आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 8वीं इतिहास का पाठ ‘जातीय व्यवस्था की चुनौतियां’ का नोट्स को देखने वाले है। Jati Vyavastha ki Chunautiyan
जातीय व्यवस्था की चुनौतियां |
👉 मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, जो समाज में रहता है। और अपना जीवन-यापन करता है।
☞ पेशा (काम) के आधार पर समाज और समाज के लोगों को चार भागों में बांटा गया है।
(i) ब्राह्मण
(ii) क्षत्रिय
(iii) वैश्य
(iv) शुद्र
शुद्र वर्ग के नाम
(i) बंगाल → चांडाल
(ii) बिहार → डोम
(iii) महाराष्ट्र → महार
(iv) उत्तर भारत → चमार
ज्योतिराव फूले
(i) समाज में शुद्रो की स्थिति को बदलने के लिए ज्योतिराव फूले ने दीनबंधु नामक मराठी पत्रिका निकाला।
(ii) ज्योतिराव फुले ने 1873 ई में गुलामगिरी नामक पुस्तक निकाला, जिसमें शुद्रो की दासा को फूले ने बताया।
(iii) ज्योतिराव फूले ने सत्यशोधक समाज नामक संगठन बनाया, और उसमें समाज को सुधारने वाले लोगों को जोड़ा।
वीर शेलिंगम
(i) दक्षिण भारत में समाज की स्थिति को सुधारने का कार्य वीर शेलिंगम ने किया।
(ii) इनका पूरा नाम कुंडुकरी वीर शेलिंगम था।
(iii) वीर शेलिंगम ने समाज को सुधारने के लिए तेलुगु भाषा में अनेक लेख लिखे। इसलिए इन्हें तेलुगु गद्य साहित्य का जनक कहा जाता है।
श्री नारायण गुरु
(i) केरल में नानू आसन का जन्म हुआ था, बाद में उन्होंने अपना नाम श्री नारायण गुरु रख लिया।
(ii) यह एक धार्मिक गुरु थे। उन्होंने अपने लोगों के बीच एकता को बनाए रखा। और इन्होंने जाति भेद भाव को कम करने का प्रयास किया।
(iii) नारायण गुरु ने धर्म परिपालन योगम नामक संस्था को 1902 ईस्वी में बनाया। इसका उद्देश्य छुआ-छूत का विरोध करना, विवाह और मृतक अंतिम संस्कार की विधि को आसान करना था।
पेरियार
(i) पेरियार का पूरा नाम ई.वी. रामास्वामी नायकर है।
(ii) पेरियार एक सन्यासी थे, और यह हिंदू वेद, पुराण आदि के कट्टर आलोचक थे।
(iii) इनका मानना था, कि ब्राह्मणों ने निचली जातियों पर कब्जा इन्हीं पुस्तकों के सहारे किया है।
(iv) कांग्रेस द्वारा आयोजित एक भोज में निम्न जाति के लोगों को अलग बैठाया गया, तब पेरियार ने फैसला किया कि अछूतों को अपने स्वाभिमान के लिए स्वयं लड़ना होगा।
(v) तब उन्होंने 1925 में स्वाभिमान (आत्म सम्मान) आदोलन शुरू किया। और आज भी तमिनलाडु के क्षेत्र में यह लोकप्रिय है।
महात्मा गांधी
(i) 1919 में पहला अखिल भारतीय ‘डिप्रेस्ड क्लास’ सम्मेलन हुआ, जिसमें कांग्रेस के द्वारा गांधीजी के सुझाव पर छुआ-छूत के विरुद्ध घोषणा पत्र जारी किया गया।
(ii) 1932 ई० में गाँधीजी ने हरिजन सेवक संघ की स्थापना की।
(iii) गांधीजी ने 1933 ईस्वी में हरिजन नामक साप्ताहिक पत्रिका निकाला, जिसके द्वारा समाज को सुधारने का प्रयास किया गया।
(iv) गांधीजी ने जाति प्रथा के अलावा छुआ-छूत का विरोध किया और महिलाओ की स्थिती सुधारने का प्रयास किया।
भीमराव अंबेडकर
(i) 26 सितंबर 1932 ईस्वी में गांधीजी और भीमराव अंबेडकर के बीच एक समझौता हुआ, और यह समझौता पुना में हुआ, इसलिए इसे पुना समझौता भी कहा जाता हैं।
(ii) भीमराव अम्बेडकर ने 1924 ईस्वी में बहिष्कृत हितकारी सभा का गठन किया।
(iii) 1927 ईस्वी में महाड़ सत्याग्रह डा. भीमराव अंबेडकर ने चलाया।
(iv) भीमराव अंबेडकर ने भेद-भाव का विरोध किया और 1950 ईस्वी में बौद्ध धर्म को अपना लिया।
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दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 8वीं के इतिहास के पाठ 08 जातीय व्यवस्था की चुनौतियां (Jati Vyavastha ki Chunautiyan) का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !