिति सामूहिक व्यापार व सामूहिक हितों व लाभ का समान वितरण के बारे में सोचती है।
समिति एक बैंक की तरह भी काम करती है और सरकार के एक अत्यन्त छोटी इकाई की तरह भी काम करती है। जिसका उद्देश्य अपने सभी सदस्यों की मुश्किलों को दूर करना व उनका संरक्षक बन संकट में उन्हें पिता की तरह बल देना है। समिति सामूहिक हित पर ध्यान देती है जबकि दूधिया निजी हित पर।
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दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 8वीं के राजनितिक शास्त्र के पाठ 07 सहकारिता का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !