हेलो दोस्तों आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 10वीं गणित का चैप्टर 1 वास्तविक संख्या (Real Number) का महत्वपूर्ण तथ्यों के देखने वाले है। कक्षा 10वीं वास्तविक संख्या
वास्तविक संख्या
संख्या पद्धति (Number System)
★ अंक (digit) = 0 से लेकर 9 तक को अंक कहते है।
जैसे–0,1,2,3,4,5,6,7,8,9
★ संख्या (Number) = अंकों के समूह को संख्या कहते है।
जैसे – 10, 123, 15, ……
★ प्राकृत संख्या ( Natural number) = गिनती की सभी संख्या को प्राकृत संख्या कहते हैं। इसे N से सूचित करते हैं।
जैसे – 1,2,3,4,5,………
★ सबसे छोटी प्राकृत संख्या 1 होता है।
★ पूर्ण संख्या (whole Number) प्राकृत संख्या के परिवार में शून्य को शामिल करते हैं, उसे पूर्ण संख्या कहते हैं। इसे W से सूचित करते हैं।
जैसे – 0,1,2,3,4,5,………
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* सबसे छोटी पूर्ण संख्या 0 होता है।
* सभी प्राकृत संख्या पूर्ण संख्या होती है लेकिन सभी पूर्ण संख्या प्राकृत संख्या नहीं होती है।
★ सम संख्या (Even Numbes) = वैसी संख्या जो 2 से पूर्णत: विभाजित हो जाती है, उसे सम संख्या कहते है। जैसे – 2,4,6,8,10,………
* सबसे छोटी सम संख्या 2 होता है।
★ विषम संख्या (odd Number) = वैसी संख्या जो 2 से पूर्णत: विभाजित नहीं होती है, उसे विषम संख्य कहते है।
जैसे – 3,5,7,9,………
★ विषम संख्या का व्यापक रूप 2n+1 होता है।
जहाँ n= संख्या
* सम संख्या का व्यापक रूप 2n होता है।
जहाँ n= संख्या
पूर्णांक (Integer) = जब पूर्ण संख्या के परिवार में ऋणात्मक संख्या को शामिल किया जाता है, उसे पूर्णांक कहते है।
इसे l या Z से सुचित करते है।
जैसे – ………, -2,-1,0,1,2,……
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* भाज्य संख्या या यौगिक संख्या (Composite Number ) = वैसी संख्या जो 1 या स्वयं को छोड़कर दूसरी संख्या से पूर्णतः विभाजित हो, उसे भाज्य संख्या कहते है।
जैसे – 4,6,8,10,………
*सबसे छोटी भाज्य संख्या 4 होता है।
★ अभाज्य संख्या या रूढ़ संख्या (Prime Number)= वैसी संख्या जो 1 या स्वंय को छोड़कर दूसरी संख्या से पूर्णत: विभाजित न हो, उसे अभाज्य संख्या कहते हैं।
जैसे– 2,3,5,7,11,………
* सबसे छोटी अभाज्य संख्या 2 होती है। है।
*सबसे छोटी सम अभाज्य संख्या 2 होती है।
*सबसे छोटी विषम अभाज्य संख्या 3 होती है।
* परिमेय संख्या (Rational number) वैसी संख्या जिसे P/Q के रूप में लिख सकते है, उसे परिमेय संख्या कहते है। जहाँ q≠0 होना चाहिए।
जैसे– 1,2,3,2/5,8/3,…….
* सभी पूर्णांक परिमेय संख्या होता है लेकिन सभी परिमेय संख्या पूर्णाक नहीं होता है।
*अपरिमेय संख्या (lrrational Number)= वैसी संख्या जिसे P/Q के रूप में नहीं लिख सकते है , उसे अपरिमेय संख्या कहते हैं।
जैसे– √3, √5,√6,………
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*दो परिमेय संख्या के बीच अनंत परिमेय तथा अपरिमेय संख्या होती है।
* एक अपरिमेय संख्या और एक परिमेय संख्या का योग,अंतर, गुणनफल तथा भागफल हमेशा अपरिमेय संख्या एक अपरिमेय संख्या होता है।
जैसे– 2×√2=2√2
2+√2
2–√2
* π एक अपरिमेय संख्या है, जब कि 22/7 एक परिमेय संख्या है।
दो अपरिमेय संख्या के बीच अनंत परिमेय तथा अपरिमेय संख्या होती है।
* वास्तविक संख्या (Real Number) = परिमेय तथा अपरिमेय संख्या के समूह को वास्तविक संख्या कहते है।
जैसे– 2+√2 , 2–√2, ………
* गुणनखंड (Factor)= वैसी संख्या जो दिए गए संख्याओं को पूर्ण रूप से विभाजित करे, तो वह दिए गए संख्याओं का गुणनखंड कहलाता है।
जैसे – 12 –1,2,3,4,6,12
* HCF (highest common factor) या म० स० (महत्तम समापवर्तक) = वह बड़ी सी बड़ी संख्या जो दिए गए संख्याओं को पूर्ण रूप से विभाजित करे, उसे म० स० कहते है।
जैसे – 12, 9 का म० स० = 3
10, 5 का म० स० = 5
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* HCF निकालने की दो विधि होती है।
(i) गुणनखंड विधि
(ii) भाग विधि
* LCM (Lowest common multiple) या ल० स० (लघुतम समापवर्तय) = वह छोटी सी छोटी संख्या जो दिए गए संख्याओं से पूर्णतः विभाजित हो जाए, उसे ल० स० कहते है।
जैसे – 2, 4 का ल० स० = 4
2, 3 का ल० स० = 6
*LCM निकालने की दो विधि होती है।
(i) अभाज्य गुणनखंड विधि
(ii) भाग विधि
(i) दो संख्याओं का गुणनफल = HCF × LCM
(ii) HCF × LCM = पहली संख्या × दूसरी संख्या
(iii) पहली संख्या = HCF × LCM /दूसरी संख्या
(iv) दूसरी संख्या = HCF × LCM /पहली संख्या
(v) HCF(a,b) × LCM (a,b) = a × b
(vi) LCM(a,b) = a × b / HCF(a,b)
(vii) HCF(a,b) = a × b / LCM(a,b)
जहां a = पहली संख्या
b = दूसरी संख्या
* HCF × LCM दो संख्याओं के लिए लागू होता है।
* सह अभाज्य संख्या (Co-prime Number) = वैसी दो या दो से अधिक संख्याएं जिनका म० स० 1 हो, उसे सह अभाज्य संख्या कहते है।
जैसे– (5,6) (9,16)
JOIN NOW
* दो या दो से अधिक अभाज्य संख्याओं का गुणनफल एक भाज्य संख्या होता है।
जैसे – 2 × 3= 6
यूक्लिड विभाजन एल्गोरिथम के प्रयोग से
a = bq+r
जहां
a = भाज्य
b = भाजक
q = भागफल
r = शेषफल
* यूक्लिड विभाजन एल्गोरिथ्म केवल HCF के लिए लागू होता है।