आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 9वीं हमारी दुनिया का पाठ ‘प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य प्राणी’ का नोट्स को देखने वाले है। Prakritik Vanaspati Awam Wan Prani
प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य प्राणी |
👉 वनस्पति का मतलब पेड़–पौधे होता है।
प्रश्न 1. प्राकृतिक वनस्पति किसे कहते है?
उत्तर– वैसा वनस्पति जिसका निर्माण प्राकृतिक रूप से होता है, उसे प्राकृतिक वनस्पति कहते है।
➣ वनस्पति के जन्म के आधार पर दो भागों में बाँटा जाता है –
(i) देशज वनस्पति किसे कहते है?
उत्तर– वैसा वनस्पति जो मूल रूप से भारत की है, उसे देशज वनस्पति कहते है।
(ii) विदेशज वनस्पति किसे कहते है?
उत्तर– वैसा वनस्पति जो बाहर से आई हुई है, उसे विदेशज वनस्पति कहते है।
☞ भारत देश में लगभग 47 हजार से ज्यादा पौधे की प्रजातियां पाई जाती है। अधिक पौधे के कारण भारत विश्व में दसवें स्थान पर और एशिया के देशों में चौथे स्थान पर आता है।
⪼ भारत में लगभग 15 हजार से ज्यादा फूलों के पौधे हैं, जो विश्व में फूलों के पौधों का 6% है। भारत में लगभग 89 हजार प्रजातियों के जानवर पाए जाते हैं।
प्रश्न 2. वन किसे कहते है?
उत्तर– बड़े-बड़े वृक्षों एवं झाड़ियों द्वारा ढंके हुए विशाल क्षेत्र को वन कहते हैं।
👉 वनस्पति एवं वन्य प्राणी में विविधता के कारण
(i) भू-भाग का स्वरूप
(ii) मिट्टी
(iii) जलवायु
भू-भाग का स्वरूप
☞ भारत देश का संपूर्ण भूभाग मैदान, पर्वत, पठार, मरुस्थल, डेल्टा प्रदेश इत्यादि क्षेत्रों में बटा हुआ है। इसलिए हर जगह अलग-अलग तरह के वनस्पति एवं वन्य प्राणी मिलते है।
मिट्टी
⪼ भारत में अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग मिट्टी पाई जाती है, इसलिए वहां पर उगने वाले वनस्पति भी अलग-अलग होते है।
जलवायु
(i) तापमान = तापमान से वनस्पति की विविधता प्रभावित होती है। जहां तापमान अत्यंत कम होता है, वहां पौधे उग ही नहीं पाते हैं।
(ii) सूर्य का प्रकाश = सूर्य का प्रकाश भी वनस्पति की विविधता को प्रभावित करता है। और सूर्य का प्रकाश अधिक मिलने के कारण पेड़ पौधे भी अधिक बढ़ते हैं।
(iii) वर्षण = वर्षा की मात्रा वनस्पति को नमी उपलब्ध कराती है तथा इससे वनस्पति को बढ़ने में सहायता मिलती है।
प्रश्न 3. पारिस्थितिक तंत्र किसे कहते है?
उत्तर– किसी भी जगह के पेड़-पौधे तथा जीव-जंतु अपने भौतिक वातावरण से अंतर्संबंधित होते हैं, तथा एक दूसरे से भी संबंधित होते हैं। अतः ये तीनों आपस में मिल कर एक पारिस्थितिक तंत्र का निर्माण करते हैं।
वनस्पति के प्रकार
(i) उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन
(ii) उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वन
(iii) उष्ण कटिबंधीय कँटीले वन तथा झाड़ियाँ
(iv) पर्वतीय वन
(v) मैंग्रोव या डेल्टाई वन
उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन
(i) सदाबहार वन में पतझड़ (पत्ता झड़ने) होने का कोई निश्चित समय नहीं होता है। और यह वन सालों भर हरे भरे नजर आते है।
(ii) यह वन 200cm से अधिक वर्षा वाले स्थानों पर उगते हैं। इन वनों में वृक्षों की ऊंचाई 60 मीटर या उससे अधिक तक होती है।
(iii) सघन वन होने के कारण सूर्य का प्रकाश धरातल पर नहीं पहुंच पाता है।
(iv) यह वन पश्चिमी घाट, लक्ष्यद्वीप, अंडमान निकोबार द्वीप समूह, असम के ऊपरी भाग तथा तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
(v) सदाबहार वनों में पाए जाने वाले मुख्य वृक्ष एबोनी, महोगनी, रोजवुड, रबड़ और सिनकोना है। इन वनों में पाए जाने वाले मुख्य जानवर हाथी, बंदर, लेमूर और हिरण है।
उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वन
(i) पर्णपाती वन भारत में सबसे बड़े क्षेत्र में फैले हुए वन है, इसे मानसूनी वन भी कहा जाता है।
(ii) इन वनों में वृक्ष अपने पतियों को एक साथ डेढ़ से 2 महीने तक के लिए गिरा देते हैं। और कुछ समय के लिए पतझड़ हो जाते हैं।
(iii) इन जंगलों में मुख्य रूप से सिंह, शेर, सुअर, हिरण, हाथी, विभिन्न प्रकार के पक्षी, छिपकली, सांप, कछुए इत्यादि पाए जाते है।
☞ नमी की उपलब्धता के आधार पर पर्णपाती वनों को दो भागों में बांटा गया है।
आर्द्र पर्णपाती वन
(i) इन वनों में 100 से 200 cm वर्षा होती है।
(ii) ऐसे वन देश के पूर्वी भागों, हिमालय के गिरिपद प्रदेशों, झारखंड, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ में पाए जाते हैं।
(iii) इन वनों में चंदन, सागवान मुख्य रूप से पाए जाते हैं। इसके अलावा बांस, शाल, कुसुम, अर्जुन तथा शहतूत के वृक्ष भी पाए जाते है।
शुष्क पर्णपाती वन
(i) इन वनों में 50 से 100 सेंटीमीटर वर्षा होती है।
(ii) यह वन प्रायद्वीपीय पठार के आंतरिक भाग, उत्तर प्रदेश तथा बिहार के मैदानों में पाए जाते हैं।
(iii) इन वनों में सागवान, शाल, पीपल तथा नीम के वृक्ष उगते हैं।
उष्ण कटिबंधीय कँटीले वन तथा झाड़ियाँ
(i) इन वनों में वर्षा 50 cm से कम होती है।
(ii) यह वन गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर-प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि जगहों पर पाए जाते है।
(iii) इस वन में खजूर, यूफोर्बिया, एकेसिया (बबूल) तथा नागफनी (कैक्टस) आदि का पेड़ पाए जाते है।
(iv) इन वनों में चूहे, खरगोश, लोमड़ी, भेड़िया, जंगली गधा और ऊँट पाए जाते है।
(v) इनकी जड़ें अत्यंत गहरी होती हैं। तने मोटे होते हैं और पत्तियाँ मोटी, रोएँदार या गूद्देदार होती हैं।
पर्वतीय वन
(i) हिमालय के निचले भागों में उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन तथा उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वन पाए जाते हैं।
(ii) 1000 मीटर से 2000 मीटर तक की ऊँचाई वाले क्षेत्रों में आर्द्र शीतोष्ण कटिबंधीय वन पाए जाते हैं। इनमें चौड़ी पत्ती वाले ओक, लारेल तथा चेस्टनट वृक्षों पाए जाते है।
(iii) 1500 से 3000 मीटर की ऊँचाई के बीच शंकुधारी वृक्ष जैसे– चीड़, देवदार, सिल्वर फर, स्पूस आदि वृक्ष पाए जाते हैं।
(iv) इससे अधिक ऊँचाई लगभग (3,600 मीटर से अधिक) पर अल्पाइन वनस्पति पाई जाती है।
(v) हिम रेखा और वन रेखा के बीच में घास और फूल के मैदान अवस्थित हैं। गढ़वाल हिमालय में फूलों की घाटी इसका उदाहरण है।
(vi) जैसे-जैसे हिमालय के निकट बढ़ते जाते है, वृक्षों का कद घटता जाता है।
मैंग्रोव वन
(i) यह वन समुद्री तटीय क्षेत्रों के डेल्टाई एवं दलदली प्रदेशों में पाये जाते हैं।
(ii) यह वन गंगा, ब्रह्मपुत्र, कृष्णा, कावेरी आदि नदियों के डेल्टाई भागों में तथा अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के तटीय भागों में पायी जाती है।
(iii) डेल्टाई क्षेत्रों और अंडमान निकोबार द्वीप समूह के क्षेत्रों में सुंदरी नामक वृक्ष अधिक मात्रा में पाए जाते है।
(iv) सुन्दरवन प्रदेश में रॉयल बंगाल टाइगर सबसे प्रसिद्ध जानवर पाया जाता है। इसके अलावा मगरमच्छ, घड़ियाल, कछुआ, साँप आदि भी बड़ी संख्या में पाए जाते हैं।
वन्य प्राणी
(i) भारत विश्व का अकेला ऐसा देश है, जहाँ शेर और बाघ दोनों ही पाए जाते हैं।
(ii) भारतीय शेर, गुजरात के गिर अभ्यारण में पाए जाते है।
(iii) भारतीय बाघ, पश्चिम बंगाल के सुंदर वन, मध्य प्रदेश, झारखंड तथा हिमालय क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
(iv) लद्दाख के ठंढे प्रदेशों में याक पाया जाता है और भारत ही एक ऐसा देश है, जहाँ घड़ियाल पाया जाता है।
(v) भारत में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 ईस्वी में लागू किया गया।
प्रवासी पक्षी
➣ शीत ऋतु में साइबेरियन सारस बहुत बड़ी संख्या में भारत आते हैं। इनके कुछ मनपसंद स्थान गुजरात में कच्छ का वन, राजस्थान स्थित भरतपुर पक्षी विहार तथा बेगुसराय का कॉवर झील है।
प्रश्न 4. जैवमण्डल आरक्षित क्षेत्र किसे कहते है?
उत्तर– यह एक ऐसा क्षेत्र होता है, जहाँ जैव विविधता (पेड़-पौधे और जीव) को संरक्षित किया जाता है।
☞ चौदह जैवमंडल निचय (आरक्षित क्षेत्र)
(1) सुंदरवन (2) मन्नार की खाड़ी
(3) नीलगिरि (4) नंदा देवी
(5) नोकरेक (6) ग्रेट निकोबार
(7) मानस (8) सिमलीपाल
(9) दिहांग दिबांग (10) डिबू साईकवोच
(11) अगस्त्य मलाई (12) कंचनजंघा
(13) पंचमढ़ी (14) अचनकमार-अमरकंटक
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दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 9वीं के हमारी दुनिया के पाठ 05 प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य प्राणी (Prakritik Vanaspati Awam Wan Prani) का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !