आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 9वीं रसायन विज्ञान का पाठ ‘पदार्थ का वर्गीकरण’ का नोट्स को देखने वाले है। Padarth ka vargikaran
पदार्थ का वर्गीकरण |
प्रश्न 1. तत्त्व किसे कहते है?
उत्तर– एक ही प्रकार के परमाणु से बने शुद्ध पदार्थ को तत्व कहते है। जिसकी संख्या 118 होती है। जैसे– H, He, O
👉 तत्त्व तीन प्रकार के होते है।
(i) धातु = वैसा पदार्थ जिनसे विद्युत धारा प्रवाहित किया जा सकता है, उसे धातु कहते है। जैसे– लोहा, ताँबा
धातु के गुण
(i) सभी धातुओं में चमक होती है।
(ii) सभी धातु ठोस होते हैं। लेकिन पारा अपवाद है।
(iii) सभी धातु आघातवर्ध्य (पीटने पर फैलना) होते है।
(iv) इसमें ऊष्मा का चालक होता है।
(v) इससे विद्युत चालक (विद्युत गुजरना) होता है।
(vi) इसे पीटने पर टन-टन का आवाज करता है।
(vii) सभी धातु तन्य (पीटने पर पतला तार में बदल जाता है) होते हैं।
(ii) अधातु = वैसा पदार्थ जिनसे विद्युत धारा प्रवाहित नहीं किया जा सकता है, उसे अधातु कहते हैं। जैसे– लकड़ी, प्लास्टिक
अधातु के गुण
(i) सभी अधातु में चमक नहीं होती है। लेकिन आयोडीन एक अपवाद है।
(ii) इसमें उष्मा और विद्युत का चालन नहीं होता हैं।
(iii) इसे पीटने पर टुकड़ा-टुकड़ा में टूट जाता है।
(iv) यह ठोस और गैस दोनों होते है, लेकिन ब्रोमीन एक अपवाद है।
प्रश्न 2. यौगिक किसे कहते है?
उत्तर– दो या दो से अधिक तत्वों के मिलने से बने शुद्ध पदार्थ को यौगिक कहते है। जैसे – Co2, H2O
यौगिक के गुण
(i) यौगिक के तत्वों को किसी भी तरीके से अलग-अलग नहीं किया जा सकता है।
(ii) यौगिक में बने तत्व का गुण, पहले के दोनों तत्वों के गुण से अलग होता है। जैसे– H का काम जलना और O का काम जलाना होता है। लेकिन इन दोनों को मिलाते है, तो H2O बनता है, जिसका काम बुझाना होता है।
(iii) यौगिक का द्रवणांक और क्वथनांक निश्चित होता है।
प्रश्न 3. रासायनिक यौगिक किसे कहते है?
उत्तर– रासायनिक अभिक्रिया के फलस्वरूप बने यौगिक को रासायनिक यौगिक कहते है।
प्रश्न 4. मिश्रण किसे कहते है?
उत्तर– दो या दो से अधिक पदार्थों के मिलने से बने नए पदार्थ को मिश्रण कहते है। जैसे– चीनी और पानी, वायु
👉 मिश्रण दो प्रकार के होते है।
(i) समांगी मिश्रण = वैसा मिश्रण जिसके अवयव सभी जगह समान होते है, उसे समांगी मिश्रण कहते है। यह नहीं दिखता है। जैसे– चीनी और पानी का स्वाद, दूध और पानी, शरबत
(ii) विषमांगी मिश्रण = वैसा मिश्रण जिसके अवयव सभी जगह समान नहीं होते है, उसे विषमांगी मिश्रण कहते है। यह दिखता है। जैसे– कुहासा
मिश्रण के गुण
(i) मिश्रण समांगी या विषमांगी हो सकता है।
(ii) मिश्रण को अलग-अलग किया जा सकता है।
(iii) मिश्रण के बनने में कोई रासायनिक अभिक्रिया नहीं होती है।
मिश्रण के प्रकार
(i) ठोस-ठोस का मिश्रण (चीनी और बालू)
(ii) ठोस-द्रव का मिश्रण (चीनी और पानी)
(iii) ठोस-गैस का मिश्रण (मिट्टी और हवा)
(iv) द्रव-गैस का मिश्रण ( पानी और हाइड्रोजन)
(v) गैस-गैस का मिश्रण (वायु गैसों का मिश्रण है)
(vi) द्रव-द्रव का मिश्रण (शराब और पानी)
प्रश्न 5. पृथक्करण किसे कहते है?
उत्तर– मिश्रण के अवयवों को अलग-अलग करने की विधि को पृथक्करण कहते है।
पृथक्करण करने की विधि
(i) हाथ से चुनकर
(ii) चलनी से चालकर
(iii) छानकर
(iv) थिराना या निथारना = थिराना एक ऐसी विधि है, जिसके द्वारा ठोस और द्रव के मिश्रण को अलग किया जाता हैं। जैसे– बालू और पानी का मिश्रण। बालू कुछ समय के बाद पेंदी में बैठ जाता है।
(v) वाष्पन = जल और नमक को वाष्पन विधि द्वारा अलग किया जाता है।
(vi) चुंबकीय पृथक्करण = चुंबकीय पृथक्करण विधि द्वारा किसी मिश्रण से चुंबक अलग किया जाता है। जैसे– बालू और लौहचूर्ण का मिश्रण।
(vii) प्रभाजी स्त्रवण (प्रभावी आसवन) विधि = इस विधि के द्वारा पेट्रोल और जल को अलग किया जाता है। पेट्रोल मिश्रित जल को गर्म करने पर वाष्पित होकर दूसरे बीकर में जमा हो जाता है।
(viii) अपकेंद्रीकरण (मंथन) = इस विधि द्वारा दूध से मक्खन तथा कपड़ा से गंदगी को अलग किया जाता है। इसमें द्रव वाले मिश्रण को बार-बार घुमाया जाता है।
(ix) क्रोमैटोग्राफी = इस विधि के द्वारा दो या दो से अधिक मिश्रित रंगों को अलग किया जाता है। रंगों को ग्रीक भाषा में क्रोमा कहते है, इसलिए इसे विधि को क्रोमैटोग्राफी कहते है।
(x) स्त्रवण = इस प्रक्रिया में किसी द्रव को गर्म कर वाष्प में परिवर्तित किया जाता है फिर उसे ठंडा कर पुन: द्रव में संघनित किया जाता है।
👉 नमक और बालू के मिश्रण को अलग करने के लिए इसे पानी में घोल देंगे। उसके बाद इसे छानकर, गर्म कर देंगे।
>> वायु गैसों का मिश्रण होता है। और जब वायु को 0°c पर जमाया जाता है, तो इससे जल तथा –78°c पर CO2 प्राप्त होता है। और –196°c पर नाइट्रोजन तथा –183°c ऑक्सीजन प्राप्त होता है।
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प्रश्न 6. बारूद के अव्यवों को किस प्राकर अलग करेंगे?
उत्तर– बारूद शोरा (पोटैशियम नायट्रेट), गंधक और चारकोल का मिश्रण होता है। इन्हें अलग करने के लिए सबसे पहले मिश्रण को जल में घोलते हैं जिससे शोरा घुल जाता है, जबकि गंधक और चारकोल नहीं घुलता है। जिसे छानकर अलग कर लेते हैं शोरा जल के विलियन के वाष्पन से शोरा प्राप्त हो जाता है।
अब गंधक और चारकोल के मिश्रण को कार्बन डाईसल्फायट के विलियन में डालते हैं जिससे गंधक विलियन में घुल जाता है, जबकि चारकोल नही घुलता है जिसे छानकर अलग कर लेते हैं। शेष विलियन के वाष्पन करने पर गंधक प्राप्त हो जाता है।
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प्रश्न 7. रासायनिक परिवर्तन किसे कहते है?
उत्तर– अगर कोई वस्तु में परिवर्तन होने के बाद पुनः (दुबारा) उसे उसके पुराने रूप में नहीं लाया जा सकता है, उसे रासायनिक परिवर्तन कहते हैं। जैसे- दूध से दही जमना, दूध से पनीर बनना, कली से फूल बनना, कोयले का जलना, भोजन का पचना, लोहे में जंग लगना।
प्रश्न 8. भौतिक परिवर्तन किसे कहते है?
उत्तर– अगर कोई वस्तु में परिवर्तन होने के बार पुनः (दुबारा) उसे उसके पुराने रूप में लाया जा सकता है, उसे भौतिक परिवर्तन कहते है। जैसे- नमक और जल का मिश्रण, जल से बर्फ बनना, बल्ब का जलना
प्रश्न 9. विलयन किसे कहते है?
उत्तर– दो या दो से अधिक पदार्थों के समांगी मिश्रण को विलयन कहते है। जैसे– नमक और जल का मिश्रण
प्रश्न 10. विलायक किसे कहते है?
उत्तर– जिस द्रव में कोई पदार्थ घुल जाए, उस द्रव को विलायक कहते है।
प्रश्न 11. विलेय किसे कहते है?
उत्तर– जो पदार्थ द्रव में घुलता है, उस पदार्थ को विलेय कहते है।
☞ विलेय (घुलने वाला) + विलायक (घुलाने वाला) = विलयन
👉 विलयन में जो पदार्थ कम मात्रा में रहता है, उसे विलेय और जो अधिक मात्रा में रहता है, उसे विलायक कहते हैं।
प्रश्न 12. जलीय विलयन किसे कहते है?
उत्तर– जब किसी पदार्थ को जल में घुलाकर, विलयन बनाया जाता है, तो उसे जलीय विलयन कहते है।
प्रश्न 13. अजलीय विलयन किसे कहते है?
उत्तर– जब किसी पदार्थ को जल में न घुलाकर, किसी अन्य द्रव में घुलाकर, विलयन बनाया जाता है, तो उसे अजलीय विलयन कहते है।
👉 घुलने के आधार पर विलयन तीन प्रकार के होते है।
(i) असंतृप्त विलयन = वैसा विलयन जिसमें विलेय की और अधिक मात्रा घुलाई जा सकती है, उसे असंतृप्त विलयन कहते है।
(ii) संतृप्त विलयन = वैसा विलयन जिसमें विलेय की अधिकतम मात्रा घुली हो, उसे संतृप्त विलयन कहते है।
(iii) अतिसंतृप्त विलयन = वैसा विलयन जिसमें विलेय की अधिकतम मात्रा से अधिक विलेय घुली होती है, उसे अतिसंतृप्त विलयन कहते है। और इसे गर्म करके विलेय को इसमें मिलाया जाता है।
👉 विलेय के कणों के आधार पर विलयन तीन प्रकार के होते है।
1. वास्तविक विलयन = वैसा विलयन जिसके कणों का आकार 10–8 cm होता है, उसे वास्तविक विलयन कहते है। जैसे– चीनी और पानी का विलयन
वास्तविक विलयन के गुण
(i) इसके कण हमें नहीं दिखाई देते है।
(ii) यह समांगी मिश्रण होता है।
(iii) इसे छानने पर आर पार हो जाता है।
(iv) इसके कण नीचे नहीं बैठते है।
2. कोलॉइडी विलयन = वैसा विलयन जिसके कणों का आकार 10–8 से 10–5 cm के बीच होता है, उसे कोलॉइडी विलयन कहते है। जैसे– मक्खन, स्याही
कोलॉइडी विलयन के गुण
(i) इसके कण हमें हल्के दिखाई देते है।
(ii) यह विषमांगी मिश्रण होता है।
(iii) इसे छानने पर आर पार हो जाता है।
(iv) इसके कण नीचे नहीं बैठते है।
3. निलंबन = वैसा विलयन जिसके कणों का आकार 10–5 cm होता है, उसे निलंबन कहते है। जैसे– जल और बालू का मिश्रण
निलंबन के गुण
(i) इसके कण हमें दिखाई देते है।
(ii) यह विषमांगी मिश्रण होता है।
(iii) इसे छानने पर आर पार नहीं है।
(iv) इसके कण नीचे बैठते है।
प्रश्न 14. ब्राऊनी गति किसे कहते है?
उत्तर– कोलाइड के कण हमेशा टेढ़ी-मेढ़ी गति करते है, जिसे ब्राऊनी गति कहते हैं।
प्रश्न 15. टिंडल प्रभाव किसे कहते है?
उत्तर– कोलाइड के कणों पर जब प्रकाश की किरणें पड़ती है तो वे प्रकाश का प्रकीर्णन कर देते हैं, जिससे कोलायड के कण प्रकाश बिन्दु के रूप में अनियमित गति करते हुए दिखाई देते हैं, जिसे ही टिंडल प्रभाव कहते है।
☞ विलयन की सांद्रण = विलेय /विलयन × 100
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दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 9वीं के रसायन विज्ञान के पाठ 02 पदार्थ का वर्गीकरण (Padarth ka vargikaran) का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !