आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 8वीं इतिहास का पाठ ‘उपनिवेशवाद एवं जनजातीय समाज’ का नोट्स को देखने वाले है। Upniveshvad Evam Janjati Samaj
उपनिवेशवाद एवं जनजातीय समाज |
प्रश्न 1. उपनिवेशवाद किसे कहते हैं?
उत्तर— जब एक देश दूसरे देश पर नियंत्रण या शासन करता है, तो उसे उपनिवेशवाद कहते है।
👉 इस पाठ में हमलोग देखेंगे कि भारत के वनों तथा पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले जनजातीय समाज के लोगों के जीवन पर अंग्रेजो ने कैसे प्रभाव डाला।
जनजातीय समाज का जीवन
जनजातीय समाज के लोगों को आदिवासी कहते है। ऐसा इसलिए क्योंकि वे इस महाद्वीप पर सबसे पुराने समय से रहने वाले लोग है। प्राचीनकाल से आदिवासी लोग वनों पर निर्भर रहते थे और इनकी बस्ती जंगलों के बीच में होती है। और ये भोजन के लिए वनों के फल और जानवरों के शिकार पर निर्भर रहते थे। बाद में ये जंगलों को साफ कर झूम खेती करने लगे।
प्रश्न 2. झूम खेती किसे कहते हैं?
उत्तर— झूम खेती में जंगल किसी भी भाग को कांट छांट कर साफ करते थे और इस भाग पर दो तीन वर्ष तक खेती करते थे। और जब इस भाग की मिट्टी का उर्वरा शक्ति समाप्त हो जाती थी तो यही प्रक्रिया किसी दूसरे भाग पर दुहराते थे।
प्रश्न 3. घुमंतू कृषि विधि किसे कहते है?
उत्तर– झूम खेती करने के बाद उस भाग को छोड़ देने पर पुनः वहां जंगल उग जाता था, जिससे आदिवासी लोगों की खेती भी हो जाती थी और जंगल को नुकसान भी नहीं पहुंचता था। इसी विधि को घुमंतू कृषि विधि कहते है।
👉 आदिवासी लोग जंगल का उपयोग लकड़ी, जड़ी-बूटी और भोजन के लिए किया करते थे। आदिवासी लोग शहद, जड़ी बूटी, फल, आदि का व्यापार करते थे। आदिवासी महिलाएं घरों में चटाई, बुनाई का काम करती थी।
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प्रश्न 4. भू-राजस्व किसे कहते है?
उत्तर– भूमि से संबंधित कर को भू-राजस्व जहते हैं।
प्रश्न 5. जब अंग्रेज ने जंगल पर कर लगाया, तो आदिवासी पर क्या प्रभाव पड़ा?
(i) कर देना पड़ता था।
(ii) झूम खेती बंद हो गया। मनचाहा फल नहीं खा सकते थे।
(iii) लकड़ी जंगल से प्राप्त नहीं कर सकते थे।
👉 भारत में पहली बार ट्रेन 16 अप्रैल 1853 ईस्वी में मुंबई से थाने तक 34 किलोमीटर चला।
💠 लकड़ी का उपयोग अंग्रेज रेल लाइन बिछाने, जहाज बनाने, घर बनाने में आदि कामों में करते थे।
👉 1864 ईस्वी में वन विभाग की स्थापना किया गया और 1865 ईस्वी में वन अधिनियम बनाया गया। वन विभाग का काम जंगल की कटाई पट निगरानी रखना और नए जंगल लगाना था।
💠 वन अधिनियम के लागू होने के बाद आदिवासी अपनी मर्जी से लकड़ी कटाने, जानवर चराने, फल-फूल इकठ्ठा आदि नहीं कर सकते थे।
प्रश्न 6. स्लीपर किसे कहते है?
उत्तर– लकड़ी का तख्ता जिसके ऊपर रेल की पटरिया बिछाई जाती है, उसे स्लीपर कहते है।
👉 कर्ज में दबने के कारण आदिवासी लोग महाजन के बंधुआ मजदूर बन गये।
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प्रश्न 7. बेगारी किसे कहते है?
उत्तर– जब कोई व्यक्ति बिना वेतन के काम करता है, उसे बेगारी कहते हैं।
भील जनजाति गुजरात, मध्य प्रदेश, आंध प्रदेश, राजस्थान आदि जगहों पर रहते थे। भील जनजाति और गोंड जनजाति महाजन और साहूकार के विरुद्ध आंदोलन किया।
👉 बिहार में संथाल और मुंड जनजाति ने विद्रोह किया।
बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवम्बर 1874 को छोटानागपुर के चलकंद में हुआ था। इनके पिता का नाम सुगना मुंडा और माता का नाम कदमी था। बिरसा मुंडा ने ईसाई धर्म को अपनाया और बाद में फिर अपना जनजाति अपना लिए।
बिरसा मुंडा का कुलदेव सिंगबोगा था। बिरसा मुंडा अपने आपको भगवान का अवतार बताया। और अंग्रेजो को खत्म करने का प्रयास किया।
प्रश्न 8. बंधुआ मजदूर किसे कहते है?
उत्तर– वैसा मजदूर जो किसी के अधीन रहकर काम करता हैं, उसे बंधुआ मजदूर कहते हैं।
25 दिसंबर 1899 ई. को बिरसा मुड़ा ने पहला आक्रमण ईसाई मिशनरियों पर किया गया। और इसके बाद उनको जेल हो गया। और जेल में 2 जून 1900 ईस्वी को हैजा की बिमारी के कारण बिरसा मुंडा मृत्यु हो गई।
उत्तर पूर्व भारत में जेलियांगरांग आंदोलन
उत्तर पूर्व भारत में अंग्रेजों के खिलाफ नागा जनजाति ने आंदोलन किया। लेकिन सन् 1891 ईस्वी में जब मणिपुर के युवराज टिकेंद्र जीत सिंह को फांसी पर चढ़ाकर अंग्रेजों ने उस पर अपना अधिकार कर लिया तब नागा जाति के लोगों का विद्रोह और तेज हो गया।
इस समय मणिपुर में जेमेई, लियांगमेई एवं रांगमेई नामक नागा जनजाति रहता था। रांगमेई जनजाति के नेता जांदोनांग थे। और इन्हीं समुदाय के लोग ने जेलियांगरांग आंदोलन किया। और इन्हीं तीनों समुदाय के कारण इस आंदोलन का नाम जेलियांगरांग रखा गया।
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जांदोनांग ने अपनी तेरह वर्ष की चचेरी बहन गिंडाल्यू के साथ मिलकर जेलियांगरांग आंदोलन की योजना बनाई और नागा राज्य की स्थापना का प्रयास किया। और 29 अगस्त 1929 को अंग्रेजो ने जांदोनांग को फांसी की सजा दी। और गिंडाल्यू को अंग्रेजों ने जीवन भर के लिए जेल की सजा सुनाई। सन् 1947 ईस्वी में आजादी मिलने के बाद गिंडाल्यू को रिहा किया गया।
अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद जनजातियों के हित में बहुत सारे नियम और कानून बनाए गए। और 1 दिसंबर 1963 को नागालैंड राज्य की स्थापना किया गया। तथा संविधान में उत्तर पूर्वी राज्य ( असम, नागालैंड, त्रिपुरा, मणिपुर आदि ) को विशेष दर्जा दिया गया।
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दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 8वीं के इतिहास के पाठ 04 उपनिवेशवाद एवं जनजातीय समाज (Upniveshvad Evam Janjati Samaj) का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !
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